यदि आप बस खरीदना चाहते हैं तो बिहार सरकार आपको पांच लाख रुपये की मदद करने वाली है। एक प्रखंड में कुल सात लोगों को बस खरीदने के लिए सरकारी मदद मिलेगी। पूरे बिहार की बात करें तो 496 प्रखंडों के लगभग 3472 लोगों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा। 6 दिसंबर से आवेदन शुरू हो चुका है और 19 दिसंबर आखिरी तारीख है। और विस्तार से जानकारी चाहिए तो यह एपिसोड पूरा देखिये और शेयर भी जरूर कर दीजिये ताकि यह जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँच जाये।
योजना का लाभ कौन ले सकता है?
इस योजना का लाभ बिहार का कोई भी निवासी जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है, ले सकता है। आवेदक जिस प्रखंड का निवासी है वहीं के लिए आवेदन कर सकता है। योजना में वैसे प्रखंडों को शामिल नहीं किया गया है जो जिला मुख्यालय में स्थित हैं।
एक प्रखंड में सिर्फ सात लोगों को ही इस योजना का लाभ दिया जायेगा, साथ ही साथ यदि किसी प्रखंड में अनुसूचित जनजाति की आबादी 1000 से अधिक है, तो वहां इस योजना के लिए इसी कोटि से एक लाभुक बढ़ाया जायेगा।
योजना के लिए जिन सात लोगों का चयन होना है उनमें दो लाभुक अनुसूचित जाति वर्ग से दो, अत्यंत पिछड़ा वर्ग से दो, पिछड़ा वर्ग से एक, अल्पसंख्यक समुदाय और सामान्य वर्ग से एक-एक को चुना जायेगा। अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले आवेदक किसी और कोटि से आवेदन नहीं डाल सकेंगे। वहीं सामान्य कोटि से आवेदन वही कर सकता है जो किसी दूसरी कोटि में नहीं आता है।
क्या कागजात मौजूद होना चाहिए?
1. जाति प्रमाण पत्र, क्योंकि योजना के बंटवारे का मुख्य आधार ही यही है
2. आवासीय प्रमाण पत्र ताकि यह साबित हो कि आप उसी प्रखंड के स्थाई निवासी हैं
3. मैट्रिक योग्यता प्रमाण पत्र
4. आधार कार्ड
5. और चालन अनुज्ञप्ति यानी ड्राइविंग लाइसेंस
ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन
चूंकि प्रत्येक प्रखंड में सिर्फ सात लोगों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा, ऐसे में किनका नाम बचेगा और किनका कटेगा, यह तय करने के लिए एक नियम बनाया गया है। प्रत्येक कोटि का चयन अलग-अलग होगा। जैसे अनुसूचित जाति में दो लोगों का चयन करना है और आवेदकों की संख्या 2 से ज्यादा है, तो ऐसे में देखा जाएगा कि कौन सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा है। वहीं, यदि आवेदक एक जैसी डिग्रीधारी हो जाए, तो जिनका नंबर ज्यादा है उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे ही बाकी कोटि के आवेदकों का भी चयन किया जाएगा। चयन समिति में जिला पदाधिकारी अध्यक्ष, उप विकास आयुक्त सदस्य और जिला परिवहन पदाधिकारी सदस्य सचिव होते हैं। इन्हीं तीनों की निगरानी में चयन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी, ऐसे में किसी बिचौलिए के फेर में ना पड़े।
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बस के मालिकाना हक़
1. अनुमंडल पदाधिकारी की स्वीकृति के बिना बस को बेचा नहीं जा सकेगा
2. परिवार के किसी उत्तराधिकारी के नाम बस को ट्रांसफर किया जा सकेगा
3. यदि बस की खरीदारी लोन पर की गई है तो अनुदान की पांच लाख की राशि का इस्तेमाल सिर्फ लोन अदा करने में किया जा सकेगा.
अब यदि ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा। आवेदन के बाद सूची में आपका नाम आ जाए, तो अनुदान पाने के लिए बस से संबंधित कागजात लेकर जिला परिवहन विभाग पहुंच जाना है। चलिए पहले आवेदन डाल देते हैं।
आवेदन करने के बाद प्रखंड में चयनित लाभुकों की सूची आ जाएगी, आपका नाम आया है कि नहीं इसकी जानकारी आप अपने प्रखंड से ले सकते हैं। चयन हो जाने के बाद आप बस खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं.
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