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बिहार के 94 लाख गरीब परिवारों को दो लाख रुपये देने संबंधी योजना पर कैबिनेट की मुहर

बिहार के 68,350 आवासहीन व भूमिहीन परिवारों को ज़मीन खरीदने के लिये दिये जा रहे 60 हज़ार रुपये को बढ़ाकर एक लाख रुपये देने संबंधी योजना पर भी कैबिनेट की मुहर लग गई।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :

बिहार के 94 लाख गरीब परिवारों के एक सदस्य को रोज़गार के लिये दो लाख रुपये देने की स्वीकृति कैबिनेट से मिल गई है। बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें विभिन्न विभागों से संबंधित 40 योजनाओं की स्वीकृति पर मुहर लगी।

बिहार के 68,350 आवासहीन व भूमिहीन परिवारों को ज़मीन खरीदने के लिये दिये जा रहे 60 हज़ार रुपये को बढ़ाकर एक लाख रुपये देने संबंधी योजना पर भी कैबिनेट की मुहर लग गई।

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योजना के मुताबिक, अब परिवारों को मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये दिये जायेंगे। जो 39 लाख परिवार झोपड़ियों में रह रहे हैं, उन्हें भी पक्का मकान मुहैया कराया जायेगा, जिसके लिए प्रति परिवार को 1 लाख 20 हजार रुपये की दर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी।


इसके अलावा सतत जीविकोपार्जन योजना के अन्तर्गत अत्यंत निर्धन परिवारों की सहायता के लिए अब एक लाख रुपये के बदले दो लाख रुपये दिये जायेंगे। इस योजना को भी कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई।

उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार द्वारा करायी गयी जाति आधारित गणना में पता चला है कि राज्य में 94 लाख गरीब और 63,850 आवासहीन व भूमिहीन परिवार हैं। जाति आधारित गणना में यह भी पता लगा कि राज्य में 39 लाख परिवार झोपड़ियों में रह रहे हैं।

बताते चलें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 नवंबर को बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के संबोधन के दौरान इन योजनाओं का ऐलान किया था।

विशेष राज्य का दर्जा दिलाने पर भी लगी मुहर

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार से पुनः अनुरोध करने के लिये मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया गया है।

सरकार के अनुसार, इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग दो लाख पचास हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। बिहार सरकार का कहना है कि इतनी बड़ी राशि उपलब्ध होने के लिए आवश्यक है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले।

सरकार के मुताबिक, राज्य की मांग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी। इसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी। परन्तु, उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इस पर कुछ नहीं किया।
सरकार की मानें तो इस संबंध में बिहार सरकार ने अनेक बार भारत सरकार से अनुरोध किया। वर्तमान केन्द्र सरकार से भी अपील की गई, किन्तु इस दिशा में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।

सरकार का मानना है कि अगर बिहार राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिल जायेगा, तो बिहार राज्य विकसित राज्यों की श्रेणी में जल्द आ जायेगा।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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