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अब तक शेरशाहबादी नहीं बना सांसद, मिले हिस्सेदारी: कांग्रेस नेता तौक़ीर

तौकीर आलम कटिहार के प्राणपुर विधानसभा से दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। कटिहार लोकसभा में शेरशाहबादी समाज की बड़ी आबादी है और तौकीर आलम खुद भी शेरशाहबादी समाज से आते हैं।

Tanzil Asif is founder and CEO of Main Media Reported By Tanzil Asif |
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जैसे जैसे लोकसभा चुनाव करीब आ रहा है, नेता अपनी अपनी पार्टियों से सांसदी के टिकट की दावेदारी करते नज़र आ रहे हैं। INDIA गठबंधन में पार्टियां ज़्यादा हैं, इसलिए दावेदारों की भी कोई कमी नहीं है।

राहुल गाँधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के एक साल पूरे होने के मौके पर पूर्णिया में आयोजित एक प्रोग्राम में गुरुवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व कटिहार कांग्रेस के कद्दावर नेता तौकीर आलम ने एक संकल्प पत्र जारी कर शेरशाहबादी हिस्सेदारी की मांग रखी है।

“जातीय गणना और सीमांचल का मान: विकास, भागीदारी और सम्मान” नाम से जारी इस पत्र में तौकीर आलम ने लिखा है, “सीमांचल में बसे ओबीसी व पसमांदा समाज की सभी जातियों जैसे धानुक, धुनिया, केवट, चपौत, नाई, अंसारी, राजवंशी, राइन, तेली, मंसूरी, कुंजरा, भांट, धोबी, गंगोता इत्यादि और खासकर बहुत बड़ी आबादी वाले समाज शेरशाहबादी को उनकी जनसंख्या के अनुसार राजनीतिक हिस्सेदारी मिले। आजादी के 76 साल गुजरने के बाद भी आजतक पसमांदा समाज के शेरशाहबादी का कोई भी व्यक्ति संसद के किसी भी सदन में नहीं पहुंचा, इसलिए आबादी के अनुसार पसमांदा समाज की संसदीय सदन में भी हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए।


फिलहाल कटिहार लोकसभा सीट जदयू के पास है। जदयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी ने कांग्रेस के तारिक़ अनवर को 2019 चुनाव में यहाँ से हराया था। तारिक़ अनवर पांच बार कटिहार से सांसद रह चुके हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि INDIA गठबंधन में कांग्रेस कटिहार सीट जदयू से ले सकती है। लेकिन अब कटिहार में कांग्रेस के पास तारिक़ अनवर के अलावा विधानसभा में पार्टी दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान और राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम जैसे चेहरे भी हैं।

तौकीर आलम कटिहार के प्राणपुर विधानसभा से दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। कटिहार लोकसभा में शेरशाहबादी समाज की बड़ी आबादी है और तौकीर आलम खुद भी शेरशाहबादी समाज से आते हैं। उनके पिता मंसूर आलम तीन बार बरारी के विधायक रहे हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तौकीर आलम का ये बयान कांग्रेस आसानी से नज़रअंदाज़ नहीं कर पाएगी।

“घुसपैठी बोलकर बदनाम कर रही भाजपा”

संकल्प पत्र में तौकीर ने आगे लिखा है, “हमेशा से सीमांचल को भाजपा और उसके सहयोगी दल घुसपैठी बोलकर बदनाम करते आये हैं। बेहद दुःखद और चिंताजनक बात यह है कि आज भी सीमांचल में इतनी बड़ी और मेहनतकश आबादी (शेरशाहबादी समुदाय) को भाजपा और उनके सहयोगियों द्वारा कभी बाहरी तो कभी घुसपैठिया कहा जाता है। कभी इस समुदाय पर SC/ST की जमीन कब्जा करने का झूठा आरोप लगाकर बेइज्जत किया जाता है, तो कभी बेघर करने की बात कर इन्हें बार-बार जलील और रुसवा किया जाता है।”

“सूरजापुरी को अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाए”

“जिस तरह सीमांचल में बसे बिहार के मल्लाह, तेली, अंसारी, सेखड़ा, गोढ़ी, कुल्हैया, शेरशाहबादी व बिहार के दूसरे पिछड़े समाज को अत्यंत पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किया गया है। उसी तरह सीमांचल में बसे सूरजापुरी समाज को भी अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाए ताकि उन्हें भी केंद्र में OBC का लाभ मिल सके”, पत्र में आगे लिखा है।

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तंजील आसिफ एक मल्टीमीडिया पत्रकार-सह-उद्यमी हैं। वह 'मैं मीडिया' के संस्थापक और सीईओ हैं। समय-समय पर अन्य प्रकाशनों के लिए भी सीमांचल से ख़बरें लिखते रहे हैं। उनकी ख़बरें The Wire, The Quint, Outlook Magazine, Two Circles, the Milli Gazette आदि में छप चुकी हैं। तंज़ील एक Josh Talks स्पीकर, एक इंजीनियर और एक पार्ट टाइम कवि भी हैं। उन्होंने दिल्ली के भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) से मीडिया की पढ़ाई और जामिआ मिलिया इस्लामिआ से B.Tech की पढ़ाई की है।

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