बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बुधवार को ट्वीट कर जल्द ही बिहार शिक्षक बहाली परीक्षा (TRE) के कट ऑफ मार्क्स जारी करने की घोषणा की। पिछले हफ्ते BPSC ने 17 से 22 अक्टूबर तक प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के सभी विषयों का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया था।
‘कशिश न्यूज़ टीवी’ चैनल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि 25 अक्टूबर को विषयवार तरीके से काट ऑफ जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी खुलासा किया की केवल योग्य अभ्यर्थीयों का ही चयन किया गया है और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद पूरक परिणाम भी जारी कर दिया जाएगा।
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1 लाख 70 हज़ार रिक्त पदों के लिए हुई परीक्षाओं में कुल 1,22,324 अभ्यर्थी सफल हुए। इन आंकड़ों पर ‘मैं मीडिया’ की वेबसाइट पर विस्तार से खबर छापी गई है।
अतुल प्रसाद ने कहा, ”बहु-स्तरीय फ़िल्टरिंग है आवश्यक”
बुधवार को अतुल प्रसाद ने एक और ट्वीट कर बहु-स्तरीय फ़िल्टरिंग को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या के कारण अयोग्य व्यक्तियों को बाहर करने के लिए बहु-स्तरीय फ़िल्टरिंग की आवश्यकता होती है इसी लिए सभी परिणाम शर्तमुक्त हैं। इस ट्वीट में उन्होंने आगे लिखा कि फिल्टरिंग से उत्पन्न होने वाले किसी रिक्त पद को एक या एक से अधिक पूरक परिणाम से भरा जाएगा।
आयोग की पारदर्शिता पर उठे सवाल
बता दें कि परिणाम आने पर कुछ अभ्यर्थियों ने BPSC पर गड़बड़ी करने की बात कही थी। दरअसल BPSC ने परीक्षा के लिए अभ्यर्थी को प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में एक साथ आवेदन करने की अनुमति दी थी। परिणामों में कुछ अभ्यर्थियों ने कई जगह सफलता प्राप्त कर ली। इससे पहले BPSC के विज्ञापन में यह कहा गया था कि सफल अभ्यर्थियों को उनके वरीयता और रिक्ति की उपलब्धता के आधार पर एक पद ही दिया जाएगा।
एक प्रेस कांफ्रेंस में जब अतुल प्रसाद से पूछा गया कि उन्होंने एक ही अभ्यर्थी का प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक, तीनों में क्यों परिणाम दे दिया गया तो उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उस अभ्यर्थी के पास पीजी (स्नातकोत्तर) की डिग्री न हो, तो इस स्थिति में वो प्राथमिक विद्यालय में चले जायेंगे।
BPSC कार्यालय के बाहर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
BPSC के इस फैसले की कई अभ्यर्थी और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने निंदा की थी। उन लोगों का कहना है कि अगर किसी के पास पीजी की डिग्री नहीं है तो आयोग ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में ही बात जान ली होगी फिर ऐसा क्यों किया गया। इससे पदों की संख्या पर असर पड़ेगा।
बिहार शिक्षा बहाली परीक्षा के परिणाम के बाद अभ्यर्थियों का एक खेमा परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगा रहा है। कई अभ्यर्थी बिहार लोक सेवा आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं। बुधवार सुबह से ही पटना में आयोग मुख्यालय के बाहर कुछ अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं।
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