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दिल्ली बार्डर पर किसान आंदोलन के छह महीने पूरे हुए तो मनाया गया Black Day

किसानों द्वारा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुर किए आंदोलन को 26 मई 2021 को छह महीने पूरे हो गए। जिसको देखते हुए किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी इस लड़ाई की याद में 26 मई को ‘काला दिवस’ Black day मनाया।

Reported By Brijesh Goswami |
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किसानों द्वारा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुर किए आंदोलन को 26 मई 2021 को छह महीने पूरे हो गए। जिसको देखते हुए किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी इस लड़ाई की याद में 26 मई को ‘काला दिवस’ Black day मनाया। किसानों ने दिल्ली के पास गाजीपुर, टीकरी और सिंघू में काले झंडे लहराए और सरकार के खिलाफ पुतला भी फूंका। इसके अलावा Twitter पर भी हैसटैग #BlackDayAgainstGovt टॉप 10 में ट्रेंड करता रहा जिसके जरिए लोगों ने Black day को अपना स्पोर्ट किया और सरकार से काले कानून वापस लेने की मांग की।

15 मई को तय हुआ था काला दिवस मनाने का फैसला

संयुक्त किसान मोर्चा संगठन ने काला दिवस मनाने की घोषणा 15 मई को ही कर दिया था। जिसके बाद किसान नेताओं ने लोगों से मांग करी थी कि वो अपने घरों, गाड़ियों और दुकानों पर 26 मई को तीनों कानूनों के विरोध काले झडें लगाए। हालांकि भारतीय किसान नेता राकेश टिकैत और उनके समर्थकों ने 26 मई को दिल्ली के अलग-अलग बार्डरों पर कानूनों के विरोध में पुतला जलाने की कोशिश करी जिसके चलते पुलिस से कई जगहों पर झड़प देखने को मिली।



आपकों याद दिला दें कि आज से छह महीनें पहले किसानों ने 26 नंवबर को तीनों कानूनों के विरोध में दिल्ली चलो अभियान की शुरुआत की थी जिसके बाद से ही किसान सरकार से मांग कर रहे है कि वो तीनों कानून वापिस ले। लेकिन सरकार किसानों से कहती आ रही है कि सभी कानून किसानों के भले के लिए लाए गए इसलिए कानून वापिस नहीं होगे। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच समाधान निकालने के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया है। आपकों बता दि कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में हिंसा होने के बाद से कोई भी बातचीत नहीं हो सकी है।

कृषि मंत्री दिखे चुप, लेकिन अखिलेश और मायवती ने मौका नहीं छोड़ा

किसानों के काला दिवस मनाने पर सरकार की ओर से किसी भी बड़े नेता से Twitter पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देखने को मिली और न ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिहं तोमर की ओर से Black day पर कुछ बोला गया।

हालांकि विपक्ष में अखिलेश यादव नें सरकार पर सीधा निशाना साधा और लिखा कि भाजपा सरकार के अहंकार के कारण आज देश में किसानों के साथ जो अपमानजनक व्यवहार हो रहा है उससे देश का हर नागरिक आक्रोशित है।


मायावती ने किसानों का समर्थन किया और बोला कि बीएसपी का विरोध दिवस को समर्थन है। हालांकि उन्होंने दूसरे ट्वीट में मांग कि केन्द्र सरकार किसनों से दोबारा वार्ता करके कोई हल निकाले।

सोशल मीड़िया का खूब हुआ इस्तेमाल Black day पर

कोविड की महामारी के बीच जहां देश भर में लोग घरों से निकलने से बच रहे है ऐसे समय में काला दिवस मनाने में लोगों ने सोशल मीडिया की खूब मदद ली। किसान एकता मोर्चा के ट्वीटर हैंडल से दिनभर देशभर की अलग जगहों से काला दिवस के समर्थन की आई लोगों की तस्वीरों को शेयर किया गया। विरोध में हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हैदराबाद, तेलागंना, महारष्ट्र, हरियाणा, बिहार समेत कई राज्यों से काला दिवस मनाते लोगों की तस्वीर किसान एकता मोर्चा ट्वीटर एकांउट पर देखी जा सकती है।

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