अररिया जिले (Araria News) में हाइटेंशन तार (High Tension Wire) लोगों के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। यहां अक्सर हाईटेंशन तार की चपेट में आकर लोगों की जान जा रही है।
ताजा घटना सात फरवरी की है, जिसमें अररिया के शिवपूरी (Shivpuri) में हाईटेंशन तार की चपेट में आकर बस का खलासी बुरी तरह झुलस गया था और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई थी। मृतक की पहचान पलासी के हसनपुर निवासी वीरेंद्र कुमार के रूप में की गई थी।
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वह एक शादी समारोह में बस के साथ अररिया नगर थाना क्षेत्र के शिवपुरी में आया था। यहां बस की छत पर कुछ सामान रख रहा था, इसी दौरान हाईटेंशन तार की चपेट में आकर झुलस गया था।
हाइटेंशन तार से झुलस कर मरने की ये कोई पहली घटना नहीं है।
पिछले साल अगस्त में जिले के के पलासी प्रखंड (Palasi News) क्षेत्र अंतर्गत धरमगंज पंचायत के डकैता गांव वार्ड संख्या 13 में काम करने के दौरान एक मजदूर करंट की चपेट में आ गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। मृतक का नाम पंकज कुमार शर्मा था और वह पेशे से मजदूर था। घटना के दिन वह छत पर काम कर रहा था। तभी बिजली के तार से उसे करंट लग गया और जान चली गई।
इससे पहले पिछले साल जुलाई में रानीगंज प्रखंड (Raniganj News) क्षेत्र अंतर्गत बसेटी के समीप 11 हजार वोल्ट करंट दौड़ते तार की चपेट में आकर बस का खलासी झुलस गया था। उसे इलाज के लिए अररिया सदर अस्पताल ला जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतक का नाम अमित कुमार था और वह दिल्ली के तिमारपुर का रहने वाला था।
बस के चालक के मुताबिक, बस अररिया के बैरगाछी से दिल्ली तक सवारी लेकर आती-जाती है। बस यात्री लाने के लिए रानीगंज के बसेटी गई हुई थी, तभी वहां बिजली के तार की चपेट आने से उसकी मौत हो गई।
पिछले साल दिसंबर में जिले के फारबिसगंज प्रखंड (Forbesganj News) की पीपरा पंचायत बिजली का नंगा तार खेत में गिर गया था जिससे आठ बीघा खेत में धान की पकी हुई फसल जलकर राख हो गई थी। करंट के चलते अपनी फसल खो देने वाले किसान चन्दन साह के अनुसार, खेत से होकर नंगे हाईटेंशन तार गुजरते हैं, जो काफी जर्जर हो चुके हैं। ये टूटकर गिर जाते हैं जिससे ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। तार को कवर करने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाएं न हों।
शिवपूरी के स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त स्थान पर बिजली का तार बहुत नीचे है, जिस वजह से बस के खलासी की मौत हो गई।
शिवपूरी के स्थानीय निवासी लक्ष्मीकांत झा कहते हैं, “घरों के काफी नजदीक से हाइटेंशन तार गया हुआ है। इससे कभी भी हादसा हो सकता है।”
स्थानीय लोगों के साथ बातचीत में बिजली के झटके से मौत की घटनाओं के पीछे दो वजहें सामने आती हैं- बिजली के तार का नंगा होना और उसकी ऊंचाई कम होना।
लोगों का कहना है कि अगर बिजली के तार को कवर कर दिया जाए और ऊंचाई बढ़ा दी जाए, तो समस्या का समाधान नीकल आएगा। लोगों का ये भी कहना है कि इसको लेकर उन्होंने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं किया गया।
हालांकि जानकारों का कहना है कि 11 हजार वोल्ट के तार को कवर देना संभव नहीं है क्योंकि 11 हजार वोल्ट के तार नंगे ही आते हैं।
अररिया के एक्जिक्यूटिव इंजीनियर अजय कुमार ने मैं मीडिया से कहा, “जर्जर तारों को बदला जा रहा है और जहां तार की ऊंचाई कम है, वहां ऊंचा भी किया जा रहा है। कई इलाकों में काम हो चुका है और बाकी हिस्सों में भी हो रहा है।”
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