बिहार के किशनगंज स्थित पोठिया प्रखंड क्षेत्र के आदर्श मध्य विद्यालय कलियागंज में एक दिवसीय ‘नई चेतना- पहल बदलाव की ओर’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी प्रियंका श्रीवास्तव ने उपस्थित बच्चों व शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है और शिक्षा व्यवसाय नहीं अपितु जीवन ध्येय होना चाहिए।
प्रियंका श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक के चरित्र ज्ञान व उनकी प्रतिबद्धता से ही छात्रों में व्यक्ति का समग्र विकास तथा चरित्र निर्माण सम्भव है।
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“बच्चों को राष्ट्र का अमूल्य निधि माना गया है और इनका पर्याप्त संरक्षण माता पिता व शिक्षकों के मार्गदर्शन के ऊपर निर्भर करता है। मां–बाप बच्चों के जीवन को उचित मोड़ दे सकते हैं। यह बात अपने मन पर अंकित कर यदि हम लड़कों के साथ-साथ लड़कियों को भी शिक्षित करें, तो हमारे समाज की उन्नति और तेज़ी से होगी,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम में प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने बाल यौन शौषण, बाल संरक्षण व बाल विवाह से सम्बंधित जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी नाबालिग की शादी करवाना, करना या किसी तरह से सहायता करना गैर जमानती अपराध है।
“बाल विवाह से बच्चों के विकास, मानसिक शक्ति व समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बाल विवाह अधिनियम-2006 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे की शादी कराना कानूनन अपराध है। बाल विवाह किसी बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के अधिकार से वंचित करता है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा, “ऐसा देखा गया है कि कम उम्र में विवाह के कारण लड़कियों को हिंसा, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का अधिक सामना करना पड़ता है। कम उम्र में विवाह से लड़के और लड़कियों दोनों पर शारीरिक, बौद्धिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभाव पड़ता है। शिक्षा के अवसर कम हो जाते हैं और व्यक्तित्व विकास सही ढंग से नहीं हो पाता है।”
कार्यक्रम में महिला पर्यवेक्षिका वाजदा बेगम, प्रियंका, ऋतु रानी दास, नीलिमा, पूजा, बेबी, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के जिला परियोजना समन्वयक मुजाहिद आलम, सोशल वर्कर जफर अंजुम, राकेश कुमार सहित अन्य मौजूद थे।
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