पटना के गांधी मैदान में आयोजित दूसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति वितरण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य में 10 लाख से भी अधिक बहाली होगी।
शनिवार को गांधी मैदान में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ-साथ अन्य मंत्रियों ने नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
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बताते चलें कि जिला स्तर पर भी कार्यक्रमों का आयोजन कर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिये गये। पूरे राज्य में कुल 96,823 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिये गये हैं।
गांधी मैदान के नियुक्ति वितरण समारोह में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, वित्त, वाणिज्य कर और संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव भी मौजूद थे।
समारोह में बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव के साथ-साथ राज्य प्रशासन और शिक्षा विभाग के कई वरीय अधिकारी मौजूद रहे।
समारोह में चुनिंदा सफल शिक्षकों को मंत्रियों द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर सभी मंत्रियों ने नवनियुक्त शिक्षकों को शुभकामनाएं भी दीं।
जिस समय गांधी मैदान में वितरण समारोह कार्यक्रम हो रहा था, ठीक उसी समय अन्य जिलों में भी कार्यक्रम का आयोजन कर शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये गये। जिला स्तरीय कार्यक्रम स्थल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये गांधी मैदान के नियुक्ति वितरण समारोह से जुड़े हुए थे।
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने 10 लाख नौकरी और 10 लाख युवाओं को रोज़गार देने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 5 लाख युवाओं को रोज़गार मिल चुका है और क़रीब 5 लाख युवाओं को नौकरी भी मिल चुकी है।
“सात निश्चय में हमलोगों ने तय किया था कि राज्य में 10 लाख बहाली होगी। आप देख ही रहे हैं कि कितनी बड़ी संख्या में बहाली हो रही है। अब तक 3 लाख 63 हज़ार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी में बहाली हो गई है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा, “लोगों को लग रहा था 10 लाख, लेकिन हम जितना अलग-अलग विभागों का देख रहे हैं। यहां पर तो बैठे ही हुए सभी विभागों के प्रमुख भी। इन लोगों को तो मालूम ही है। इसलिये 10 लाख से भी ज्यादे बहाली होगी। यह जान लीजिये। 10 लाख ही नहीं 10 लाख से भी ज्यादा बहाली होगी।”
मुख्यमंत्री से पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित नवनियुक्त शिक्षकों को संबोधित किया।
नीतीश कुमार ने अपने संबोधन के दौरान मीडिया पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर नियुक्ति हो रही है लेकिन मुझे डर है कि कुछ लोग मीडिया को यह सब छापने नहीं देंगे।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों में रिक्त पड़ी सीटों पर बहाली चल रही है और जल्द ही सभी रिक्त सीटों पर बहाली हो जायेगी।
“बहुत शीघ्र ही हमलोग वो काम (बहाली) भी करने वाले हैं। 10 लाख तो वैसे लोगों का हो जायेगा विभिन्न विभागों की सरकारी नौकरियों में। ख़ाली शिक्षक की बात नहीं अन्य विभागों में भी सबकी बहाली हो रही है,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा “हमलोगों ने कहा था कि 10 लाख को बहाली देंगे और 10 लाख को रोज़गार देंगे। अब समझिये कि लगभग पांच लाख के क़रीब भी बहुत जल्द पूरा होने वाला है बहाली भी। बाक़ी भी हमलोग एक-डेढ़ साल के अन्दर पूरा कर देंगे, ताकि सबलोगों की बहाली हो जाये।”
बहाली का वर्ल्ड रिकार्ड बना: तेजस्वी
बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी नवनियुक्त शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं और मेहनत से बच्चों को पढ़ाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि इतने कम दिनों के अन्दर इतने बड़े स्तर पर एक ही विभाग की दो-दो बहाली प्रक्रिया को संपन्न कर बिहार सरकार ने वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है।
“बिहार सरकार ने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश जी के नेतृत्व में हमलोग कह सकते हैं कि हमलोगों ने वर्ल्ड रिकार्ड बनाने का काम किया है। कोई सरकार आजतक देश तो छोड़िये दुनिया में नहीं हुआ कि 70 दिनों के अन्दर एक ही डिपार्टमेंट के दो लाख से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने का काम किया हो,” उन्होंने कहा।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा, “समय पर परीक्षा हुई, रिज़ल्ट आया, नियुक्ति पत्र वितरण हो रहा है और समय पर वेतन भी मिल रहा है। यह मामूली बात नहीं है। और राज्यों को बिहार से सीखना चाहिये कि कैसे जो सरकार कहती है वह करती है।”
तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार दवारा नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी बनाने पर अपनी ही सरकार की पीठ थपथपाई।
उन्होंने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग थे, जो कहते थे कि भगवान भी आ जायें तो नियोजित शिक्षकों को सरकरी कर्मी का दर्जा नहीं दिलवा सकता है, लेकिन महागठबंधन की सरकार ने यह कर दिखाया है।
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