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चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और डॉ. स्वामीनाथन को मिलेगा भारत रत्न

देश के दो पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हा राव को भारत रत्न से नवाजा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की है। कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न दिया जाएगा।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
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देश के दो पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हा राव को भारत रत्न से नवाजा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की है। कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न दिया जाएगा।


पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।

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उन्होंने आगे लिखा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।”


पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने की घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि पूर्व प्रधान मंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना बड़ी खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में, नरसिम्हा राव ने विभिन्न क्षमताओं में भारत की सेवा की।

पीएम मोदी ने पोस्ट में लिखा, “ उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधानसभा सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है। उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में सहायक था।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे लिखा, “प्रधान मंत्री के रूप में नरसिम्हा राव ने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला। इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान एक ऐसे नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है, जिन्होंने न केवल महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।”

हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा करते हुए पीएम ने बताया कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है।

एक्स पर पीएम मोदी ने लिखा, “उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए। हम एक अन्वेषक और संरक्षक के रूप में और कई छात्रों के बीच सीखने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने वाले उनके अमूल्य काम को भी पहचानते हैं।

“डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि और इनपुट को महत्व देता था,” पीएम मोदी ने पोस्ट में लिखा।

बताते चलें कि चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे। वह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक देश के प्रधानमंत्री के पद पर रहे। उनकी पहचान देश के एक बड़े किसान नेता के रूप में होती है। वहीं, पीवी नरसिम्हा राव देश के 9वें प्रधानमंत्री बने। वह 1991 से 1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे।

डॉ स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है। गेहूं और अन्य फसलों की पैदावार बढ़ाने में डॉ. स्वामीनाथन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। डॉ. स्वामीनाथन ने इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च के महानिदेशक के रूप में और शिक्षा विभाग के सचिव के रूप में भी काम किया।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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