BPSC द्वारा आयोजित शिक्षक बहाली परीक्षा का रिज़ल्ट चरणवार जारी किया जायेगा। पहले चरण में उच्चतर माध्यमिक (वर्ग 11-12) शिक्षकों, उसके बाद माध्यमिक (वर्ग 9-10) शिक्षकों का परिणाम जारी होगा। इन दोनों परिणामों के बाद प्राथमिक (वर्ग 1-5) शिक्षकों का परिणाम घोषित किया जायेगा। आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने ट्वीट कर ये जानकारी साझा की है।
ऐसा माना जा रहा है कि प्राथमिक शिक्षकों के परिणाम में देरी करने की वजह बी.एड बनाम डी.एल.एड विवाद है। ज्ञात है की सुप्रीम कोर्ट ने एक हालिया फैसले में कहा है कि बी.एड डिग्रीधारी प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के पात्र नहीं हैं।
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BPSC ने शिक्षक बहाली परीक्षा में बी.एड डिग्रीधारियों को भी बैठने का अवसर दिया। आयोग ने साफ कर दिया है कि बी.एड डिग्रीधारी शिक्षक बनने के पात्र हैं या नहीं, इसका फैसला सरकार और NCTE करेगी।
वर्ग 9-12 अभ्यर्थी के काग्ज़ात का सत्यापन जल्द
आयोग ने वर्ग 9 से 12 के शिक्षक अभर्थियों को अपने डॉक्यूमेंट तैयार रखने की सलाह दी है। आयोग ने कहा है कि जल्द ही माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षक अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट सत्यापन का काम शुरू हो जायेगा।
1 TRE Results will be declared in phases starting with 11-12, 9-10 & then Primary.
2 All 9-12 candidates should be ready for document verification which is going to start very soon.
— Atul Prasad (@atulpmail) August 27, 2023
कठिन सवाल अभ्यर्थियों की संख्या को देख कर रखा है
अभ्यर्थियों का मानना है कि सवाल काफी कठिन था, इसको लेकर अब आयोग के अध्यक्ष ने सफाई दी है। अतुल प्रसाद ने कहा कि कठिन प्रश्न अभ्यर्थियों की छंटनी के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस पेपर में अभ्यर्थियों की संख्या अधिक थी, उसका पेपर ही कठिन बनाया गया।
उल्लेखनीय है कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए अभ्यर्थियों की संख्या सबसे अधिक रही। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में अभ्यर्थियों की संख्या प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थियों की तुलना में काफी कम रही।
आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि वर्ग 9-12 के कई पेपर में सिर्फ पास करने भर से भी अभ्यर्थियों का चयन हो जाएगा, जबकि प्राथमिक स्कूलों में ऐसा नहीं है।
1 The toughness of questions depends on how fine the filtering is needed. Larger the candidates-vacancy ratio, finer the filter should be. This is what happened in TRE.
2 In many 9-12 papers, candidates will get selected if not disqualified. But this is not the case in primary.
— Atul Prasad (@atulpmail) August 27, 2023
उन्होंने आगे कहा, “पेपर विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए जाते हैं और उनकी बुद्धिमत्ता पर संदेह नहीं किया जा सकता है। शिक्षक अभ्यर्थी जो अपने पेपर के कठिन/आसान मानकों से परेशान हैं, उन्हें ध्यान देना चाहिए कि सापेक्ष प्रदर्शन (रेलेटिव पेरफॉर्मांस) ही मायने रखता है।”
Papers are set by subject experts & their wisdom can't be doubted. So TRE candidates who are disturbed by the tough / easy standards of their papers must note that it's relative performance that matters.
— Atul Prasad (@atulpmail) August 26, 2023
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