किसानों के लिए बिहार सरकार की एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के जरिये बिहार सरकार किसानों को किसी आपदा के कारण हुए फसल नुकसान के लिए मुआवजा देती है। इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलता है, जो अपनी फसल को बोने या रोपने के बाद फसल सहायता योजना के लिए ऑनलाइन करते हैं।
इस वीडियो में आगे हम इस योजना के बारे में डिटेल में जानेंगे। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कौन-कौन सी जानकारी या कागजात की जरूरत पड़ने वाली है, उसे जानेंगे और साथ ही साथ बारीकी से आपको दिखाएंगे कि ऑनलाइन आवेदन कैसे किया जाता है।
बस आपसे इतनी सी गुजारिश है कि इस वीडियो को बिहार के हर कोने के किसानों तक जरूर पहुंचाएं।
साथियो। एक किसान अपने खेत के काम में दिन रात एक किये रहते हैं। तपती धूप और कड़कड़ाती ठंड में जी-तोड़ मेहनत करते हैं, बस इस उम्मीद में कि उन्हें अच्छी पैदावार मिल जाए, जिससे घर भी चल जाए और दो पैसे की आमदनी भी हो जाए। और उनकी जिंदगी खुशहाली से गुजरे। लेकिन, किसानों के यह ख्वा ब अक्सर धरा का धरा रह जाता है।
कभी बेमौसम बारिश, आंधी- ओले, तो कभी सुखाड़ जैसी आपदा किसानों के सपनों को चकनाचूर कर देती है, उनकी फसलों को तबाह कर देती है। किसानों को हो रहे आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए बिहार सरकार ने 2018 में “मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना” नामक एक योजना की शुरुआत की, ताकि किसी तरह की आपदा के कारण नुकसान होने वाली फसलों के एवज में किसानों को मुआवजा दिए जाए।
अब यह समझना जरूरी है कि इस योजना का लाभ किसानों को कैसे मिलेगा?
इस योजना का लाभ हर तरह के किसानों को मिलेगा, चाहे वे रैयत हों या फिर गैर रैयत।
रैयत किसान यानी खेत जिनके नाम पर है। गैर रैयत, यानी वे किसानों जो किसी और के खेत बटाई या लीज पर लेकर खेती करते हैं।
अब मुआवजे का नियम जान लीजिए।
नियम के अनुसार अगर किसी पंचायत में फसल का नुकसान 20% तक हुआ है तो उस पंचायत के सभी किसानों को 7500₹ की दर से प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा, वहीं पंचायत स्तर पर अगर फसल क्षति 20% से अधिक हुई है, तो किसानों को 10000₹ प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा मिलेगा। लेकिन किसी भी किसान को अधिकतम मुआवजा 2 हेक्टेयर तक ही मिलेगा। जानकारी के लिए बता दें कि एक हेक्टेयर, लगभग 4 बीघा के बराबर होता है। साथ ही यह भी जान लीजिए कि इस योजना का लाभ सिर्फ उन किसानों को ही मिलेगा, जिन्होंने इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर रखा हो।
अब जबकि आपने योजना को समझ लिया है तो आगे जानते हैं कि इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे कर करना है। साथ ही एक बात याद रखें कि अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको रबी हो या खरीफ हर साल हर सीजन में ऑनलाइन आवेदन कराना होगा।
- आपके पास किसान पंजीकरण संख्या होना चाहिए, साथ ही किसान पंजीकरण के दौरान जिस मोबाइल नंबर को रजिस्टर किया गया था, वह मोबाइल नंबर चालू रहना चाहिए और साथ होना चाहिए.
- अगर आप रैयत किसान के तौर पर आवेदन कर रहे हैं, तो आपके पास करेंट रसीद और अपनी ज़मीन की मामूली जानकारियां होनी चाहिए।
अब आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल के माध्यम से pacsonline.bih.nic.in/fsy वेबसाइट पर जाइए।
यहां आपको login करने को कहा जा रहा है। ध्यान रहे कि मोबाइल नंबर के स्थान पर सिर्फ वही मोबाइल नंबर दर्ज किया जा सकता है, जो आवेदक किसान के किसान पंजीयन से लिंक है। अगर लिंक नहीं है, तो किसान को चाहिए कि वे किसान सलाहकार से संपर्क करें।
अगर मोबाइल नंबर किसान पजीयन से लिंक किया हुआ है और पासवर्ड पता है तो details डालकर login कीजिए और अगर पासवर्ड मालूम नहीं है, तो पहले पासवर्ड generate कीजिए।
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इसके लिए आपको login button के नीचे लिखा मिलेगा “पासवर्ड भूल गए हैं तो यहाँ क्लिक करें।”
क्लिक करने के बाद, जहां पर जमीन का रकबा माँगा गया है, वहाँ डिसमिस में जमीन का रकबा, फिर registered mobile नंबर डालिए। इतना करने पर OTP आएगा, जिसे verify कीजिए और नया पासवर्ड तैयार कर लीजिये।
चूंकि, आपके पास पासवर्ड आ गया है इसीलिए अब आप login कर सकते हैं। login कैसे करना है, हमने आपको पहले ही बताया है।
Login करने के बाद आपके सामने एक नया इंटरफेस खुलेगा, जिसमें आपके और आपकी जमीन और खेत से जुड़ी कुछ जानकारियां मांगी जाएगी। जिसे आप सावधानीपूर्वक भरें, सभी जानकारियां सही से भरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक कर दें।
Online पूर्ण हुआ, online confirmation की रसीद का प्रिंट आउट निकलवा लें और उसे संभाल कर रखें।
बताए गए वेबसाइट pacsonline.bih.nic.in/fsy पर दुबारा जाएं। अगर आपने रैयत किसान के तौर पर ऑनलाइन आवेदन किया तो रैयत वाले घोषणा पत्र को डाउनलोड करें। अगर गैर रैयत के तौर पर ऑनलाइन आवेदन किया है, तो गैर रैयत वाला घोषणा पत्र डाउनलोड करें। जो किसान दोनों श्रेणी में खेती बाड़ी करते हैं, वे वही वाला घोषणा पत्र डाउनलोड करें.
घोषणा पत्र को साफ अक्षरों में भर कर अपने पास रख लें। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि सहकारिता विभाग के लोग कभी भी आपके खेत की पुष्टि के लिए आ सकते हैं और उस वक्त यह घोषणा पत्र मांगा जाएगा। इन सभी कार्यों में आपको जहां कहीं भी दिक्कत महसूस हो आप यहां कमेंट कर सकते हैं या फिर बेहतर यह होगा कि आप अपनी पंचायत के किसान सलाहकार से संपर्क करें।
मैं उम्मीद करता हूं कि यह विडियो एक एक किसान तक पहुंचाने के लिए आप लोग ज्यादा से ज्यादा शेयर करेंगे। सुझाव और सवाल के लिए कमेंट बॉक्स नीचे है। बहुत जल्द फिर मिलेंगे एक और योजना के साथ।
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