अब राज्य सरकार की सेवाओं और पदों की सभी नियुक्तियां, जो सीधी भर्ती के द्वारा भरी जानेवाली हों, उनमें 65 फीसद सीटें आरक्षित होंगी। इसमें पिछड़ा वर्गों के लिये 18 प्रतिशत, अत्यन्त पिछड़ा वर्गों के लिये 25 प्रतिशत, अनुसूचित जातियों के लिये 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों के लिये 2 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।
शिक्षा के क्षेत्र में मुसहरों की स्थिति बेहद खराब है। राज्य के सिर्फ 1379 मुसहरों ने आईटीआई से डिप्लोमा किया है, जो उनकी आबादी का महज 0.03 प्रतिशत है। स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री इतने कम लोगों के पास है कि वे प्रतिशत में भी नहीं आ सके हैं।
जनसंख्या के हिसाब से बात करें तो बिहार में मुसलमानों की सबसे बड़ी जाति शेख है। इसकी आबादी करीब 50 लाख है, जो राज्य की कुल आबादी का 3.8% है। दूसरे नंबर पर मोमिन अंसारी जाति है, जिसकी आबादी करीब 46 लाख यानी 3.5% है, उसके बाद सुरजापुरी मुस्लिम हैं, जिनकी आबादी करीब साढ़े 24 लाख यानी 1.87% है, धुनिया की आबादी करीब 18 लाख है और लगभग इतनी ही आबादी राईन या कुंजरा की है।
अली अनवर अंसारी करीब 25 सालों से मुस्लिम समाज की पिछड़ी जातियों को उनका हक़ दिलाने की क़वाइद कर रहे हैं। अली अनवर ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के अध्यक्ष हैं और 2006 से 2017 के बीच राज्यसभा के सदस्य रहे हैं।
किशनगंज सांसद ने बिहार आरक्षण संशोधन विधेयक के पास होने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी और इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "हम पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अनुसचित जाति, अनुसूचित जन जाति को मिलाकर 65% आरक्षण देने के साथ साथ सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमज़ोर को 10% देने के फैसले का वह समर्थन करते हैं"।
नए विधेयक के अन्तर्गत पिछड़ा वर्ग को 18%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 25%, अनुसूचित जाति को 20%, अनुसूचित जनजाति को 2% और ईडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने राज्य में आरक्षण का दायरा 50% से बढ़ाकर 75% करने का प्रस्ताव रखा और कहा कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण 16 प्रतिशत की जगह 20 प्रतिशत होना चाहिए। वहीं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 30 की जगह 43 प्रतिशत देने का प्रस्ताव रखा। अनुसूचित जनजाति के लिए 2 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया जो पहले 1 प्रतिशत था।
संबोधन के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि 63 हजार गरीब परिवार, जिनके पास आवास नहीं है, उनको सरकार आवास की सुविधा उपलब्ध करायेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों को सरकार द्वारा जमीन खरीदने और घर बनाने के लिए दी जानेवाली सहायता राशि को बढ़ाया जायेगा।
सामान्य वर्ग के 25.09% परिवार गरीबी में जीवन बसर कर रहे हैं। वहीं पिछड़ा वर्ग के 33.16%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 33.58%, अनुसूचित जाति 42.93%, अनुसूचित जनजाति के 42.70% और अन्य जातियों के 23.72% परिवार गरीबी में जीवन गुजार रहे हैं।
प्रेस कांफ्रेंस में सांसद जावेद आजाद ने कहा कि उनलोगों ने सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आवेदन देकर सुरजापुरी मुस्लिमों को ईबीसी आरक्षण में शामिल करने और साथ साथ केंद्र सरकार की सेंट्रल ओबीसी लिस्ट में भी सुरजापुरी मुस्लिमों को जोड़ने की मांग की।
बातचीत के दौरान मंत्री विजय चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि कल मुजफ्परपुर में अमित शाह ने जो कहा वह किस आंकड़े के आधार पर कहा, यह बात समझ से परे है।
डॉ. जावेद ने कहा कि जाति आधारित जनगणना ने साफ कर दिया है कि राज्य में पिछड़े लोगों की आबादी सबसे अधिक है और वह सुरजापुरी मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग का आरक्षण दिलाने को लेकर बहुत पहले से प्रयासरत हैं।