समस्तीपुर जिले के मोहनपुर ओपी अध्यक्ष नंद किशोर यादव की देर रात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। नंद किशोर यादव अररिया जिले के पलासी स्थित दिघली गांव के रहने वाले थे। समस्तीपुर पुलिस उनके पार्थिव शरीर को लेकर अररिया के दिघली गांव पहुंची। तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर के पहुंचते ही पूरे गांव में मातम छा गया।
नंदकिशोर यादव के पार्थिव शरीर को अंतिम बार देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। रोते बिलखते परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधवाने के लिए गांव के लोग जमा हो गए।
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दिघली गांव के लोगों ने बताया कि नंदकिशोर यादव एक मृदु भाषी और आम लोगों को सहयोग करने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कभी गांव के लोगों पर ऐसा नहीं जताया कि वह दरोगा हैं। वह हमेशा लोगों की मदद के लिए खड़े रहते थे और हर जाति धर्म के लोगों से घुल मिलकर रहते थे, इसलिए गांव के सभी लोग उनके निधन पर गमगीन हैं।
पड़ोसी बहादुर मांझी ने बताया कि नंद किशोर यादव बड़े नेक स्वभाव के थे और जरूरत पड़ने पर लोगों की मदद भी करते थे। मांझी ने नंद किशोर के परिजनों के लिए सरकार से मुवाअजे की मांग की और कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। गांव के मो. हलीमुद्दीन और मो. तौहीद ने भी कहा कि नंद किशोर बहुत ही हंसमुख मिज़ाज के थे और सब की खबर खैरियत लेते रहते थे। उन्होंने कहा कि उनके गुजर जाने से गांव में एक कमी सी महसूस हो रही है।
अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने इस घटना पर नीतीश कुमार को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है और नीतीश कुमार से कानून व्यवस्था संभल नहीं रही है।
“मैं जानना चाहता हूं बिहार के मुख्यमंत्री सुशासन बाबू से… सुशासन बाबू आप यह बताइए कि आपके राज में जब दारोगा सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या होगा? आज पूरे बिहार में लॉ एंड ऑर्डर खत्म हो गया है। अपराधियों में सरकार का कोई भय नहीं है, कोई डर नहीं है। इसलिए सुशासन बाबू आपसे बिहार की जनता जानना चाहती है कि आप कहते हैं कि हम बड़े सुशासन बाबू हैं, दारोगा जब महफूज नहीं है सुरक्षित नहीं है, आपको इसका जवाब देना पड़ेगा,” उन्होंने कहा।
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