संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ INDIA गठबंधन के नेताओं ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और 13 दिसंबर को संसद में सुरक्षा उल्लंघन के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग की।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सीपीआई के डी. राजा, सीपीएम के सीताराम येचुरी सहित सभी निलंबित सांसद जंतर मंतर पर एकत्र हुए।
किसने क्या कहा?
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ”संसद निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है, 700 से अधिक सांसद प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।”
उन्होंने कहा, “सरकार को सांसदों को निलंबित करने और सदन चलाने का कोई अधिकार नहीं है। यह सरकार पूरी तरह से तानाशाही और अलोकतांत्रिक है।”
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, “क्या कभी इतने सारे सांसदों को निलंबित किया गया है? हमने केवल गृह मंत्री से बयान की मांग की थी।”
सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “हमें उन लोगों से लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है, जो वर्तमान में सत्ता में हैं। संसद में सुरक्षा उल्लंघन की घटना के लिए भाजपा को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
संसद में सुरक्षा उल्लंघन पर गृह मंत्री से विस्तृत बयान की मांग को लेकर कम से कम 146 सांसदों को संसद के शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया।
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13 दिसंबर को शून्यकाल की कार्यवाही के दौरान दो लोग लोकसभा की दर्शक दीर्घा से कूद गए और पीले रंग का धुआं भी फेंक दिया। दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच के सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया।
‘संसद सुरक्षा चूक के दौरान भाजपा के सांसद भाग गए’
इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 13 दिसंबर को लोकसभा में दो लोगों द्वारा धुआं छिड़कने की घटना को देश में बढ़ती बेरोजगारी से जोड़ा और इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की और कहा कि जब वे दोनों दर्शक दीर्घा से कूदे तो भाजपा के सांसद भाग गए।
उन्होंने कहा, “दो युवक आए। उन्होंने दर्शक दीर्घा से छलांग लगाई और धुआं छिड़का। सभी भाजपा सांसद भाग गए। जो खुद को देशभक्त कहते हैं, हवा निकल गई उनकी। आप इसे टीवी पर नहीं देख सकते, लेकिन हमने देखा।”
13 दिसंबर को संसद सुरक्षा चूक पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “वे अंदर कैसे आए, सुरक्षा में चूक हुई, वे सिलेंडर (धुआं कनस्तर) कैसे लाए। यदि वे ये ला सकते हैं तो कुछ भी ला सकते थे।”
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, ये जानना जरूरी है।
“बेरोजगारी। देश में बेरोजगारी है। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही हैं। जो लोग सर्वे करते हैं, मैंने उनसे कहा कि आप छोटे-छोटे शहरों में जाकर एक छोटा सा सर्वे करें और जिन युवाओं ने सेलफोन ले रखा है, पता लगाएं कि वो इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक पर कितना समय बिताते हैं। और मैंने इसे करवाया। मुझे आश्चर्य हुआ, वे (युवा) हर दिन 7.5 घंटे सोशल मीडिया पर बिताते हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया, ”क्यों, मोदीजी ने उन्हें रोजगार नहीं दिया, उनकी नौकरियां छीन लीं और उन्हें फोन चेक करने का काम दे दिया।”
राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि युवाओं ने सुरक्षा उल्लंघन किया, यह आपकी (सरकार) गलती है। यही कारण था कि वे सदन में कूद पड़े।
उन्होंने आगे कहा कि ये बात मीडिया में नहीं आई कि बेरोजगारी है।
“मीडिया का कहना है कि संसद के बाहर सांसद बैठे थे और राहुल गांधी ने वीडियो बनाया। उन्होंने यह नहीं कहा कि 150 सांसदों को क्यों बाहर खड़ा किया गया है, यह सवाल नहीं पूछा गया। गृह मंत्री अमित शाह से पूछा गया कि वे सदन में कैसे कूद पड़े तो उन्होंने सांसदों को निलंबित कर दिया। मीडिया मुद्दों को भटकाता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सांसद देश के लोगों की आवाज़ हैं, “और आपने देश के 60 प्रतिशत लोगों का मुंह बंद कर दिया है और आप सोचते हैं कि आप लोगों को डरा सकते हैं”।
उन्होंने अग्निवीर मुद्दे पर भी बात की और कहा, “आप अग्निवीर योजना लाए, आपने देशभक्ति की भावना छीन ली। अब युवा खड़े हैं और कहते हैं कि हम अग्निवीर के खिलाफ हैं। अगर आप सोचते हैं कि आप युवाओं और मीडिया को धमकी दे सकते हैं तो आप भारत को नहीं समझ पाए हैं। हम सभी विपक्षी नेता यहां खड़े हैं और यह लड़ाई प्यार और नफरत के बीच है। जितना अधिक आप नफरत फैलाएंगे, उतना ही अधिक प्यार इंडिया ब्लॉक के नेता फैलाएंगे।”
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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