Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

खंडहर में तब्दील होता किशनगंज का राजकीय कन्या मध्य विद्यालय

राजकीय मध्य विद्यालय में पहली से लेकर आठवीं कक्षा के बच्चे बढ़ते हैं, लेकिन अब यह स्कूल, दो कमरों में सिमट कर रह गया है। विद्यालय में केवल तीन शिक्षक और 48 नामांकित बच्चे हैं। बताया जाता है कि कभी यह शहर के सबसे ख्याति प्राप्त विद्यालयों में से एक हुआ करता था लेकिन आज स्कूल का अधिकतर हिस्सा खंडहर में तब्दील हो चुका है।

Avatar photo Reported By Amit Singh |
Published On :

बिहार के किशनगंज जिले के इस स्कूल की जर्जर हालत के कारण दिन-ब-दिन छात्र छात्राएं स्कूल से अपना नाम कटवा रहे हैं। किशनगंज नगरीय क्षेत्र अंतर्गत डे मार्केट स्थित राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की नींव 70 वर्षों से भी पहले रखी गई थी। बताया जाता है कि विद्यालय की स्थापना 1949 में हुई थी। अब स्कूल की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं जबकि एस्बेस्टस से बनी छतें जगह जगह से टूट कर गिर चुकी हैं।

राजकीय मध्य विद्यालय में पहली से लेकर आठवीं कक्षा के बच्चे बढ़ते हैं, लेकिन अब यह स्कूल, दो कमरों में सिमट कर रह गया है। विद्यालय में केवल तीन शिक्षक और 48 नामांकित बच्चे हैं। बताया जाता है कि कभी यह शहर के सबसे ख्याति प्राप्त विद्यालयों में से एक हुआ करता था लेकिन आज स्कूल का अधिकतर हिस्सा खंडहर में तब्दील हो चुका है।

आठवीं कक्षा की छात्रा एकता कुमारी ने बताया कि जगह और शिक्षकों की कमी के कारण चार कक्षाओं के बच्चों को एक ही कमरे में बैठकर पढ़ना पड़ता है। ऐसे में एक समय में एक ही कक्षा की पढ़ाई हो पाती है जिससे बाकी कक्षा के छात्र छात्राओं को अपनी कक्षा के बजाए किसी और क्लास का पाठ पढ़ना पड़ता है।


एक और छात्रा साक्षी कुमारी ने कहा कि स्कूल के भवन की खस्ता हालत के कारण कई छात्रों ने स्कूल छोड़ दिया है। टूटी छत के कारण कक्षा में पढ़ाई करते समय भी हमेशा डर बना रहता है। स्कूल का शौचालय भी टूट चूका है जिससे छात्राओं को बहुत दिक्कतें पेश आती हैं।

‘मैं मीडिया’ ने इस विद्यालय की खस्ता हालत पर 22 नवंबर 2022 को एक खबर चलाई थी। तब जिला शिक्षा पदाधिकारी और किशनगंज जिला पदाधिकारी ने कहा था कि भवन के निर्माण के लिए विभाग को चिट्ठी भेजी गई है। स्वीकृति मिलते ही स्कूल का भवन बना लिया जाएगा। एक साल के बाद भी स्कूल की हालत जस की तस है।

Also Read Story

“ना रोड है ना पुल, वोट देकर क्या करेंगे?” किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के अमौर में क्यों हुआ वोटिंग का बहिष्कार?

2017 की बाढ़ में टूटा पुल अब तक नहीं बना, नेताओं के आश्वासन से ग्रामीण नाउम्मीद

कटिहार के एक दलित गांव में छोटी सी सड़क के लिए ज़मीन नहीं दे रहे ज़मींदार

सुपौल में कोसी नदी पर भेजा-बकौर निर्माणाधीन पुल गिरने से एक की मौत और नौ घायल, जांच का आदेश

पटना-न्यू जलपाईगुरी वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ, पीएम मोदी ने दी बिहार को रेल की कई सौगात

“किशनगंज मरीन ड्राइव बन जाएगा”, किशनगंज नगर परिषद ने शुरू किया रमज़ान नदी बचाओ अभियान

बिहार का खंडहरनुमा स्कूल, कमरे की दिवार गिर चुकी है – ‘देख कर रूह कांप जाती है’

शिलान्यास के एक दशक बाद भी नहीं बना अमौर का रसैली घाट पुल, आने-जाने के लिये नाव ही सहारा

पीएम मोदी ने बिहार को 12,800 करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं का दिया तोहफा

स्कूल की शिक्षिका लता कुमारी राउत ने बताया कि कमरों की कमी के कारण बच्चों की संयुक्त क्लास कराई जाती है। स्कूल की जर्जर हालत देखकर अधिकतर मां बाप अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। टूटे भवन में कीड़े मकोड़ों की भी बहुत समस्या है जिससे बच्चे डरे सहमे रहते हैं।

शिक्षक प्रशांत दास ने बताया कि पूरे स्कूल में केवल एक ही कमरा है जो बैठने लायक है। भवन के निर्माण की मांग के लिए उन्होंने पोषक क्षेत्र के अभिभावकों से आवेदन लेकर विभाग को सौंपा है।

इस मामले में हमने किशनगंज जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता से बात की। उन्होंने कहा कि राजकीय कन्या मध्य विद्यालय शहर का एक ख्यातिप्राप्त स्कूल है। आसपास निजी विद्यालय और दो सरकारी स्कूल होने से छात्रों का नामांकन कम है।

स्कूल के निर्माण के सवाल पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर जल्द ही नए भवन निर्माण का कार्य कराया जाएगा है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Amit Kumar Singh, a native of Kishanganj, Bihar, holds a remarkable 20-year tenure as a senior reporter. His extensive field reporting background encompasses prestigious media organizations, including Doordarshan, Mahua News, Prabhat Khabar, Sanmarg, ETV Bihar, Zee News, ANI, and PTI. Notably, he specializes in covering stories within the Kishanganj district and the neighboring region of Uttar Dinajpur in West Bengal.

Related News

आज़ादी के सात दशक बाद भी नहीं बनी अमौर की रहरिया-केमा सड़क, लोग चुनाव का करेंगे बहिष्कार

किशनगंज सदर अस्पताल में सीटी स्कैन रिपोर्ट के लिए घंटों का इंतज़ार, निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे लेने का आरोप

अररिया कोर्ट रेलवे स्टेशन की बदलेगी सूरत, 22 करोड़ रुपये से होगा पुनर्विकास

अररिया, मधेपुरा व सुपौल समेत बिहार के 33 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

“हम लोग घर के रहे, न घाट के”, मधेपुरा रेल इंजन कारखाने के लिए जमीन देने वाले किसानों का दर्द

नीतीश कुमार ने 1,555 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न योजनाओं का किया उद्घाटन

छह हजार करोड़ रूपये की लागत से होगा 2,165 नये ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?