किशनगंज: लाखों रुपये की लागत से टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत खनियाबाद पंचायत में बना बैरिया उप स्वास्थ्य केंद्र जंगल में तब्दील हो गया है।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बिहार सरकार की बीएडीपी योजना अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्र बैरिया में एएनएम के रहने के लिए आवास व चाहरदीवारी का निर्माण 18 लाख रुपये की राशि खर्च कर किया गया था, पर इसमें एएनएम या स्टाफ नहीं रहते है।
इस भवन में स्टाफों के नहीं रहने से भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। स्थानीय सुखदेव मंडल ने कहां कि उप स्वास्थ्य केंद्र 1961-62 में स्थापित हुआ था। तत्पश्चात नए भवनों का निर्माण दस वर्ष पूर्व कंपाउंडर व एएनएम के रहने के लिए किया गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते इस पंचायत की स्वास्थ व्यवस्था दिन-प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है।
गांव के लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब सरकार आवाम को स्वास्थ्य सेवा इन स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं दे सकती है, तो फिर क्यों लोगों को गुमराह कर अस्पताल के नाम पर मुफ्त में उनकी निजी भूमि दान में लेकर उसे बर्बाद कर रही है। टेढ़ागाछ का यह सुदूरवर्ती व सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां के लोगों को आजादी के इतने दशक बाद भी उचित स्वास्थ्य सेवा नसीब नहीं हुई है।
उप स्वास्थ्य केंद्र बैरिया से प्रखंड मुख्यालय की दूरी लगभग 14 किलोमीटर व जिला मुख्यालय की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है। यहां के लोगों को इलाज के लिए पूर्णिया व नेपाल जाना पड़ता है, जिससे लोगों को भारी परेशानी होती है।
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ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी से स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की मांग की है। टेढ़ागाछ के चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि सभी उप स्वास्थय केंद्रों को सुचारु रूप से संचालित करने के आदेश दिये गये हैं। जिन केंद्रों में कमियां हैं, उनको भरसक दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
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