बिहार सरकार, चाय की खेती का विस्तार करने के लिए एक योजना चला रही है जिसका नाम है चाय विकास योजना। इस योजना से चाय बागान लगाने में जितना खर्च आएगा, उसका आधा पैसा बिहार सरकार देने वाली है। यानी अगर आपके चाय बागान की लागत दो लाख आई है, तो चाय विकास योजना के तहत बिहार सरकार की ओर से आपको एक लाख रुपये की मदद दी जाएगी ।
इस योजना का लाभ सिर्फ वैसे किसानों को मिलेगा जिन्होंने 0.25 एकड़ यानी लगभग 13 कट्ठा में चाय की खेती की हो, इससे कम जमीन पर चाय बागान लगाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। वहीं, अगर कोई बहुत बड़ा किसान है तो उसे सिर्फ 10 एकड़ जमीन पर लगे चाय बागान का ही अनुदान मिलेगा। किसान चाहे रैयत हो या गैर रैयत, यह योजना सभी के लिए है।
इस योजना में बागान के क्षेत्रफल के हिसाब से अनुदान तय किया जाता है। तय किये गये अनुदान को कुल दो किस्तों में देने का प्रावधान है। कागजी प्रक्रिया पूरी कर लेने के बाद पहली क़िस्त के रूप में कुल अनुदान का 75 प्रतिशत पैसा पहले साल और शेष 25 प्रतिशत पैसा एक वर्ष बाद दिया जाता है, वह भी तब जब 90 प्रतिशत चाय के पौधे सही सलामत रहे। चूँकि बिहार में चाय की खेती सिर्फ किशनगंज में हो रही है, इसीलिए यह योजना सिर्फ किशनगंज जिले के लिए ही है।
ये कुछ बेसिक जानकारियां थीं। अब अगर आप अनुदान का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो आपके पास आपका किसान पंजीकरण संख्या होना चाहिए। चाय बागान अपनी जमीन पर है तो उससे जुड़े कागजात जैसे लगान रसीद आदि चाहिए। वहीं, अगर किसी और की जमीन पर चाय की खेती कर रहे हैं तो एकरारनामा का पीडीऍफ़ बना लें और आवेदक किसान का एक फोटो भी खिंचवा लें। साथ ही साथ चाय बागान की जमीन का खाता खेसरा और रकबा भी निकाल कर रखें।
यदि आपके पास तमाम जानकारियां और कागजात हैं, तो ऑनलाइन की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। गूगल में सर्च करें https://horticulture.bihar.gov.in/
सबसे नीचे दिखेगा चाय विकास योजना, आवेदन करें पर क्लिक कर दें और शर्तों को स्वीकार कर आगे बढ़ें।
आवेदन के प्रकार में इंडिविजुअल पर क्लिक कर दें, दूसरा ऑप्शन उनके लिए है जो बतौर कंपनी या समूह बनाकर खेती कर रहे हैं। फिर अपनी किसान पंजीकरण संख्या दर्ज करें और “विवरण प्राप्त करें’ पर क्लिक कर दें। ऐसा करते ही आवेदक की जानकरियां दिखने लगेंगी।
अवयव में बताएं कि आप किस योजना के लिए आवेदन कर रहे हैं।
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चाय बागान के लिए अनुदान लेने के लिए “न्यू एरिया एक्सपेंशन ऑफ़ टी” पर क्लिक कर दें।
बाकी ऑप्शन चाय की खेती से जुड़ी मशीनों के हैं, इन मशीनों को खरीदने के लिए भी सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देती है।
आगे आपसे पूछा जाता है कि किसान पंजीकरण के हिसाब से किसान का जो पता है क्या चाय बागान भी उसी पते पर है या कहीं और। अगर उसी पते पर है तो सामने के डब्बे पर क्लिक कर दें और अगर दूसरे पते पर हैं तो पता दर्ज करें।
अब आगे आपको अपने खेत का विवरण देना है, यदि एक ही खाता खेसरा में खेत है तो एक बार ही विवरण दर्ज करें यदि आपके खेत एक से अधिक जगह पर हैं, तो ऐड न्यू रो पर क्लिक करके बाकी विवरण भी दर्ज कर दें। ध्यान रहे कि सरकार सिर्फ 10 एकड़ यानी लगभग 25 बीघा तक के लिए ही अनुदान देती है, उससे ज्यादा खेत का नहीं।
सभी विवरण दर्ज हो जाने के बाद आपको नीचे दिखने लगेगा कि सरकार के अनुसार आपको खेती में कितनी लागत आने वाली है और सरकार आपको अनुदान के रूप में कितनी राशि देने वाली है।
जैसे यदि आप एक एकड़ में चाय की खेती करते हैं तो सरकार के अनुसार 1,97,600 रुपये की लागत आएगी और सरकार मदद के रूप में 98800 रुपये देगी। पहली क़िस्त में 74100 रुपये और 90 प्रतिशत पौधा सही सलामत रहने पर अगले वर्ष शेष 24700 रुपये दिये जाएंगे।
आगे, आपको जमीन से जुड़े कागजात और किसान का फोटो अपलोड कर आवेदन को सबमिट कर देना है।
इसके बाद आपके आवेदन का स्थलीय जाँच होगी और कागजात भी चेक किये जाएंगे। सब ठीकठाक रहा तो अनुदान एप्रूव हो जाएगा।
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