बिहार का रहने वाला कोई भी प्रवासी मजदूर जिनसी उम्र 18 वर्ष से अधिक है, अगर वह किसी तरह की दुर्घटना हो जाता है और तत्काल उसकी मौत हो जाती है, या दुर्घटना के कारण हुई बीमारी से 180 दिनों के अन्दर मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजनों को 1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है, जबकि स्थाई रूप से अपंगता या ज्यादा गहरी चोट होने पर 75000₹ और आंशिक अपंगता की स्थिति में 35500₹ का मुआवजा दिया जाता है।
बिहार सरकार ने बिहारी कामगारों और परिजनों के हितों को ध्यान में रखते हुए “बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना” नाम की एक योजना चलाती है।
चूंकि यह योजना बिहार के प्रवासी मज़दूरों के लिए है इसीलिए पहले यह जान लीजिए कि प्रवासी मजदूर किसे कहते हैं?
वह व्यक्ति जो काम की तलाश में अपने घर से दूर जाकर अस्थाई रूप से रहता है, फिर काम खत्म कर बीच बीच में घर लौटता है, उसे प्रवासी मजदूर कहा जाता है। जैसे बिहार के लाखों लोग राज्य के बाहर भारत के अन्य राज्यों में तरह तरह का काम करते हैं तो वे सभी बिहार के प्रवासी मज़दूर हुए।
अब लौट आते हैं मुद्दे पर! पहले यह जान लीजिए कि किस तरह की मौत, अपंगता के लिए मजदूरों को इस योजना का लाभ मिलेगा?
कोई भी बिहार राज्य के रहना वाला श्रमिक जो देश के अन्य राज्य या विदेश में मारा जाता है, तो उसका परिजन इस योजना का लाभ ले सकता है। इसके लिए मृतक की उम्र 18 वर्ष से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
मजदूर की मौत या अपंगता के निम्न कारण होने चाहिए –
ट्रेन या सड़क दुर्घटना, बिजली के झटका, सांप काटना, पानी में डूबना, आग वृक्ष या भवन गिर जाना, जंगली जानवरों द्वारा प्रहार, आतंकवादी या आपराधिक आक्रमण आदि से हुई दुर्घटना से मौत और स्थाई व आंशिक अपंगता।
ध्यान रहे कि यदि कोई प्रवासी मजदूर किसी प्रकार के मादक पदार्थों के सेवन के कारण मारा जाता है या आत्महत्या कर लेता है तो इस योजना का लाभ नहीं ले सकता।
अपंगता का शिकार कोई मजदूर या मृतक मजदूर के मरीजों को इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ ज़रूरी काग़ज़ात की आवश्यकता पड़ती है
मृतक या अपंगता के शिकार मजदूर की उम्र साबित करने के लिए वोटर आईडी कार्ड / आधार कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस दिया जा सकता है।
साथ ही कोई ऐसा कागजात जिससे यह साबित हो कि मृतक या आवेदक बिहार का रहने वाला है, यह निवास प्रमाणपत्र हो सकता है या फिर आधार कार्ड या राशन कार्ड मिल हो सकता है।
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अगर अपंगता के लिए आवेदन किया जा रहा है तो निःशक्तता से संबंधित प्रमाण पत्र देना होगा।
साथ ही आपके द्वारा कही बातों की पुष्टि के लिए कुछ गवाहों के नाम व हस्ताक्षर की आवश्यता पड़ती है।
जब आपको लगे कि ये सभी कागजात तैयार हैं, तो इस योजना का लाभ लेने के लिए पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको https://serviceonline.bihar.gov.in/ वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
यहां आवेदन करने के बाद नियमानुसार 44 कार्य दिनों के अंदर फाइनल रिपोर्ट बना दिया जाएगा जो कि कुल तीन स्तरों पर किया जाता है। ऑनलाइन आवेदन के बाद आवेदक की जानकारी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी यानी कि BDO के पास पहुंच जाती है। प्रखंड विकास पदाधिकारी लेबर इंस्पेक्टर की सहायता से ground वेरिफिकेशन कराते हैं। BDO अगर वेरिफिकेशन से संतुष्ट होते हैं तो एप्लीकेशन को स्वीकार करते हैं। ऐसा करते ही आवेदक की जानकारी जिला पदाधिकारी के कार्यालय में पहुंच जाती है। वहाँ के अप्रूव होते ही आवेदक की जानकारियां श्रमायुक्त बिहार के पास पहुंच जाती हैं और अब किसी भी क्षण आवेदक के खाते में अनुदान की राशि आ सकती है।
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