एक तरफ मार्केट में 5G मोबाइल पहले ही लांच हो चुके है तो दूसरी तरफ देश में 5G नेटवर्क कनेक्टिविटी लाने की तैयारियां जोरों पर है। लेकिन 5G नेटवर्क की सेफ्टी को लेकर तरह-तरह के विवाद भी है, अब इन्हीं विवादों को जानीमानी अभिनेत्री जूही चावला (Juhi Chawla) ने हवा दे दी है। जूही कि चिंता है कि इसके रेडिएशन से नागरिकों, जानवरों, वनस्पतियों और जीवों को समस्याएं हो सकती है। जब जूही की याचिका पर 2 जून को कोर्ट में सुनवाई शुरु हुई तो जूही के फैंन्स ने ‘लाल लाल होटो पे गोरी किसका नाम है’ समेत कई और गाने गाना शुरु कर दिया, जिस पर न्यायधीश जे.आर. मिधा काफी नाराज भी हुए। कोर्ट ने वैसे तो इस केस में आदेश को रिजर्व रख लिया है लेकिन साथ ही जूही की याचिका पर बोला कि इसमें कमिया है और ये मीडियां पब्लिसिटी हासिल करने के लिए दायर की गई थी।
लेकिन गाना गाने वाले को निमंत्रण तो जूही ने ही दिया
5G केस की सुनवाई वर्चुल यानी आनलाइन होनी थी जिसको लेकर जूही शायद इतनी खुश हुई कि इसका लिंक उन्होंने इंस्टाग्राम समेत दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दे दिया। जिसको उन्होंने एक लाइन में नाम दिया ‘हम तुम और 5G’, साथ ही बोला कि आइए और दिल्ली हाईकोर्ट की सुनवाई को ज्वाइन करिए। अब जूही ने कुछ भी सोचा हो लेकिन उनके किसी चाहने वाले को शायद जूही के लिए गाना गाने में ज्यादा और कोर्ट की कार्यवाही में कम दिलचस्पी थी।
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गाना गा दिया लाल लाल होटो पे गोरी किसका नाम है
पहला गाना ‘घूंघट कि आड़ से दिलबर’ जूही की फिल्म ‘हम हैं राही प्यार के’ का गाना का था। इस पर न्यायाधीश जे आर मिधा का पारा चढ़ गया और उन्होंने बोला कि इसे म्यूट किया जाए। फिर कार्यवाही आगे बढ़ी तो गाना शुरु कर दिया कि ‘लाल होटों पे गोरी किसका नाम है’। एक बार और फिर से किसी ने ‘मेरी बन्नों कि आएगी कि बारात’ के सुर छेड़ दिए। इस बार तो कोर्ट परेशान हो गई और कहा कि ये जो भी है उसका तुरंत पता लगाया जाए और दिल्ली पुलिस से कहा जाए कि उसके खिलाफ जरूरी कार्रवाई करे।
कोर्ट ने क्यों बोला जूही की याचिका केवल मीडिया पब्लिसिटी
इस 5G नेटवर्क कनेक्टिविटी के खिलाफ अगर कोई आम नागरिक याचिका डालता तो शायद कोर्ट के फैसला आने से पहले उसे मीडिया में इतनी जगह न मिलती। लेकिन जूही के द्वारा देश में 5G लांच करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में 31 मई को जब एक याचिका डाली गई थी, तभी से वो मीडिया और सोशल मीडिया पर छाई हुई है। 2 जून को याचिका पर कोर्ट में सुनवाई शुरु हुई तो जूही की याचिका को सुनकर दिल्ली हाईकोर्ट को कहना पड़ा कि इसमें कमी है और ये मीडिया में पब्लिसिटी के लिए फाइल करी गई थी।
कोर्ट ने जूही चावला से सवाल भी पूछा कि याचिका सरकार के प्रतिनिधित्व को शामिल किए बिना क्यों फाइल की गई है। न्यायाधीश मिधा ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को अपने अधिकारों के लिए पहले सरकार के पास जाना चाहिए था और अगर वहां उन्हें मना किया जाए तब उन्हें कोर्ट आना चाहिए।
जूही का दावा 5G के खतरे को लेकर कितना सही
5G लागू करने खिलाफ जूही की याचिका में उनकी सबसे बड़ी चिंता है कि इससे रेडिएसन निकलेगा जिससे लोगों की सेहत और स्वास्थ पर बड़ा खतरनाक असर पड़ेगा। हालांकि वो कहती है कि वो टेक्नोलॉजिकल उन्नति लाने के खिलाफ नहीं है, लेकिन उनकी मांग है कि इससे सम्बंधित डिपार्टमेंट जो है वो प्रमाणित करे कि 5G टेक्नोलॉजी लाना इंसानो, जानवरों और चिड़ियों के लिए सुरक्षित है।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपने एक आर्टिकल में 5G के बारे में विस्तार से लिखा है, जिसमें बताया गया है कि 5G को आए हुए दो साल से कम का समय हुआ है और वो भी सिर्फ कुछ देशों में आया है। हमारे स्वास्थ और वातवरण पर इसका क्या असर पड़ेगा इस पर कुछ पक्का नहीं है। World Health Organisation (WHO) का फिल्हाल कहना है कि वर्तमान की टेक्नोलॉजी से भी इंसानी शरीर को न के बराबर प्रभाव पड़ता है। अगर टेक्नोलॉजी में विस्तार होता है तो जो असर होगा वो भी दुनियाभर में जो गाइडलाइन है उसके अंदर ही है यानी गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं होगा। जिससे लोगों के स्वास्थ पर कोई प्रभाव पड़ने के आसार नहीं है।
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