मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा की तारीख पुनर्निर्धारित की गई है। 12 जनवरी को दरभंगा में यात्रा करने के बाद मुख्यमंत्री पटना लौट चुके हैं। पहले बनाए गए कार्यक्रम के अनुसार, 19 जनवरी को नीतीश कुमार की यात्रा सीमांचल पहुंचनी थी जिसकी तारीख बढ़ाकर अब 2 फरवरी कर दी गई है। पहले मुख्यमंत्री की यात्रा शेखपुरा में 29 जनवरी को समाप्त होनी थी लेकिन अब तारीख बदल कर 23 फरवरी कर दी गई है, जबकि शेखपुरा की जगह समाधान यात्रा की समाप्ति कैमूर में की जाएगी।
आगामी मंगलवार 17 जनवरी से समाधान यात्रा पुनः प्रारंभ की जाएगी। 17 तारीख को मुख्यमंत्री जहानाबाद और अरवल जिले में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। इसके बाद यह यात्रा बक्सर, आरा, बिहारशरीफ़ होते हुए 22 जनवरी को नवादा पहुंचेगी। नवादा में कार्य्रक्रम कर मुख्यमंत्री वापस पटना लौट जाएंगे।
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समाधान यात्रा के कार्यक्रम 28 जनवरी को खगड़िया जबकि 29 जनवरी को मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा में होंगे। नीतीश कुमार 1 फरवरी को सुपौल और 2 फरवरी को सहरसा में होंगे।
सीमांचल में इस दिन पहुंचेगी समाधान यात्रा
शुक्रवार 3 जनवरी को समाधान यात्रा अररिया पहुंच जाएगी अगले दिन मुख्यमंत्री का कारवां किशनगंज पहुंचेगा। 5 जनवरी को कटिहार में नीतीश कुमार समीक्षा बैठक करेंगे। हालांकि पूर्णिया में मुख्यमंत्री नहीं आएंगे। यात्रा के पुराने कार्यक्रम में भी पूर्णिया जिला शामिल नहीं था। समाधान यात्रा के आखिरी दो जिले बांका और कैमूर होंगे। 6 फरवरी को मुख्यमंत्री बांका और 7 कैमूर जाएंगे।
समाधान यात्रा की तारीखों के बदलाव के बारे में हमने जदयू नेता और कोचाधामन के पूर्व विधायक मुजाहिद आलम से पूछा तो उन्होंने कहा की तारीख में बदलाव के कारण के बारे में वह कुछ नहीं बता सकते। उन्होंने कहा कि किसी प्रशासनिक कारण से ही यात्रा की तारीख बदली गई होगी।
यात्रा के महत्व के बारे में बात करते हुए उन्होंने मैं मीडिया से बताया, “अच्छा है, सीएम आ रहे हैं तब तक मौसम भी और ठीक हो जाएगा तथा बेहतर ढंग से प्रोग्राम होगा। यहाँ पर जो माइनॉरिटी रेज़िडेंशियल स्कूल (अल्पसंख्यक रिहायशी विद्यालय) का लोकार्पण भी होना है। यात्रा की तिथि पुनर्निर्धारित होने से और बेहतर तैयारी करने का भी मौका मिला है। हर बार जब सीएम साहब सीमांचल आए हैं तो कुछ न कुछ सौग़ात मिली है, इस बार भी मिलेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि सीमांचल में बहुत सारे मुद्दे हैं, जैसे पुल के मुद्दे हैं। मटियारी, निचंद्रा, खरखरी जैसे पुलों का काम होना है। इसके अलावा महानंदा बेसिन का दो फेज में काम होना है। दूसरे फेज का अभी टेंडर हुआ है, इसलिए लोगों में काफी संशय है। इस तरह के काफी काम अभी बाकी हैं। महानंदा बेसिन के फेज 2 में 200 किलोमीटर बांध बनना है।
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