बीते 18 अगस्त को बिहार के अररिया ज़िले में एक पत्रकार की गोली मार कर हत्या कर दी गई। ज़िले के रानीगंज निवासी पत्रकार विमल कुमार यादव दैनिक जागरण अखबार में प्रखंड रिपोर्टर के रूप में पिछले कई वर्षों से कार्यरत थे। वह रानीगंज प्रखंड के बेलसारा गांव के रहने वाले थे और वर्तमान में रानीगंज बाजार के करीब ही अपना आवास बनाकर रह रहे थे।
जानकारी के अनुसार, सुबह साढ़े पांच बजे के आसपास कुछ लोग उनके आवास पर पहुंचे और आवाज देकर उन्हें बाहर बुलाया। जैसे ही वह बाहर आए अपराधी उनको गोली मारकर वहां से फरार हो गए।
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सलाखों के पीछे से साजिश
मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विमल यादव की हत्या के दोनों मुख्य अभियुक्त अलग-अलग ज़िलों में जेल में बंद हैं। आरोपी रुपेश यादव सुपौल जेल में बंद है, वहीं क्रान्ति यादव अररिया जेल में बंद है।
पुलिस के अनुसार, दूसरे के नाम से निर्गत सिम नंबर वाले मोबाइल से मुख्य अभियुक्त ने पत्रकार विमल की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने इन दो मुख्य आरोपितों के अलावा सात अभियुक्त माधव यादव, अर्जुन शर्मा, संतोष राम, विपिन यादव, भवेश यादव, आशीष यादव और उमेश यादव को भी गिरफ्तार कर लिया है।
हत्या के पीछे का मकसद
पुलिस ने विमल यादव की हत्या का मुख्य कारण उनके भाई गब्बू यादव की हत्या में कॉम्प्रोमाइज़ नहीं करना, गवाही देने पर आमादा होना और पुरानी रंजिश होना बताया है। दरअसल, पत्रकार विमल कुमार यादव उर्फ़ पप्पू के छोटे भाई शशिभूषण कुमार उर्फ़ गब्बू 2016 में बेलसारा पंचायत के सरपंच चुने गए थे। उस समय उनकी उम्र 25 वर्ष थी।
स्थानीय जानकारों के अनुसार गब्बू का भी आपराधिक इतिहास था, लेकिन कम उम्र में सरपंच चुने जाने के बाद उसने अपराध के दुनिया से दूरी बना ली थी।
नाम नहीं बताने की शर्त पर मृतक पत्रकार विमल यादव के एक साथी ने बताया की 2019 में मोटरसाइकिल छिनतई की एक वारदात को लेकर तत्कालीन सरपंच गब्बू यादव ने माधव यादव की पिटाई की थी।
माधव यादव, क्रान्ति यादव का भाई है। कई अन्य मामलों में भी गब्बू के द्वारा सुनाए गए फैसले से बेलसारा के अपराधी नाराज़ थे। इसी वजह से 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान 12 अप्रैल को दिन दहाड़े हथियार से लैस पांच बाइक सवार बदमाशों ने सरपंच गब्बू यादव की गोली मार हत्या कर दी थी। उसी मामले में पत्रकार विमल यादव को गवाही देनी थी। लेकिन गवाही से चंद घंटे पहले उनकी भी हत्या कर दी गई।
बूढ़े माता-पिता और दो विधवा
दोनों बेटों पत्रकार विमल और सरपंच गब्बू की हत्या के बाद घर में वृद्ध माता-पिता, दो विधवा और तीन छोटे-छोटे बच्चे बचे हैं। विमल यादव का बेटा अभिनव आनंद रानीगंज के ही एक निजी स्कूल में नौवीं कक्षा का छात्र है और बेटी रोमा कुमारी आठवीं में पढ़ती है।
वहीं सरपंच गब्बू यादव का बेटा ज्ञान प्रकाश गाँव के ही एक स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ता है। लेकिन हाल के दिनों में परिवार को ज़्यादा धमकियां मिलने लगीं, इसलिए माँ ने स्कूल जाने और बाहर खेलने से मना कर दिया।
विमल यादव के पिता हरेंद्र प्रसाद सिंह बताते हैं कि उन्होंने डीएलएड करने के बाद कई साल तक नौकरी की तलाश की। जब नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने पत्रकारिता करना तय किया। उनके अनुसार विमल को उसके संस्थान की तरफ से मासिक वेतन के नाम पर महज़ तीन हज़ार रुपये मिलते थे।
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