Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

गोश्त की दुकान में तब्दील हुई लाइब्रेरी की बिल्डिंग

किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड में विकास बेकाबू हो गया है, हल्दीखोरा पंचायत में सालों पहले बनी लाइब्रेरी की बिल्डिंग गोश्त के दुकान में तब्दील हो चुकी है।

Tanzil Asif is founder and CEO of Main Media Reported By Tanzil Asif |
Published On :

किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड में विकास बेकाबू हो गया है, हल्दीखोरा पंचायत में सालों पहले बनी लाइब्रेरी की बिल्डिंग गोश्त के दुकान में तब्दील हो चुकी है।

किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड अंतर्गत हल्दीखोरा पंचायत में एक दशक पहले बना लाइब्रेरी की बिल्डिंग गोश्त के दुकान में तब्दील हो चुकी है।

Also Read Story

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?

सुपौल: घूरन गांव में अचानक क्यों तेज हो गई है तबाही की आग?

क़र्ज़, जुआ या गरीबी: कटिहार में एक पिता ने अपने तीनों बच्चों को क्यों जला कर मार डाला

त्रिपुरा से सिलीगुड़ी आये शेर ‘अकबर’ और शेरनी ‘सीता’ की ‘जोड़ी’ पर विवाद, हाईकोर्ट पहुंचा विश्व हिंदू परिषद

फूस के कमरे, ज़मीन पर बच्चे, कोई शिक्षक नहीं – बिहार के सरकारी मदरसे क्यों हैं बदहाल?

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस लाइब्रेरी की नींव पूर्व विधायक अख्तरुल इमान रखा था। लेकिन उनके हारने के बाद यह योजना ठन्डे बस्ते में चलेगी। अब तो हाल यह हैं कि इस अधूरी बिल्डिंग में लाइब्रेरी के नाम पर कुछ नहीं है। अब यहाँ गोश्त और चाय की दुकानें लगती है।


एक स्थानीय ग्रामीण अब्दुल कमर ने बिल्डिंग पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि “बिल्डिंग तो लाइब्रेरी के नाम पर बना था लेकिन आज तक पता नहीं चला कि यह लाइब्रेरी है या मुसाफिरखाना?”

वही मोहम्मद हैदर आलम नामक स्थानीय युवक ने बताया कि “लाइब्रेरी के अधूरी बिल्डिंग को लेकर प्रशासन के सामने कई बार अपनी बात रखी लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने आगे बताया कि हमलोगों ने एक बार फेसबुक के माध्यम से ऑनलाइन मुहिम भीचलाया था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।”

जब लाइब्रेरी के बारे में हल्दीखोरा पंचायत के मुखिया हसनैन अहमद से बात की तो उन्होंने बताया कि “यह बिल्डिंग वर्षों से खण्डार पड़ी हुई है। जिस वजह से यहाँ के कुछ लोग दुकान लगाकर रोजगार कर रहे है।”

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

तंजील आसिफ एक मल्टीमीडिया पत्रकार-सह-उद्यमी हैं। वह 'मैं मीडिया' के संस्थापक और सीईओ हैं। समय-समय पर अन्य प्रकाशनों के लिए भी सीमांचल से ख़बरें लिखते रहे हैं। उनकी ख़बरें The Wire, The Quint, Outlook Magazine, Two Circles, the Milli Gazette आदि में छप चुकी हैं। तंज़ील एक Josh Talks स्पीकर, एक इंजीनियर और एक पार्ट टाइम कवि भी हैं। उन्होंने दिल्ली के भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) से मीडिया की पढ़ाई और जामिआ मिलिया इस्लामिआ से B.Tech की पढ़ाई की है।

Related News

आपके कपड़े रंगने वाले रंगरेज़ कैसे काम करते हैं?

‘हमारा बच्चा लोग ये नहीं करेगा’ – बिहार में भेड़ पालने वाले पाल समुदाय की कहानी

पूर्णिया के इस गांव में दर्जनों ग्रामीण साइबर फ्रॉड का शिकार, पीड़ितों में मजदूर अधिक

किशनगंज में हाईवे बना मुसीबत, MP MLA के पास भी हल नहीं

कम मजदूरी, भुगतान में देरी – मजदूरों के काम नहीं आ रही मनरेगा स्कीम, कर रहे पलायन

शराब की गंध से सराबोर बिहार का भूत मेला: “आदमी गेल चांद पर, आ गांव में डायन है”

‘मखाना का मारा हैं, हमलोग को होश थोड़े होगा’ – बिहार के किसानों का छलका दर्द

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?