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सरल सियासत: लेफ्ट की तीन मुख्य पार्टियों CPI, CPI(M) और CPI(ML) L में फर्क कैसे पहचानें?

पहली और सबसे पुरानी पार्टी है कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया यानी CPI या भाकपा। इसकी स्थापना 1920 के दशक में हुई थी। भारतीय राजनीति में जितनी भी लेफ्ट पार्टियां अभी सक्रिय हैं वो कहीं न कहीं इसी पार्टी से निकली हैं।

बिहार में भाजपा कैसे कर रही विभिन्न जातियों की गोलबंदी

बिहार में ईबीसी की आबादी लगभग 36 प्रतिशत है, लेकिन इस समुदाय का कोई बड़ा नेता नहीं है फिलहाल, इसलिए ओबीसी जातियों को आकर्षित करने के साथ ही पार्टी ईबीसी पर भी दांव आजमाना चाहती है।

“पूर्णिया को बनायेंगे नंबर वन लोकसभा क्षेत्र”, ‘प्रणाम पूर्णिया’ अभियान में बोले पप्पू यादव

पप्पू यादव ने संबोधन के दौरान कहा कि नरेंद्र मोदी और राज्य की सरकार ने हमेशा लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देंगे, लेकिन वह वादे से मुकर गये।

2024 में अररिया का MP कौन, नगर क्षेत्र से पब्लिक ओपिनियन

2004 के चुनाव तक यह सीट आरक्षित थी। सामान्य सीट होने के बाद हुए 2009 के चुनाव में यहाँ से भाजपा के प्रदीप सिंह सांसद बने। इस चुनाव में उन्होंने एक करीबी मुक़ाबले में लोजपा के जाकिर हुसैन ख़ान को हराया था। वहीं, 2014 के चुनाव में पहली बार तस्लीमुद्दीन ने अररिया से लोकसभा चुनाव लड़ा और प्रदीप सिंह को हराने में कामयाब रहे।

हलीमुद्दीन अहमद की कहानी: किशनगंज का गुमनाम सांसद व अररिया का ‘गांधी’

हालीमुद्दीन अहमद ने अररिया हाई सेकेंडरी स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की और फिर पटना कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। पटना कॉलेज में उनके उस्तादों में मशहूर शायर और कथाकार सोहेल अज़ीमाबादी और उर्दू साहित्यकार अख्तर ओरेनवी जैसे बड़े नाम शामिल रहे।

INDIA बनाम NDA: कटिहार के लोग किसके साथ हैं?

2019 से पहले छह लोकसभा चुनावों में यहाँ सीधा मुक़ाबला तारिक़ अनवर और भाजपा के निखिल कुमार चौधरी के बीच हुआ। इन छह मुक़ाबलों में से तीन बार तारिक़ अनवर जीते और तीन बार निखिल कुमार चौधरी।

कटिहार का अगला सांसद कौन? पांच साल में कितना हुआ काम?

कटिहार लोकसभा क्षेत्र के लिए अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में 12 बार तारिक़ अनवर से सीधा मुकाबला हुआ और तारिक़ अनवर ने 5 बार 1980, 1984, 1996, 1998 और 2014 के लोकसभा चुनावों में बाजी मारी।

मधेपुरा MP दिनेश यादव के बारे में क्या बोला सहरसा शहर?

बिहार के मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत मधेपुरा और सहरसा ज़िले के तीन-तीन विधानसभा क्षेत्र आते हैं। मधेपुरा जिले का आलमनगर, बिहारीगंज और मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र और सहरसा ज़िले के सोनवर्षा, महिषी और सहरसा विधानसभा एक ही लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं।

राहुल गांधी की ‘भारत न्याय यात्रा’ 14 जनवरी से, मणिपुर से शुरू होकर 14 राज्यों से गुज़रेगी

वेणुगोपाल ने बताया कि 21 दिसंबर को पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पर मुहर लगी थी कि राहुल गांधी को पूरब से पश्चिम तक भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण शुरू करना चाहिए।

किशनगंज के लोग कांग्रेस सांसद मो. जावेद के ‘व्यवहार’ से खुश नहीं: जदयू जिला अध्यक्ष मुजाहिद

जदयू जिला अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस विधायकों के विरुद्ध जनता में आक्रोश था, इसके बावजूद अशोक गहलोत ने उन्हें दोबारा टिकट दिया और कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ गई। किशनगंज लोकसभा के लोग भी कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद के 'व्यवहार' से खुश नहीं हैं, इसलिए इस बार INDIA गठबंधन से जदयू को टिकट मिलना चाहिए।

Public Opinion: किशनगंज सांसद डॉ. जावेद आज़ाद से इतने गुस्से में क्यों हैं ये लोग?

किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से फ़िलहाल कांग्रेस के डॉ. जावेद आज़ाद सांसद हैं। सांसद बनने से पहले वह पांच बार इस क्षेत्र (ठकुरगंज व किशनगंज विधानसभा) से विधायक रह चुके हैं। उनसे पहले उनके पिता मोहम्मद हुसैन आज़ाद भी छह बार इस क्षेत्र से विधायक बने हैं।

यादवों का गढ़ Madhepura Lok Sabha Seat का इतिहास और 2024 का चुनाव

मधेपूरा लोकसभा सीट पर हुए अब तक के 16 चुनाव परिणामों को देखें तो चार बार राष्ट्रीय जनता दल ने (1998, 2004, 2004 उप-चुनाव, 2014), तीन बार कांग्रेस ने (1971, 1980, 1984), तीन बार जनता दल ने (1989, 1991, 1996), तीन बार जनता दल यूनाइटेड ने (1999, 2009, 2019) और एक-एक बार संयूक्त सोशलिस्ट पार्टी ने (1967), भारतीय लोक दल ने (1977) तथा निर्दलीय उम्मीदवार ने (1968 उप-चुनाव) यहां से जीत हासिल की है।

Katihar Lok Sabha Seat का इतिहास, 2024 के चुनाव में क्या होगा?

कटिहार लोकसभा क्षेत्र के लिए अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में 12 बार तारिक़ अनवर से सीधा मुकाबला हुआ और तारिक़ अनवर 5 बार जीतने में सफल रहे। तारिक़ अनवर ने कटिहार से साल 1980, 1984, 1996, 1998 और 2014 के लोकसभा चुनावों में बाजी मारी है।

“दलित-पिछड़ा एक समान, हिंदू हो या मुसलमान”- पसमांदा मुस्लिम महाज़ अध्यक्ष अली अनवर का इंटरव्यू

अली अनवर अंसारी करीब 25 सालों से मुस्लिम समाज की पिछड़ी जातियों को उनका हक़ दिलाने की क़वाइद कर रहे हैं। अली अनवर ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के अध्यक्ष हैं और 2006 से 2017 के बीच राज्यसभा के सदस्य रहे हैं।

Darjeeling Lok Sabha Seat: जहां नहीं गलती राष्ट्रीय दलों की दाल, फिर भी जीतते हैं राष्ट्रीय दल

अब जबकि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को बस कुछ ही महीने बचे हैं, तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि इस चुनाव में दार्जिलिंग से सांसद कौन होगा? इस बारे में राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इस बार 'भूमिपुत्र' बनाम 'बाहरी' का मुद्दा किसी की भी उम्मीदवारी में अहम रहेगा।‌ इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के कर्सियांग के भाजपा विधायक बी.पी. बजगाईं अपने ही दल भाजपा से दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट के बारे में बार-बार 'बाहरी-बाहरी' का राग अलाप चुके हैं।

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