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Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

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कोसी क्षेत्र : मौसम की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए मखाना की खेती कर रहे किसान

“पहले मैं 4 बीघा खेत में धान और गेहूं की खेती करता था। इनमें लगभग 2 बीघा खेत की जमीन गहरी थी। जब बारिश ज्यादा होती थी, तो फसल बर्बाद हो जाती थी। इसलिए पिछले साल के फरवरी में मैंने मखाना की खेती शुरू की। पिछले साल मुझे लगभग 60-70 हजार रुपए का लाभ मिला। […]

कटिहार: कदवा प्रखंड के गांव-गांव में देखा जा रहा लम्पी वायरस का लक्षण

भारत के कई राज्यों में लम्पी वायरस (Lumpy Virus) का कहर व्यापक स्तर पर देखा जा रहा है। इस वायरस की वजह से सिर्फ राजस्थान में 50,000 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है और लाखों संक्रमित हैं। राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की कुछ जगहों पर भी इस वायरस […]

अंडे के कारोबार में कमाई का फंडा

किशनगंज के दिघलबैंक के तौकीर अहमद और ज़ैद मुखिया ने पार्टनरशिप में पिछले साल अंडे का कारोबार शुरू किया है जिससे वे अपने ही इलाके में अंडों की सप्लाई कर रहे हैं।

क्या है मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना, किसान कैसे ले सकते हैं इसका फायदा

मुख्यमंत्री फसल सहायता योजना के जरिये बिहार सरकार किसानों को किसी आपदा के कारण हुए फसल नुकसान के लिए मुआवजा देती है।

धूल फांक रही अररिया की इकलौती हाईटेक नर्सरी

साल 2008 में अररिया के पूर्णिया सीमा स्थित करियात में दो हेक्टेयर जमीन पर हाईटेक नर्सरी का निर्माण कराया गया था जो अब एक आम नर्सरी बन कर रह गया है

केले के कूड़े को बनाया कमाई का जरिया

बिहार के सुपौल जिले के गणपतगंज नामक क्षेत्र में स्थित विष्णु मंदिर की तुलना चेन्नई के प्रसिद्ध विष्णु मंदिर से की जाती है। आज के वक्त में कोसी इलाका और सुपौल जिले की पहचान भी इसी मंदिर से है। इसी क्षेत्र की 28 वर्षीय प्रज्ञा भारती बनाना (केला) वेस्ट से हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स तैयार कर कमाई […]

कहीं बारिश, कहीं सूखा – बदलते मौसम से सीमांचल के किसानों पर आफत

50 वर्षीय अशोक यादव हफ्तेभर से बारिश का इंतजार कर रहे थे। लेकिन, बारिश नहीं हुई, तो उन्हें मजबूरी में डीजल चालित पंप सेट की मदद से खेत में पानी डालकर धान की बुआई करनी पड़ी। “यह तो बारिश का सीजन ही है। इस सीजन में हमारे यहां भारी बारिश हुआ करती है और उसी […]

बिजली की घोर किल्लत ने बढ़ाई किसानों, आम लोगों की समस्या

कटिहार: चमड़ी जला देने वाली धूप में मो. नदीम अख्तर का कपड़ा पसीने से भीगा हुआ है। आज वह अपने खेत में एक पुराना पंप सेट लेकर आए हैं। सालों पहले यह पंप सेट खेतों में पानी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इस पुराने पंपसेट के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि […]

बारिश नहीं होने से खेती पर असर, 30% से कम हुई धान की बुआई

बिहार के किशनगंज जिले के सत्तर फीसदी लोग खेती पर निर्भर हैं। लेकिन राज्य सरकार का ध्यान यहां के किसानों पर नहीं है। किसान एक तरफ मौसम की मार झेल रहे हैं, तो दूसरी तरफ खेती खराब होने से कर्ज के दलदल में फंसे जा रहे हैं। इस बार भी बादलों के रूठने से किसानों […]

बर्मा से आये लोगों ने सीमांचल में लाई मूंगफली क्रांति

अररिया: बर्मा से आये रिफ्यूजियों ने अररिया जिला सहित सीमांचल के किसानों को एक नई फसल उगाने की तरकीब देकर कृषि क्रांति ला दी है। इन रिफ्यूजियों के संपर्क में आकर यहां के किसान सफेद मूंगफली की खेती कर रहे हैं। बता दें कि सन 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बर्मा से रिफ्यूजियों […]

बिहार बीज अनुदान योजना : आधी क़ीमत पर ऐसे धान का बीज ख़रीद सकते हैं किसान

अब अगर आपका किसान पंजीकरण हो चुका है या पहले से ही किया हुआ है तो धान का बीज लेने के लिए एक मामूली ऑनलाइन आवेदन करना होता है, जो आप खुद भी अपने मोबाइल से कर सकते है या किसी कंप्यूटर सेंटर से करवा सकते हैं।

किशनगंज में हाथियों का उत्पात जारी, मंत्री के आश्वासन के बावजूद समाधान नहीं

किशनगंज के दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र के सीमावर्ती धनतोला के मुलाबारी सहित अन्य गांवों में हाथियों का उत्पात रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। शनिवार की देर रात से रविवार की अहले सुबह तक हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। हाथियों ने कई कच्चे घरों और फसलों को बर्बाद कर दिया। हाथियों के डर से […]

सीमांचल में बढ़ रहा हाथियों का उत्पात, घरों और फसलों को पहुंचा रहे नुकसान

किशनगंज में हाथियों का उत्पात जारी है। सोमवार की अहले सुबह हाथियों के झुंड ने जिले की दिघलबैंक पंचायत अंतर्गत रामपुर काॅलोनी बस्ती में उत्पात मचाया। हाथियों ने रामपुर काॅलोनी के लखीराम सोरेन, बुध रॉय, राजू दास, लक्ष्मी देवी सहित कुल छह परिवारों के कच्चे घरों को तोड़ दिया है जबकि घर अंदर रखा अनाज जिसमें चावल, धान, सब्जी आदि को बर्बाद कर दिया। हाथियों ने फसलों को भी नुकसान पहुंचाया।

सीमांचल में खाद की किल्लत बरकरार, किसान सड़कों पर उतरने को विवश

पिछले दिनों सीमांचल में खाद के लिए भगदड़ मच जाने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि सरकार इलाके में खाद की किल्लत को जल्द दूर कर देगी। मगर, यहां खाद की किल्लत अब भी बरकरार है।

‘ऐसी खाद की किल्लत हमने पहले कभी नहीं देखी’

गौरतलब हो कि भारत की लगभग 33 निजी व सार्वजनिक कंपनियां तथा को-ऑपरेटिव मिलकर हर साल 24 से 25 मिलियन टन यूरिया का उत्पादन करते हैं और 9 से 10 मिलियन टन यूरिया का निर्यात किया जाता है। इस साल भारत में रबी सीजन में कुल 179.001 लाख मैट्रिक टन यूरिया की जरूरत थी। 

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