किशनगंज जिले (Kishanganj) के पोठिया प्रखंड (Pothia News) अंतर्गत परलाबाड़ी पंचायत के लगभग 1800 बिजली उपभोगता 5 महीने से अपना बिल का भुगतान करने के लिए परेशान हैं। इस परेशानी के पीछे इस गाँव में हुए अनुमानित पांच से दस लाख रुपए का एक घोटाला है।
घोटाले के बाद विभाग के लोग गाँव जाने से डरते हैं। इसलिए घरों में लगे बिजली के मीटर की रीडिंग लेने विभाग से कोई नहीं आ रहा है। मीटर रीड नहीं होने से ग्रामीण को अपना बिजली बिल पता ही नहीं चल पा रहा है।
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इस घोटाले और लोगों की परेशानी को समझने के लिए आपको एक साल पीछे जाना पड़ेगा, जब सब कुछ सामान्य चल रहा था, विभाग के लोग आते थे और मीटर रीडिंग कर बिजली बिल थमा देते थे।
उसी दौरान पंचायत के कुछ उपभोगताओं को शक हुआ कि उनसे बिल के नाम पर पैसा वसूला जा रहा है, लेकिन उसे विभाग में जमा नहीं किया जा रहा है। धीरे धीरे यह बात पूरी पंचायत में फ़ैल गई, तो लोग आनन-फानन में अपने Consumer ID से बकाया बिल ऑनलाइन चेक करने लगे। चार-पांच हज़ार की बकाया राशि देख कर लोग चौंक गए।
उनका दावा है कि उन्होंने हर महीने अपना बिजली बिल जमा किया, ऐसे में इतना बकाया कैसे रह गया। ग्रामीणों ने मीटर रीडर अमित राय और बप्पा कुमार दास पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए समूह बनाकर कई जगह आवेदन किया।
आवेदान के बाद विभाग ने अमित राय को काम से हटा दिया और उसके भाई को उसकी जगह नियुक्त कर दिया। लेकिन, लोगों का गुस्सा बढ़ता गया और घोटाले के निबटारे के बिना नए मीटर रीडर का इलाके में काम करना मुश्किल है। इससे हुआ ये की तकरीबन पांच महीने से लोगों का नया बिजली बिल आना भी बंद हो गया है। ग्रामीण इस डर में हैं कि बकाया बिल पर कहीं उन्हें जुर्माना और ब्याज भी न देना पड़े।
ग्रामीण बिजली विभाग से नाउम्मीद हो गए हैं। उनकी मांग है कि धोखे से उनसे वसूले पैसे लौटाए जाएँ। तत्काल मीटर रीड करना शुरू किया जाये। साथ ही किसी से भी इन पांच महीनों का जुर्माना और उस पर ब्याज न लिया जाये। साथ ही उनका कहना है की वे पांच महीने का बिल एक साथ जमा करने में समर्थ नहीं हैं, इसीलिए उसे क़िस्तों में लिया जाय।
उधर, विभाग ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए पिछले पांच महीने में न कोई ठोस कदम उठाया है और न ही धोखाधड़ी के शिकार लोगों के बीच आकर उनकी परेशानी जानने की कोशिश की है।
फीडर के कन्नीय अभियंता आज़ाद कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। बहुत जल्द आरोपित पर FIR दर्ज कराई जाएगी। साथ ही लोगों से पेनल्टी या ब्याज नहीं लिया जाएगा, क्यूंकि मामले के प्रकाश में आने के बाद उन लोगों के मीटर की रीडिंग ही नहीं ली गई है। जल्द ही मीटर रीड करवाने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा।
अब ये देखना ये है कि बिजली विभाग आरोपित से रुपए वसूल कर उपभोक्ताओं का बकाया बिल जमा करवाएगा या नहीं?
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