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“बच्चा का एक्सीडेंट होगा तो डीएम साहब लाकर देगा?” – किशनगंज डीएम आवास के पास घेराबंदी से स्थानीय लोगों में आक्रोश

लोगों का रास्ता बंद होने से महिलाएं भी चिंतित हैं। बस्ती की कई महिलाएं मजदूरी करती हैं और काम के लिए उन्हें दूसरे मोहल्लों में जाना पड़ता है। जैसे ही यह खबर आई कि घेराबंदी के लिए अंचलाधिकारी पहुंचे हैं तो कई महिलाएं सड़कों पर उतर आईं।

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बिहार के किशनगंज नगरीय क्षेत्र स्थित धर्मगंज में डीएम आवास के पास घेराबंदी करने आए अंचलाधिकारी को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। उक्त जमीन की घेराबंदी का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि पिछले 40 वर्षों से हज़ारों की संख्या में लोग इसी रास्ते से आते जाते हैं। घेराबंदी होने से लोगों का मुख्य मार्ग बंद हो जाएगा जिससे मज़दूरों और छात्रों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

 

 


स्थानीय निवासी रोशन कुमार ने बताया कि कि इलाके के लोग दलित परिवार से आते हैं जो मज़दूरी कर जीवनयापन करते हैं। यह रास्ता बंद हो गया तो लोगों को 3 किलोमीटर घूम कर जाना होगा, जहां बरसात में काफी जलजमाव रहता है। जलजमाव और दूरी की समस्या को देखते हुए वर्षों पहले यह रास्ता बनाया गया था जिसकी अब घेराबंदी की जा रही है।

रोशन कुमार कहते हैं, “40-45 साल से उस रास्ते से हमलोग आना जाना कर रहे हैं। हमलोग का पानी उस रास्ते से आ- जा रहा है। छोटा छोटा बच्चा यहां से स्कूल जा रहा है। चार साल का बच्चा अगर उधर घूम कर जाएगा और टोटो या गाड़ी वाला धक्का मार दे तो कोई घर वाला अपना बच्चा को पढ़ने नहीं भेजेगा। आज पांच सौ कमाने के लिए हर एक महिला घर घर जाती है काम करने। अगर 12 बजे रात को कोई मरीज़ हो या किसी महिला की डिलीवरी हो तो वो किधर से जाएगा।”

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उन्होंने आगे कहा, “हमारा यही मांग है कि इस रास्ते को नहीं घेरा जाए। मांग पूरी नहीं हुई तो हमलोग प्रदर्शन करेंगे। हमलोग आवेदन लेके गए थे। डीएम सर छुट्टी पर थे। आज हमलोग फिर जाएंगे उनको आवेदन देने। यहां लगभग 5 हज़ार की आबादी है। यह पूरा दलित बस्ती है। ये सब मज़दूर लोग काम छोड़कर यहां आया हुआ है। आप चलकर देखिए, हमलोग किस तरह से गुज़ारा कर रहे हैं।”

पूर्व जिला पदाधिकारी ने रास्ते के लिए छोड़ी थी जमीन

मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक सिकंदर सिंह ने कहा कि डीएम आवास जब बन रहा था तब तत्कालीन जिला पदाधिकारी आर.एस.बी. सिंह से कहकर यहां के लोगों के आने जाने के लिए रास्ता छुड़वाया गया था। उसी समय यहां सार्वजनिक शौचालय का भी निर्माण हुआ था। इस रास्ते को बंद करने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा इसलिए लोग जिला पदाधिकारी के इस निर्णय से काफी आक्रोशित हैं।

“यह जब आवास बन रहा था तो आर.एस.बी. सिंह डीएम थे। उसी समय वह इसे घेरना चाह रहे थे, तो हमने कहा कि यह रास्ता है इसे मत घेरिये, वह मान गए और लोगों के लिए शौचालय का भी निर्माण करा दिए। घेर देने से यह दिक्कत है कि पीछे निचले स्तर की जमीन है, वहां पानी भरा रहता है। आदमी लोग कैसे जाएगा। आपको लगता है कि इधर से चोरी होगा, डकैती होगा तो आप दीवार ऊंचा कर लीजिए,” सिकंदर सिंह ने कहा।

वहीं स्थानीय निवासी संजय पासवान ने कहा कि रास्ता बंद होने से स्थानीय लोगों के लिए कठिनाई बढ़ जाएगी। उन्होंने जिला पदाधिकारी से रास्ता न बंद करने अनुरोध किया और कहा कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो सभी लोग धरने पर बैठ जाएंगे ।

