बिहार के 94 लाख से अधिक ग़रीब परिवारों को राज्य सरकार ‘बिहार लघु उद्यमी योजना’ के तहत दो-दो लाख रुपये देगी। यह सहायता राशि निर्धन परिवारों को छोटे उद्योग-धंधे स्थापित करने के लिये दी जाएगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति मिली। बताते चलें कि बैठक में विभिन्न विभागों की 18 योजनाओं को मंजूरी दी गई है।
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बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि इस योजना के अन्तर्गत गरीब परिवार इस राशि से हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल, सैलून, ब्यूटी पार्लर, ढाबा समेत 62 तरह के उद्योग-धंधे शुरू कर सकते हैं।
योजना के लिये ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किये जायेंगे। यदि लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होंगे, तो रैंडम आधार पर लाभुकों का चयन किया जायेगा। हालांकि, ऑनलाइन आवेदन की तिथि की घोषणा अभी नहीं हुई है।
एस सिद्धार्थ ने बताया कि योजना के क्रियान्वन के लिये एक राज्यस्तरीय अनुश्रवण कमेटी बनाई जायेगी, जो लक्ष्य का निर्धारण कर लाभुकों का चयन करेगी।
अनुश्रवण कमेटी के अध्यक्ष उद्योग विभाग के सचिव होंगे और इस कमेटी में विभाग के प्रधान सचिव और अपर मुख्य सचिव शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार द्वारा करायी गयी जाति आधारित गणना में पता चला है कि राज्य में 94,33,312 लाख गरीब परिवार हैं। इसमें उन्हीं परिवारों को शामिल किया गया है, जिनकी मासिक आय छह हज़ार रुपये से कम है।
बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 नवंबर को बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के संबोधन के दौरान इस योजना का ऐलान किया था।
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