जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट की अंतरिम रोक के आदेश को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बिहार सरकार के वकील मनीष सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है। बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में कहा है कि जाति आधारित डेटा का संग्रह संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक आदेश है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में सरकार ने कहा है कि हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश के जरिए एक प्रकार से अंतिम आदेश ही दे दिया है। राज्य सरकार ने साफ शब्दों में पटना हाईकोर्ट से कहा है कि जातिगत गणना सेंसस नहीं है। यह काम लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। बिहार सरकार के मुताबिक, यह एक सर्वेक्षण है, जो कानून के दायरे में रहकर किया जा रहा है।
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बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सर्वेक्षण पर रोक से सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा। सूबे के कुछ जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है, इसलिए जातिगत गणना पर रोक से सर्वेक्षण पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट मामले पर कब सुनवाई करेगा, यह तय नहीं हुआ है।
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