Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

‘बिहार लघु उद्यमी योजना’ को कैबिनेट की स्वीकृति, 94 लाख ग़रीब परिवारों को मिलेंगे दो-दो लाख रुपये

बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि इस योजना के अन्तर्गत गरीब परिवार इस राशि से हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल, सैलून, ब्यूटी पार्लर, ढाबा समेत 62 तरह के उद्योग-धंधे शुरू कर सकते हैं।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :

बिहार के 94 लाख से अधिक ग़रीब परिवारों को राज्य सरकार ‘बिहार लघु उद्यमी योजना’ के तहत दो-दो लाख रुपये देगी। यह सहायता राशि निर्धन परिवारों को छोटे उद्योग-धंधे स्थापित करने के लिये दी जाएगी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति मिली। बताते चलें कि बैठक में विभिन्न विभागों की 18 योजनाओं को मंजूरी दी गई है।

Also Read Story

BPSC TRE-3 के प्रश्न-पत्र लीक मामले का ख़ुलासा, गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

बिहार की Laapataa Ladies, महीने भर से गुमशुदा है पत्नी

कटिहार: सड़क न बनने से नाराज़ महिलाओं ने घंटों किया सड़क जाम

अररिया: पुलिस की गाड़ी पर बैठ रील बनाने वाले दो युवक गिरफ्तार

किशनगंज: शिक्षिका से 3 लाख रुपये लूटने वालों के घर छापेमारी में ढाई लाख बरामद, दो आरोपी फरार

BPSC TRE-3 के 15 मार्च की परीक्षा रद्द होने की संभावना, पुलिस ने किया पेपर लीक और सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार

बिहार सरकार ने महंगाई भत्ते में किया इज़ाफ़ा, सरकारी पेंशन लेने वालों को मिली राहत

BPSC TRE-3 के पेपर लीक होने की आशंका, 300 परीक्षार्थी पुलिस हिरासत में

आजमनगर डकैती कांड का उद्भेदन, सोने के घड़े के लालच में आए थे डकैत

बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि इस योजना के अन्तर्गत गरीब परिवार इस राशि से हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल, सैलून, ब्यूटी पार्लर, ढाबा समेत 62 तरह के उद्योग-धंधे शुरू कर सकते हैं।


योजना के लिये ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किये जायेंगे। यदि लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होंगे, तो रैंडम आधार पर लाभुकों का चयन किया जायेगा। हालांकि, ऑनलाइन आवेदन की तिथि की घोषणा अभी नहीं हुई है।

एस सिद्धार्थ ने बताया कि योजना के क्रियान्वन के लिये एक राज्यस्तरीय अनुश्रवण कमेटी बनाई जायेगी, जो लक्ष्य का निर्धारण कर लाभुकों का चयन करेगी।

अनुश्रवण कमेटी के अध्यक्ष उद्योग विभाग के सचिव होंगे और इस कमेटी में विभाग के प्रधान सचिव और अपर मुख्य सचिव शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार द्वारा करायी गयी जाति आधारित गणना में पता चला है कि राज्य में 94,33,312 लाख गरीब परिवार हैं। इसमें उन्हीं परिवारों को शामिल किया गया है, जिनकी मासिक आय छह हज़ार रुपये से कम है।

बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 नवंबर को बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के संबोधन के दौरान इस योजना का ऐलान किया था।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

किशनगंज में एएसआई ने होमगार्ड जवान से की हाथापाई, जवानों ने की कार्रवाई की मांग

बिहार में बड़े स्तर पर बीडीओ का ट्रांसफर, मो. आसिफ बने किशनगंज के पोठिया प्रखंड के नये बीडीओ

ओडिशा से आया था नीरज पासवान हत्याकांड का शूटर, कटिहार एसपी ने और क्या क्या बताया

सागर कुमार बने किशनगंज के नए एसपी, मनेश कुमार कटिहार के नये डीएम

बिहार: महागठबंधन सरकार में निकली सुरक्षा प्रहरी वैकेंसी को एनडीए सरकार ने किया रद्द

अररिया: साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु की 103वीं जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन

केके पाठक की शिक्षा विभाग से छुट्टी, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जायेंगे पाठक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

बिहार-बंगाल सीमा पर वर्षों से पुल का इंतज़ार, चचरी भरोसे रायगंज-बारसोई

अररिया में पुल न बनने पर ग्रामीण बोले, “सांसद कहते हैं अल्पसंख्यकों के गांव का पुल नहीं बनाएंगे”

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?