बिहार लोक सेवा आयोग शुक्रवार (22 दिसंबर) से शिक्षक भर्ती परीक्षा के दूसरे चरण की परीक्षा का परिणाम जारी करना शुरू करेगी। आयोग ने इसको लेकर अपनी तैयारी पूरी कर ली है। आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद और सचिव रवि भूषण ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।
आयोग की तरफ से शुक्रवार को पिछ़ड़ा व अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और अनूसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अन्तर्गत स्कूलों के प्रधानाध्यापक पदों के लिये हुई परीक्षा तथा संगीत व कला विषय के परिणाम के साथ-साथ शिक्षा विभाग अन्तर्गत वर्ग 6-8 स्कूलों के गणित-विज्ञान शिक्षक परीक्षा का परिणाम जारी की जायेगी।
आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि शुक्रवार के बाद से हर दिन किसी न किसी विषय का रिज़ल्ट जारी होगा।
संबंधित विभाग करेंगे दस्तावेज़ सत्यापन
आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि 26 दिसंबर से सफल अभ्यर्थियों का दस्तावेज़ सत्यापन शुरू हो जायेगा। आयोग ने इस संबंध में विस्तृत अधिसूचना भी जारी की है।
अधिसूचना के अनुसार, परीक्षाफल प्रकाशन के पश्चात कॉउंसिलिंग के समय संबंधित विभाग द्वारा ऑनलाईन आवेदन के समय समर्पित शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक अर्हता से सम्बन्धी प्रमाण-पत्रों की जांच उसके मूल प्रति से की जायेगी, जिसमें असफल होने पर उनकी पात्रता व परीक्षाफल, दोनों स्वतः रद्द समझी जायेगी।
आयोग ने अभ्यर्थियों द्वारा ऑनलाइन फार्म भरते समय अपलोड किये गये कागजात तथा दस्तावेज़ को डाउनलोड कर सत्यापन के समय सक्षम प्राधिकार और संबंधित विभाग के समक्ष जमा करने की सलाह दी है।
अभ्यर्थोयों को ऑनलाईन आवेदन करते समय आयोग के पोर्टल पर अप्लोड किये गए अपने सभी प्रमाण-पत्रों (जिस पर आयोग का वाटरमार्क अंकित होगा) को डाउनलोड कर संबंधित विभाग द्वारा आयोजित कॉउसिलिंग में प्रस्तुत करना होगा।
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आयोग के वाटरमार्क के बिना कोई प्रमाण-पत्र मान्य व स्वीकार्य नहीं होगा। कोई नया प्रमाणपत्र अप्लोड कर पुनः डाउनलोड कर जमा करने की व्यवस्था मात्र सम्बंधित विभाग की अनुशंसा पर ही अभ्यर्थियों को दी जायेगी।
अभ्यर्थियों के दिव्यांगता व आरक्षण से सम्बन्धित प्रमाण पत्रों की जाँच संबंधित विभाग द्वारा कराई जायेगी। सभी दिव्यांग अभ्यर्थी की दिव्यान्गता की जांच सक्षम मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल( IGIMS, AIIMS) से कराई जायेगी।
दिव्यांगता का दावा सही नहीं होने या सरकार द्वारा निर्धारित मानक से कम दिव्यांग पाये जाने की स्थिति में ऐसे अभ्यर्थियों को कदाचार की श्रेणी में मानते हुए उनका परीक्षाफल स्वतः रद्द समझा जाएगा और उन्हें दोषी मानते हुए विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी।
18 माह के डीएलएड डिग्रीधारी अभ्यर्थी अयोग्य
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालीय शिक्षा संस्थान द्वारा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राप्त 18 महीने का डीएलएड (D.El.Ed) डिग्रीधारी दूसरे चरण की नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिक शिक्षक बनने के लिये भाग नहीं ले सकेंगे।
ऐसा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये एक आदेश के बाद किया गया है, जिसमें कोर्ट ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालीय शिक्षा संस्थान द्वारा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्राप्त 18 महीने की डीएलएड डिग्री को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिये अयोग्य करार दिया था।
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Sir exam conduct hone ke bad language me pass hone ye fail hone se koe matlab nahi h, ye galat h aap exam se pahle bol dete to candidate focus subjects par karta n ki language par,,, nahi to language ko merit me add kiya jai