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विकास का माखौल उड़ाता धमारा घाट का बागमती पुल

खगड़िया ज़िले का यह एक ऐसा इलाका है जहां अंधेरा होते ही लोगों की आवाजा ही बंद हो जाती है। रात के अंधेरे में लोग इस इलाके में जाने से भी कतराते हैं।

Sarfaraz Alam Reported By Sarfraz Alam |
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खगड़िया ज़िले का यह एक ऐसा इलाका है जहां अंधेरा होते ही लोगों की आवाजा ही बंद हो जाती है। रात के अंधेरे में लोग इस इलाके में जाने से भी कतराते हैं। दरअसल यह इलाका सहरसा मानसी रेलखंड के धमारा घाट के निकट बागमती पुल का है। इस रेलखंड पर पुल संख्या 51 पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इस पुल पर आपको एक साइड डिवाइडर भी नहीं दिखेगा। नीचे तेज धार में बहता पानी और ऊपर जर्जर पुल से लोग चलने को मजबूर हैं। इस पुल पर लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करते हैं ।

आपको बता दें कि एक गांव से दूसरे गांव तक जाने के लिए लोगों को इसी पुल का सहारा लेना पड़ता है। इस पुल पर चार पहिया वाहनों की भी आवाजाही होती है। लोग डर डर कर इस पुल को पार करते हैं। लोगों में हमेशा पुल पर बड़ा हादसा होने का डर सताता रहता है।

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पुल पार कर रहे धीरेंद्र यादव बताते हैं पुल के दयनीय स्थिति से उनलोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि पुल की दयनीय स्थिति को देखते हुए रात के दस बजे के बाद इस पर आवगमन बंद कर दिया जाता है।


स्थानीय युवक विक्रम कुमार कहते हैं कि अंधेरा होने के बाद पुल पर गाड़ी पार करने में काफी दिक्कत होती है। अगर गाड़ी में रौशनी न हो तो गाड़ी पार करते वक्त पुल से नीचे गिरने का डर लगा रहता है।

ग्रामीण अंकित कुमार भी विक्रम कुमार की बात को दोहराते हुए कहते हैं कि लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत रात के समय होती है। अंधेरे में गाड़ी पार करते समय हमेशा पुल से नीचे गिरने का खतरा लगा रहता है।

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एमएचएम कॉलेज सहरसा से बीए पढ़ा हुआ हूं। फ्रीलांसर के तौर पर सहरसा से ग्राउंड स्टोरी करता हूं।

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