कटिहार के टाउनहॉल में शनिवार को ‘समर्पित कांग्रेसी सम्मान समारोह सह अधिकार सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता निगम पार्षद सह कांग्रेस लीगल सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष निक्कू सिंह ने की, जबकि कार्यक्रम के संयोजक निगम पार्षद सह कांग्रेस के अल्पसंख्यक ज़िला अध्यक्ष इज़हार अली रहे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य तौर पर पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को एकत्रित कर सम्मानित किया गया। हालांकि कांग्रेस के स्थानीय वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व कटिहार सांसद तारिक अनवर और बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान इस प्रोग्राम में नज़र नहीं आए।
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इस बारे में पूछे जाने पर आयोजक निक्कू सिंह ने कहा, “ये समर्पित कांग्रेसियों का बैनर है, समर्पित कांग्रेसी जो होंगे, वे इस कार्यक्रम में आएंगे।”
लोकसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी
जानकार इस प्रोग्राम को तौकीर आलम की लोकसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी के लिए शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देख रहे हैं। इस बारे में पूछे जाने पर तौकीर कहते हैं, “जनता अगर चाहेगी और पार्टी सम्मान देगी, तो हम ज़रूर उसका फैसला लेंगे।”
दरअसल, तौकीर आलम शेरशाहबादी बिरादरी से आते हैं। बिहार जातीय गणना में शेरशाहबादी आबादी करीब एक प्रतिशत (13,02,644) बताई गई है। इसके बावजूद इस समाज से न ही कोई विधायक है, न सांसद। हालांकि तौकीर आलम को कांग्रेस ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में प्राणपुर से टिकट दिया था।
तौकीर आलम ने कहा, “शेरशाहबादी समाज को आज भी भाजपा के लोग बांग्लादेशी बोल कर बदनाम करते हैं। हमारे बड़े नेताओं को ये बातें संसद और विधानसभा में उठानी चाहिए। लेकिन, अफ़सोस कि संसद में कभी ये बातें नहीं उठीं, विधानसभा के अंदर बहुत कम ऐसा हुआ है। ये बातें उठाने की ज़रूरत है, ताकि इस पर लगाम लगे।”
पूर्णिया उप राजधानी की मांग
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता तौकीर आलम ने कहा कि जैसे अविभाजित बिहार में पटना के साथ-साथ रांची सेकेंड कैपिटल था, वैसे ही अब पूर्णिया को उप राजधानी बनाया जाना चाहिए, साथ ही हाईकोर्ट का बेंच भी सीमांचल में होना चाहिए।
आपको बता दें कि AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी व अख्तरुल ईमान लगातार पूर्णिया को बिहार की उप राजधानी बनाने की मांग करते रहे हैं। AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान ने ये मुद्दा विधानसभा में भी उठाया था। ईमान ने सीमांचल के नेताओं को पार्टी हित से ऊपर उठ कर इस मुद्दे पर साथ देने की भी अपील की थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मांग को ‘फ़ालतू बात’ कहते हुए नकार दिया था।
नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा था, “मैं साफ़ कह रहा हूँ, जिनको करना होगा, हमारे बाद जो करे, सबकी अपनी इच्छा। ये बहुत बड़ा राज्य नहीं है। राजधानी यहाँ से वहां करने से क्या हो जाएगा।”
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