Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

BPSC जिला कला व संस्कृति पदाधिकारी पदों के लिये 37 सफल, कीर्ति आलोक बनीं टॉपर

परिणाम में कीर्ति आलोक ने टॉप किया है। दूसरे नंबर पर प्रतिभा कुमारी हैं। साक्षात्कार में शामिल उम्मीदवारों की संयुक्त मेधा सूची लिखित परीक्षा में प्राप्त अंक व साक्षात्कार में प्राप्तांक के योग के आधार पर तैयार की गयी है।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :

बिहार लोक सेवा आयोग ने जिला कला व संस्कृति पदाधिकारी पदों के लिये हुई परीक्षा का फाइनल परिणाम जारी कर दिया है। अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर परिणाम देख सकते हैं। आयोग की तरफ से जारी परिणाम में 37 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है।

सफल अभ्यर्थियों में सामान्य श्रेणी के 13, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 4, अनुसूचित जाति वर्ग के 6, अनुसूचित जनजाति के 1, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 7, पिछड़ा वर्ग के 5 और पिछड़ा वर्ग की 1 महिला शामिल हैं।

Also Read Story

15 मई तक आयेगा बिहार कृषि सेवा और BPSC ड्रग इंस्पेक्टर परीक्षा का रिज़ल्ट

BPSC द्वारा आयोजित ‘बिहार कृषि सेवा’ के विभिन्न पदों के लिये हुई परीक्षा का फाइनल उत्तर जारी

BPSC TRE समेत अन्य परीक्षा के लिये दो बार करना पड़ा है पेमेंट, तो ऐसे मिलेगा पैसा वापस

BPSC TRE-3: इस तारीख को होगी रद्द हुई परीक्षा, BPSC ने जारी किया परीक्षा कैलेंडर

UPSC सिविल सर्विसेज़ परीक्षा में 1,016 सफल, आदित्य श्रीवास्तव बने टॉपर

BPSC TRE-3 के 5 अप्रैल की संभावित परीक्षा स्थगित

BPSC TRE-3 की 15 मार्च की परीक्षा रद्द करने की मांग तेज़, “रद्द नहीं हुई परीक्षा तो कट-ऑफ बहुत हाई होगा”

BPSC TRE-3: ठोस सबूत मिलने पर ही 15 मार्च की परीक्षा रद्द करने पर आयोग लेगा फैसला

BPSSC सब इंस्पेक्टर की मुख्य परीक्षा का रिज़ल्ट जारी, 7,623 उम्मीदवार कामयाब

बताते चलें कि आयोग ने जिला कला व संस्कृति पदाधिकारी के 38 पदों के लिये लिखित परीक्षा का आयोजन किया था, जिसमें 97 उम्मीदवार सफल हुए थे। इन अभ्यर्थियों की साक्षात्कार परीक्षा 16-17 जनवरी को आयोजित हुई थी।


परिणाम में कीर्ति आलोक ने टॉप किया है। दूसरे नंबर पर प्रतिभा कुमारी हैं। साक्षात्कार में शामिल उम्मीदवारों की संयुक्त मेधा सूची लिखित परीक्षा में प्राप्त अंक व साक्षात्कार में प्राप्तांक के योग के आधार पर तैयार की गयी है।

उल्लेखनीय है कि मेधा सूची में दो उम्मीदवारों का कुल प्राप्तांक समान होने पर लिखित परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार तथा लिखित परीक्षा का प्राप्तांक भी समान होने पर जन्म तिथि के अनुसार अधिक उम्र वाले उम्मीदवार को संयुक्त मेधा सूची में ऊपर रखा गया है।

परीक्षा का कट-ऑफ

आयोग की तरफ से जिला कला व संस्कृति पदाधिकारी पदों के लिये हुई परीक्षा का कट-ऑफ अंक भी जारी किया है। इन पदों के लिये सामान्य वर्ग का कट-ऑफ अंक 276, सामान्य महिला के लिये 275, ईडब्ल्यूएस (महिला व पुरूष दोनों) के लिये 237, अनुसूचित 241 और अनुसूचित जनजाति के लिये कट-ऑफ अंक 225 रहा।

इसी प्रकार, अनुसूचित जनजाति (महिला व पुरूष दोनों) के लिये 233, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिये 259, अत्यंत पिछड़ा वर्ग की महिला के लिये 249, पिछड़ा वर्ग के लिये 258, पिछड़ा वर्ग की महिला के लिये 259, बीसीएल श्रेणी के लिये 254 और दिव्यांग श्रेणी का कट-ऑफ अंक 248 है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3,120 नवनियुक्त कर्मचारियों को बांटे नियुक्ति पत्र

BPSC ने सिमुलतला विद्यालय के लिये निकाली शिक्षक पदों पर बहाली, 25 अप्रैल से करें आवेदन

BPSC TRE-3 में ले रहे हैं भाग तो परीक्षा को लेकर जान लीजिये ये बड़ा अपडेट

BPSC की 68वीं सिविल सेवा परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को दस्तावेज़ अपलोड करने का आख़िरी मौक़ा

BPSC TRE-3 के एडमिट कार्ड में फोटो या हस्ताक्षर साफ नहीं है तो परीक्षा केंद्र पर ले जायें ये काग़ज़ात

BPSC के तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 16 मार्च की परीक्षा कैंसिल

बिहार के आईटीआई कॉलेजों में वाइस प्रिंसिपल पदों पर निकली इतनी वैकेंसी, 25 मार्च से आवेदन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

बिहार-बंगाल सीमा पर वर्षों से पुल का इंतज़ार, चचरी भरोसे रायगंज-बारसोई

अररिया में पुल न बनने पर ग्रामीण बोले, “सांसद कहते हैं अल्पसंख्यकों के गांव का पुल नहीं बनाएंगे”

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?