Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

अररिया: एक साल से क्षतिग्रस्त पुल, बांस के सहारे गुजरते हैं लोग

चचरी और बांस के पायो से बनाए गए इस पुल के ऊपर लोहे की चादर बिछाई गई है, जिससे रोजाना हजारों लोग अपनी जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं।

ved prakash Reported By Ved Prakash |
Published On :

अररिया प्रखंड की रामपुर मोहनपुर पश्चिम पंचायत को फारबिसगंज से जोड़ने वाला यह पुल लगभग 1 साल से क्षतिग्रस्त है। रामपुर चौक के निकट इस पुल का एक भाग छतिग्रस्त होने के बाद स्थानीय मुखिया के सहयोग से इस पर चचरी डालकर यातायात के काबिल बनाया गया है। चचरी और बांस के पायो से बनाए गए इस पुल के ऊपर लोहे की चादर बिछाई गई है, जिससे रोजाना हजारों लोग अपनी जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं।

Also Read Story

बिन कीचड़ ही इस सड़क के गड्ढों में अटक जाती हैं गाड़ियां

कटिहार: इस ख़तरनाक चचरी पुल से रोज़ाना गुज़रते हैं 20 से अधिक गांव के लोग

सहरसा: बिना भवन के इस स्कूल में खुले आसमान के नीचे पढ़ने पर मजबूर बच्चे

खंडहर में तब्दील होता सहरसा का रेफरल अस्पताल

टीन की छत, ज़मीन पर बच्चे, ये बिहार का प्राइमरी स्कूल है

किशनगंज के डोंक नदी पर पुल पांच साल से अधूरा

सालमारी से कुरुम पथ का होगा जल्द ही चौड़ीकरण

पूर्णिया एयरपोर्ट: भाजपा व जदयू में जुबानी जंग, पर सच्चाई क्या है?

कच्ची सड़क बन रही जानलेवा हादसों का कारण

पैदल चलने वाले लोगों के साथ-साथ, साइकिल, बाइक, टेंपो और यहां तक कि ट्रैक्टर जैसे बड़े वाहन भी इस नाजुक पुल से ही गुजरने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस पुल पर कई बार लोग हादसों का शिकार भी हो चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया है।


स्थानीय निवासी पंकज कुमार साह बताते हैं कि यह काफी पुराना और कमजोर पल था जिसे साल 2004 के आसपास बनाया गया था। पिछले साल गिट्टी भरा एक ट्रक पुल से गुजर रहा था, उसी ट्रक के वज़न से पुल का एक हिस्सा टूट गया, तब से अब तक इस पुल की मरम्मत नहीं कराई गई है जबकि यहां से रोजाना लगभग 4-5 हजार लोगों का गुजरना होता है।

स्थानीय टेंपो चालक मोहम्मद आसिफ पुल से गुजरते वक्त लगातार बने रहने वाले खतरे के बारे में बताते हैं। वह सरकार से सवाल करते हैं कि जब किसी हादसे का शिकार होकर लोग मर जाएंगे क्या वह तभी मुआवजा देगी ? क्या उससे पहले इस पुल को नहीं बनवाया जाएगा ?

स्थानीय मुखिया मोहम्मद सालेह आलम ने बताया कि उन्होंने अपने निजी खर्च से बांस और चचरी द्वारा पुल को बनवाया है ताकि लोगों का आना जाना बना रहे। सालेह आलम कहते हैं कि वे उस पुल की मांग को लेकर प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक गए, विभाग में भी कई बार गए जहां मौखिक के साथ-साथ लिखित अर्जी दी, लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगा है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

अररिया में जन्मे वेद प्रकाश ने सर्वप्रथम दैनिक हिंदुस्तान कार्यालय में 2008 में फोटो भेजने का काम किया हालांकि उस वक्त पत्रकारिता से नहीं जुड़े थे। 2016 में डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कदम रखा। सीमांचल में आने वाली बाढ़ की समस्या को लेकर मुखर रहे हैं।

Related News

रजिस्ट्री के पेंच में उलझा स्वास्थ्य केंद्र दशकों से बंद

अमौर में सड़क अधूरा छोड़ दिया, राहगीर होते हैं परेशान

सुपौल: कचरे का अंबार बिगाड़ रहा आदर्श नगर परिषद की सूरत

6 साल पहले हुआ शिलान्यास, पर आज तक नहीं बन पाई सड़क

खराब सड़क इस गांव की शिक्षा, स्वास्थ्य और खेती पर डाल रही बुरा असर

दार्जिलिंग: भूस्खलन से बर्बाद सड़क की नहीं हुई मरम्मत, चाय बागान श्रमिक परेशान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latests Posts

Ground Report

हाथियों के उत्पात से दहशत, पांच मौत, घर व फसल तबाह

पूर्णिया: अवैध भवनों को सील करने की नगर आयुक्त की कार्रवाई पर उठे सवाल

तैयारियों के बाद भी नहीं पहुंचे CM, राह तकता रह गया पूर्णिया का गाँव

जर्जर भवन में जान हथेली पर रखकर पढ़ते हैं कदवा के नौनिहाल

ग्राउंड रिपोर्ट: इस दलित बस्ती के आधे लोगों को सरकारी राशन का इंतजार