भारतीय जनता पार्टी ने कटिहार के बारसोई प्रखंड में बिजली के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस द्वारा गोलियां चलाने पर नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और बिहार सरकार से इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा, “कटिहार के बारसोई में बिजली की समस्या के लिए आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस ने गोली चला कर मारने का काम किया, यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं मांग करता हूँ कि बिहार सरकार इसकी हाई लेवल जांच करे। जिस तरह पुलिस ने गोली चलाई है, उससे स्पष्ट है कि नीतीश जी पहले तो नौकरी मांगने पर गोली चला रहे थे और अब बिजली मांगने पर भी गोली मारने का काम कर रहे हैं।”
इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बारसोई अनुमंडलीय मुख्यालय में बिजली उपभोक्ताओं पर यूँ गोली चलाना पूरे शासन तंत्र पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। सरकार के हाथ से पूरा प्रशासन निकल चुका है।
नीतीश सरकार को निरंकुश बताकर पूर्व उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “इस तरह की घटना दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं बल्कि पूरे शासन की पोल खोल रही है। यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को बिजली नहीं मिल रही है। बिजली उपभोक्ता नियमित रूप से बिल का भुगतान करते हैं। भारत सरकार ने बिहार को बिजली आपूर्ति के लिए सहयोग किया है, लेकिन बिहार का शासन तंत्र इतना निरंकुश हो चुका है कि बिहार के मुख्यमंत्री का इस पूरे शासन पर प्रभाव खत्म हो चुका है।”
बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बिहार सरकार को हिटलर शाही सरकार बताया और कहा कि यह सरकार लोकतंत्र को लाठीतंत्र में बदलना चाहती है।
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“जो भी इनके अपराध और भ्रष्ट्राचार को उजागर करता है, ये उनकी आवाज़ दबाना चाहते हैं। मैं जा रहा हूँ बारसोई और जाकर देखूंगा कि क्या मामला है। यह निंदनीय घटना है और अगर इस तरह से गोली लग कर मौत हुई है तो इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति और कुछ नहीं होगी। बिहार में शासन, प्रशासन फेल है और इनके अंदर नैतिक ज़िम्मेवारी नहीं रही है, इन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए,” विजय कुमार सिन्हा ने कहा।
उन्होंने आगे कहा, ”जब शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन हो रहा था, तब लाठियों की बौछार की गई, यह इनकी मानसिकता झलकाती है। जब कायर कमज़ोर हो जाता है, तो भ्रष्ट आदमी डर जाता है और वह आवाज़ दबाने के लिए लाठी और गोली का सहारा लेता है। निश्चत रूप से इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए।”
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