किशनगंज के अशफाक उल्ला खान स्टेडियम में 33वां जिला स्थापना दिवस हर्षोल्लास व उमंग के साथ मनाया जा रहा है। दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्णिया प्रमंडल के आयुक्त मनोज कुमार, जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री, आरक्षी अधीक्षक डॉ इमानुल हक मेगनु व अन्य अतिथियों ने किया।
कार्यक्रम स्थल पर सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं से सम्बंधित दर्जनों स्टॉल लगाए गए, जिनके जरिए लोगों के बीच जागरूकता फैलाई गई।
गौरतलब हो कि 14 जनवरी 1990 को किशनगंज के तत्कालीन कांग्रेस सांसद एमजे अकबर के प्रयास से उस वक्त मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय जगन्नाथ मिश्रा ने किशनगंज को जिले का दर्जा दिया था। यह जिला पूर्णिया जिले से कटकर अस्तित्व में आया था।
आईसीडीएस के कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रारंभिक शिक्षा से जोड़कर आगे की पढ़ाई के लिए तैयार किया जाता है। वहीं जिला विधिक प्राधिकार के सदस्यों ने बताया कि कमजोड़ वर्ग के लोगों को कैसे कानूनी सहायता दी जाती है, इसको लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से स्टॉल लगाया गया है।
जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने ज़िलावासियों को बधाई देते हुए कहा कि कोरोना काल की वजह से स्थापना दिवस समारोह पिछले कई वर्षो से नहीं हो पाया था इसलिए इस वर्ष जिला प्रसाशन का प्रयास था कि स्थापना दिवस को अच्छी तरह से मनाया जाए, ताकि जिलावासी जोषवर्धक कार्यक्रम देख सकें। उन्होंने इस अवसर पर किशनगंज ज़िले में निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि जिले में फूड प्रोसेसिंग और चाय उद्योग की काफी सम्भावनाएं हैं। निवेशक अगर यहाँ पैसे लगाएंगे, नए-नए उद्योग खुलेंगे, तो यहां रोज़गार के अवसर काफी बढ़ जायेंगे। जिला पदाधिकारी ने ये भी कहा कि जिले में और भी विकास कार्य हो, कारखाने लगे, इसके लिए जिला प्रशासन प्रयासरत है।
पूर्णिया प्रमंडल के आयुक्त मनोज कुमार ने कहा कि किशनगंज जिले को पिछड़े जिले की सूची से बाहर लाने के लिए प्रशासन के द्वारा जो अभियान चलाया जा रहा है, उसमें जिलावासी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका दें ताकि इस पिछड़े जिले को बिहार के टॉप 10 जिलों में शामिल किया जा सके।
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मनोज कुमार ने जिले की मदरसा शिक्षा के आधुनिकीकरण की बात कही। उन्होंने कहा, “किशनगंज एक अल्पसंख्यक बहुल जिला है इसलिए यहां मदरसा शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण करने की आवश्यकता महसूस की गई है। विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं, जो अन्य विद्यालयों में चलाई जाती हैं, उन्हें मदरसों में भी चलाई जाए। समाज के सभी वर्गों को मिलकर काम करना होगा ताकि जिले की उन्नति हो सके।”
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