“यहां दलितों की आबादी है, सब गरीब तबके के लोग हैं यहां पर। सिकंदर भइया की वजह से यह रास्ता हमको मिल गया था। उस समय आरएसबी सिंह करवाए थे, वह शौचालय भी बना के दिए थे। बरसात में पीछे पानी जम जाता है तो आने जाने का यही एक रास्ता है। बंद कर देंगे, तो हमलोग को आने- जाने का रास्ता भी नहीं मिलेगा। डीएम साहब से अनुरोध करते हैं कि रास्ता को रखा जाए। अगर जरूरत है तो बाउंड्री ऊंचा कर लिया जाए। अगर मांग पूरी नहीं हुई तो हम धरना प्रदर्शन करेंगे,” संजय पासवान ने कहा।

महिलाओं ने पूछा- “रास्ता बंद हुआ तो बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे”

लोगों का रास्ता बंद होने से महिलाएं भी चिंतित हैं। बस्ती की कई महिलाएं मजदूरी करती हैं और काम के लिए उन्हें दूसरे मोहल्लों में जाना पड़ता है। जैसे ही यह खबर आई कि घेराबंदी के लिए अंचलाधिकारी पहुंचे हैं तो कई महिलाएं सड़कों पर उतर आईं।

स्थानीय बुज़ुर्ग उमा देवी ने जिला पदाधिकारी से सड़क की घेराबंदी न करने की मांग की और कहा कि रास्ता बंद हुआ तो छोटे बच्चों को घूम कर मुख्य सड़क से जाना होगा जिसमें दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाएगा।

उमा देवी कहती हैं, “यहां 40 साल से रास्ता है। अभी जो बंद कर देगा और बच्चा लोग मेन रोड से जाएगा तो एक दिन में दस बच्चा का एक्सीडेंट होगा तो डीएम साहब लाकर देगा ? यह हमारी मुख्य सड़क है, इसको रहने दीजिए और बच्चा लोग को पढ़ाने दीजिए। हमलोग मज़दूरी कर के बच्चा लोग को पढ़ाते हैं। यही रास्ता से बच्चा सब जाता है। डीएम साहब से हमारा कहना है कि रोड हमको दे दीजिए, इसको मत घेरिये।”

“बोलता है बेटी बचाओ, कहां से बचेगी बेटी”

स्थानीय स्कूली छात्राओं ने भी डीएम आवास के विस्तार पर अपना विरोध दर्ज किया। उनका कहना है कि सभी स्कूली छात्र छात्राएं इसी रास्ते से स्कूल जाते हैं। अगर यह रास्ता बंद हुआ तो कई किलोमीटर घूम कर जाना होगा। ऐसे में सुरक्षा का प्रश्न तो रहेगा ही साथ ही साथ स्कूल पहुँचने में देरी होने से परीक्षा देने में कठिनाइयां आएंगी। सबसे अधिक दिक्कतें बरसात के दिनों में आएगी।

लकी कुमारी ने कहा कि सरकार ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा लगाती है, अगर हमारा रास्ता बंद हो जाएगा तो बेटियां स्कूल कैसे जाएंगी। “छोटा छोटा बच्चा को कुछ होगा तो डीएम साहब देंगे? अगर देंगे, तब उनको दीवार घेरने देंगे। हमलोग रास्ता घेरने ही नहीं देंगे। बोलता है ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कहां से बेटी बचेगी? सिर्फ बोलता है। इधर से घेरने ही नहीं देंगे,” लकी कुमारी बोली।

घेराबंदी करने पहुंचे अंचलाधिकारी क्या बोले

जमीन की घेराबंदी करने पहुंचे अंचलाधिकारी कपिल कुमार सोनी ने बताया कि यह जमीन जिला पदाधिकारी के सरकारी आवास के नाम से निबंधित है। जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला का आदेश है कि उक्त जमीन को डीएम आवास के अंदर ले लिया जाए। स्थानीय लोगों के विरोध की सूचना जिला पदाधिकारी को दी गई है, उनके निर्देशानुसार आगे कदम उठाया जाएगा।

अंचलाधिकारी ने बताया, “यह जो थोड़ी सी ज़मीन छूटी हुई है जहां सड़क बनी हुई है वो डीएम आवास के नाम से निबंधित है। सर का कहना है कि उस सड़क को आवास के अंदर ले आया जाए। उसी आधार पर कोशिश की जा रही है कि उस दीवार को बढ़ा कर आगे तक कर दिया जाए। अभी तक यह आदेश प्राप्त हुआ है।”

उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय लोगों के विरोध के बाद घेराबंदी नहीं की गई है और आगे जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला के आदेश का इंतज़ार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “लोगों की बात सुनी जा रही है। अब इस पर डीएम सर से बात की जाएगी। जो भी इसका निर्णय निकलता है उस पर कार्रवाई की जाएगी।”

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Amit Kumar Singh, a native of Kishanganj, Bihar, holds a remarkable 20-year tenure as a senior reporter. His extensive field reporting background encompasses prestigious media organizations, including Doordarshan, Mahua News, Prabhat Khabar, Sanmarg, ETV Bihar, Zee News, ANI, and PTI. Notably, he specializes in covering stories within the Kishanganj district and the neighboring region of Uttar Dinajpur in West Bengal.

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