संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी दलों के सांसदों के निलंबन के खिलाफ शुक्रवार को विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में शामिल दलों ने प्रदेश भर में प्रदर्शन किया और आक्रोश मार्च निकाला।
गठबंधन के राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत पटना में राजद, जदयू, कांग्रेस, भाकपा (माले), सीपीआई और सीपीआई (एम) ने संयुक्त रूप से लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों के निष्काषन के खिलाफ विरोध मार्च किया और पटना जिलाधिकारी के माध्यम से देश के राष्ट्रपति को एक स्मार पत्र सौंपा, जिसमें संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनसे तत्काल अपेक्षित कदम उठाने की मांग की गई।
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पटना में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, अनिल शर्मा और राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, जदयू के रविंद्र सिंह, भाकपा माले विधायक संदीप सौरव एवं महागठबंधन के अन्य नेता सड़कों पर उतरे। उन्होंने आयकर गोलंबर से जिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकाला।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को बस इतनी सी बात पर निकाल बाहर कर दिया गया कि वे संसद में हुए सुरक्षा चूक पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से बयान चाह रहे थे। बयान देने की बजाए बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से सभी सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
लोगों ने कहा कि मोदी सरकार की बढ़ती तानाशाही ने संसद की गरिमा को तार-तार कर दिया है। प्रदर्शनकारी बैनर और तख्तियां लिए थे। वे केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे थे। प्रदेश के मुजफ्फरपुर, रोहतास, औरंगाबाद, बक्सर, सहित कई अन्य जिलों में भी गठबंधन के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया।
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
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