गेहूं और धान की तुलना में मक्का, किसानों को ज्यादा फायदा देता है। इसके बावजूद कोसी क्षेत्र के किसान मक्के की खेती से दूर हो रहे हैं।
बिहार में खरीफ सत्र 2022-23 के लिए एक नवंबर से उत्तर बिहार और 15 नवंबर से दक्षिण बिहार में धान की खरीद शुरू हो गई है।
फलका प्रखंड क्षेत्र के महेशपुर, राजधानी, सालेहपुर एवं गोविंदपुर बहियार में कृषकों के खेत में लगी मक्के की फसल गलत कीटनाशक पाउडर के इस्तेमाल से बर्बाद हो गई।
किशनगंज जिले में स्थित फिशरीज कॉलेज इन दिनों महानंदा नदी में पाई जाने वाली मछलियों की विभिन्न प्रजातियों पर काम कर रहा है और अब तक के शोध में नदी में मछलियों की 40 से अधिक प्रजातियों की पहचान की जा चुकी है।
जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सुपौल जिले में पीपरा प्रखंड के दीनापट्टी पंचायत स्थित सखुआ गांव में राजा पोखर पर फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाया गया।
मनवीर आलम छोटे किसान हैं। उनके पास लगभग 6 बीघा जमीन है। उन्होंने ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती के बारे में सुना है, लेकिन इसमें आनेवाली लागत इतनी ज्यादा है कि चाहकर भी वह इसकी खेती नहीं कर पाएंगे। “हमलोग छोटे किसान हैं। उतना पैसा कहां से लाएंगे ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के […]
“पहले मैं 4 बीघा खेत में धान और गेहूं की खेती करता था। इनमें लगभग 2 बीघा खेत की जमीन गहरी थी। जब बारिश ज्यादा होती थी, तो फसल बर्बाद हो जाती थी। इसलिए पिछले साल के फरवरी में मैंने मखाना की खेती शुरू की। पिछले साल मुझे लगभग 60-70 हजार रुपए का लाभ मिला। […]
भारत के कई राज्यों में लम्पी वायरस (Lumpy Virus) का कहर व्यापक स्तर पर देखा जा रहा है। इस वायरस की वजह से सिर्फ राजस्थान में 50,000 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है और लाखों संक्रमित हैं। राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की कुछ जगहों पर भी इस वायरस […]
किशनगंज के दिघलबैंक के तौकीर अहमद और ज़ैद मुखिया ने पार्टनरशिप में पिछले साल अंडे का कारोबार शुरू किया है जिससे वे अपने ही इलाके में अंडों की सप्लाई कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना के जरिये बिहार सरकार किसानों को किसी आपदा के कारण हुए फसल नुकसान के लिए मुआवजा देती है।
साल 2008 में अररिया के पूर्णिया सीमा स्थित करियात में दो हेक्टेयर जमीन पर हाईटेक नर्सरी का निर्माण कराया गया था जो अब एक आम नर्सरी बन कर रह गया है
बिहार के सुपौल जिले के गणपतगंज नामक क्षेत्र में स्थित विष्णु मंदिर की तुलना चेन्नई के प्रसिद्ध विष्णु मंदिर से की जाती है। आज के वक्त में कोसी इलाका और सुपौल जिले की पहचान भी इसी मंदिर से है। इसी क्षेत्र की 28 वर्षीय प्रज्ञा भारती बनाना (केला) वेस्ट से हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स तैयार कर कमाई […]
50 वर्षीय अशोक यादव हफ्तेभर से बारिश का इंतजार कर रहे थे। लेकिन, बारिश नहीं हुई, तो उन्हें मजबूरी में डीजल चालित पंप सेट की मदद से खेत में पानी डालकर धान की बुआई करनी पड़ी। “यह तो बारिश का सीजन ही है। इस सीजन में हमारे यहां भारी बारिश हुआ करती है और उसी […]
कटिहार: चमड़ी जला देने वाली धूप में मो. नदीम अख्तर का कपड़ा पसीने से भीगा हुआ है। आज वह अपने खेत में एक पुराना पंप सेट लेकर आए हैं। सालों पहले यह पंप सेट खेतों में पानी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इस पुराने पंपसेट के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि […]
बिहार के किशनगंज जिले के सत्तर फीसदी लोग खेती पर निर्भर हैं। लेकिन राज्य सरकार का ध्यान यहां के किसानों पर नहीं है। किसान एक तरफ मौसम की मार झेल रहे हैं, तो दूसरी तरफ खेती खराब होने से कर्ज के दलदल में फंसे जा रहे हैं। इस बार भी बादलों के रूठने से किसानों […]