बीपीएससी द्वारा नये शिक्षकों की बहाली के बाद पुराने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारों-इशारों में इस बात की जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पटना के गांधी मैदान में झंतोत्तोलन के बाद अपने संबोधन में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की सफलता के बारे में विस्तार से बात की। इसके अतिरिक्त नीतीश कुमार ने विभिन्न विभागों द्वारा चल रही बहाली प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने प्रत्यक्ष रूप से यह नहीं कहा कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा, बल्कि इशारों में इसकी जानकारी दी।
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मुख्यमंत्री ने कहा, “हम बच्चे-बच्चियों को पढ़ाना चाहते हैं। तब ही हमने तय किया कि जैसे पहले सबकुछ सरकारी होता था, वैसे इस बार भी सरकारी तौर पर हमलोग इस काम को कर देंगे। यानि पूरे तौर पर यह काम किया जा रहा है। बाकी जितने भी (शिक्षक) हैं उनके लिए भी हमलोग ध्यान दे रहे हैं। अब वो (नियोजित शिक्षक) चिंता न करें। आज ही के दिन हम कह देते हैं कि यह बहाली हो जाने दीजिए और इसके बाद बाकी लोग भी हैं, उनके लिए भी हमलोग ऐसा काम कर देंगे कि सब लोग सरकार से जुड़ जाएंगे। यह काम हम लोगों के मन में है। लेकिन पहले यह काम हो जाएगा, बाकी इसके बाद सब लोगों से बात कर के देखा जा रहा है। हम सब से आग्रह करते हैं कि पढ़ाइए ठीक से। जो पढ़ाएंगे नहीं, गायब रहेंगे, उन पर कार्रवाई होगी।”
सहरसा में बनेगा मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार मेडिकल क्षेत्र में भी तेज़ी से विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े स्तर पर मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों की स्थापना हो रही है। नीतीश कुमार ने सहरसा में नए मेडिकल कॉलेज शुरू करने की घोषणा भी की।
“पहले बिहार में सिर्फ 6 मेडिकल कॉलेज व अस्पताल थे, अब 11 मेडिकल कॉलेज व अस्पताल कार्यरत हैं। इसके अलावा और 13 मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। हम तो तय कर लिये हैं कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज हो। जिले वाला तो आगे की योजना है। लेकिन जो 9 प्रमंडलीय मुख्यालय हैं, उनमें 8 जगह मेडिकल कॉलेज है या बन रहा है। एक ही प्रमंडल के बारे में पता चला कि सहरसा (प्रमंडल) में नहीं है। हमारी सरकार ने तय किया है कि सहरसा में भी मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा हमलोगों ने तय किया है कि पटना मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में 5,462 बेड की क्षमता का निर्माण किया जाएगा। एक हिस्से का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में इतनी क्षमता नहीं है,” उन्होंने कहा।
बच्चियों के पढ़ने से घट रहा प्रजनन दर
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में लड़कियों के पढ़ने से प्रजनन दर घट रही है। उन्होंने कहा कि पहले बिहार का प्रजनन दर 4.3 थी जो अब घटकर 2.9 पर आ गयी है, और जैसे-जैसे लड़कियों की साक्षरता दर बढ़ेगी, राज्य का प्रजनन दर भी घटेगी।
उन्होंने कहा, “हमलोग क्यों कह रहे हैं कि बच्चियों की पढ़ाई ज़रूरी है आप समझ रहे हैं। बिहार में प्रजनन दर 4.3 थी। जो सर्वे हुआ था उसमें अगर लड़की मैट्रिक पास है तो देश के विभिन्न हिस्सों में प्रजनन दर 2 थी। बिहार में भी हमलोग (सर्वे) करवाए तो लड़की अगर मैट्रिक पास है तो उसकी भी प्रजनन दर 2 थी। मैट्रिक के आगे अगर लड़की पढ़ी हुई है तो पूरे देश में प्रजनन दर 1.7 थी। जब बिहार के कई हिस्सों में सर्वेक्षण हुआ तो प्रजनन दर 1.6 थी। इससे मुझे इतनी खुशी हुई कि हमने तय किया कि हम सब भी लड़की को इंटर तक पढ़वाएंगे।”
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