पिछले दिनों खबरें आई थीं कि बिहार के मत्स्य पालन विभाग के मंत्री मुकेश साहनी सरकारी कार्यक्रम में खुद न जाकर अपने भाई को भेज दिया करते थे। ऐसा ही मामला किशनगंज में आया है। सरकारी आदेश था कि प्रखंड के बीडीओ खुद जाकर सरकारी योजनाओं का निरीक्षण करेंगे, लेकिन एक बीडीओ ने अपनी जगह दफ्तर के कंप्यूटर ऑपरेटर को मुआयना करने के लिए भेज दिया।
किशनगंज जिले के डीएम श्रीकांत शास्त्री ने 25 मई को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को पंचायत आवंटित किया गया था। 26 मई को इन अधिकारियों को निर्धारित पंचायतों का दौरा कर वहां सात निश्चय योजना-1 व 2 तथा जल जीवन हरियाली मिशन के तहत चलने वाली योजनाओं का जायजा लेना था।
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पोठिया की प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) छाया कुमारी को ठाकुरगंज प्रखंड की डुमरिया पंचायत में योजनाओं का जायजा लेने जाना था, लेकिन वह खुद जांच करने नहीं पहुंचीं, बल्कि पोठिया के इंदिरा आवास कार्यपालक सहायक (कम्प्यूटर ऑपरेटर) नजरूल को भेज दिया। कम्प्यूटर ऑपरेटर ने भी आदेश का पालन किया और जैसे तैसे योजनाओं का जायजा लेकर लौट गये। स्थानीय मुखिया लतिफुर रहमान ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि गुरुवार 26 मई को पोठिया BDO छाया कुमारी जांच में नहीं गयी थी।
श्राद्ध कार्यक्रम में थे, डीएम को बताया था: पोठिया BDO छाया कुमारी
पोठिया BDO छाया कुमारी से जब ‘मैं मीडिया’ ने संपर्क किया, तो उन्होंने भी माना कि वह जांच करने नहीं गई थी। उन्होंने कहा, “हमारे यहां श्राद्ध कार्यक्रम था, हम छुट्टी पर थे। हम चार दिन की छुट्टी लगा कर गए थे, दो दिन में आ ही नहीं सकते थे। तीन बजे तक हमारे यहां प्रोग्राम हुआ, हम आ ही नहीं सकते थे और डीएम सर को बता दिए थे की हम नहीं आ पाएंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बताया गया कि उनकी जगह कोई और निरीक्षण में चला जाएगा। आगे झल्लाते हुए उन्होंने कहा, “हम नहीं थे, निकाल दीजिए पेपर में। आपको लग रहा मैं नहीं थी और अवैध रूप से अनुपस्थित थी। आप इसको मीडिया में हाईलाइट कर दीजिए।”
जब उनसे पूछा गया कि उनकी जगह कौन गया था, तो उन्होंने कहा,
“हमारे सुपरवाइजर गए थे। हम अपनी जगह उन लोगों को भेजे थे।”
नाम पूछने पर उन्होंने नाम नहीं बताया। अपने स्रोतों से ‘मैं मीडिया’ को पता चला कि नजरूल नाम का कोई व्यक्ति गया था। जब हमने नजरूल के बाबत पूछा तो उन्होंने कहा, “अब जो भी गया था, आप देख लीजिए। आपको सारी बात पता होगी। मैंने बता दिया। मेरे घर श्राद्ध कार्यक्रम था, मैं किसी सूरत में नहीं जा सकती थी।”
किशनगंज डीएम करेंगे शो-कॉज
इस संबंध में किशनगंज डीएम श्रीकांत शास्त्री ने ‘मैं मीडिया’ को बताया, “आपने मेरे संज्ञान में दिया है। मैं पूछूंगा उनसे, शो कॉज करता हूं, क्या बात है।”
‘मैं मीडिया’ ने उनसे पूछा कि नियम के हिसाब से उन्हें होना चाहिए वहां, लेकिन वह नहीं गईं, तो उन्होंने कहा, “हां होना यही चाहिए, किसी कारण से अगर वो नहीं थी, तो सूचना देनी चाहिए थी कि मैं उस दिन जांच नहीं कर पाऊंगी।”
पहले सूचना देने के सवाल पर डीएम ने कहा, “वो मैं देख लेता हूं। हो सकता है मेरे ऑफिस में सूचना दी होंगी। वो मुझे देखना पड़ेगा।”
गौरतलब हो कि साल 2018 में बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी विभागों, पुलिस महानिदेशकों, प्रमंडलीय आयुक्त समेत अन्य पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कई जिम्मेवारियां दी थीं, जिनमें विकास कार्यों का जायजा भी शामिल था। उद्देश्य यह था कि बड़े अधिकारी खुद जाएंगे मुआयना करने तो काम पारदर्शिता से होगा। लेकिन बीडीओ की लापरवाही बताती है कि इन आदेशों को जमीनी स्तर पलन में कोताही हो रही है।
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