बिहार सरकार ने राज्य में हुई जाति आधारित गणना की रिपोर्ट सोमवार को जारी की। रिपोर्ट में बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक बताई गई है। इसमें परिवारों के साथ साथ राज्य में रहने वाले लोगों में परुष और महिलाओं की कुल संख्या भी सामने निकल कर आई है। राज्य में किस जाति के कितने लोग रहते हैं, इसकी रिपोर्ट में विस्तृत जानकारी दी गई है।
जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आते ही राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट बढ़ने लगी है। अलग अलग राजनीतिक पार्टियां इस पर बयान दे रही हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बिहार सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई तो वहां कांग्रेस सरकार भी जाति आधारित गणना करेगी।
भाजपा ने कहा – आधी-अधूरी है रिपोर्ट
भारतीय जनता पार्टी ने भी रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी भी जाति आधारित गणना के पक्ष में रही है मगर ये रिपोर्ट आधी अधूरी है।
”मैं नीतीश कुमार सरकार को बार बार कह रहा था कि रिपोर्ट जारी करो। अभी भारतीय जनता पार्टी सर्वेक्षण के कार्य को जांचेगी फिर अपना विस्तृत बयान देगी लेकिन यह रिपोर्ट आधी अधूरी है। अभी आर्थिक और सामाजिक रूप से जो पिछड़े वर्ग हैं उनकी तो रिपोर्ट ही नहीं आयी। अभी बस जाति आधारित गणना को नीतीश जी ने बताया है। वह किस यंत्ररचना से हुआ, इसकी जानकारी हमलोग लेंगे और फिर इस पर भारतीय जनता पार्टी विस्तृत बयान देगी,” सम्राट चौधरी ने कहा।
बिहार सरकार लंबे समय से जाति आधारित गणना के प्रस्ताव पर काम कर रही थी। दरअसल इसका प्रस्ताव फरवरी 2019 में ही पारित हो गया था। पिछले साल जून 2022 में मंत्रिपरिषद की एक बैठक में राज्य भर में जाति के आधार पर गणना करने का निर्णय लिया गया था।
”लालू प्रसाद जातीय उन्माद फैलाते हैं”
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जातीय उन्माद फैलाने वाला नेता बताया।
वह कहते हैं, ”लालू जी की आदत रही है जातीय उन्माद फैलाना। हमलोग कोई जातीय उन्माद नहीं फैलाते हैं। विकास पर चुनाव लड़ते हैं और आगे भी विकास पर ही चुनाव लड़ेंगे। हमारी पार्टी पूर्ण रूप से जातीय सर्वेक्षण की समर्थक रही है।”
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सम्राट चौधरी ने आगे यह भी कहा कि भाजपा के संयोग से ही जातीय सर्वेक्षण की शुरुआत हुई। उन्होंने मंडल कमीशन की मिसाल देते हुए कहा कि मंडल कमीशन को भारतीय जनता पार्टी के 82 सांसदों ने समर्थन दिया था तब वह लागू हो सका था। बिहार का जातीय सर्वेक्षण भी भारतीय जनता पार्टी के संयोग से ही शुरू हो सका।
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