अररिया: जोकीहाट सहित अररिया प्रखंड में पिछले आठ वर्षों से कई पुलों का काम अधूरा पड़ा हुआ है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, अधूरा काम होने के चलते समय गुजरने के साथ पुलों की लागत भी बढ़ रही है।
स्थानीय लोगों की मानें तो इन पुलों के बन जाने से उन्हें आवागमन में बहुत सहूलियत होगी, लेकिन सरकार इसको लेकर उदासीन है।
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जोकीहाट का अधूरा अजगरा पुल
जोकीहाट में डुमरा कुंड के अजगरा धार पर अधूरा पड़ा पुल पिछले आठ वर्षों से विकास को अंगूठा दिखाता नजर आ रहा है। 2014 में इस पूल का शिलान्यास बड़े तामझाम से तत्कालीन सांसद मरहूम तस्लीमुद्दीन और विधायक सरफराज आलम ने किया था। उद्देश्य था कि जोकीहाट के दक्षिण व पूर्वी इलाके के साथ पूर्णिया ज़िले के अमौर का सीधा संपर्क ज़िला मुख्यालय से हो जाएगा। लाखों लोगों को इस पुल से बाढ़ के दिनों में काफी लाभ पहुंचेगा। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से यह आज भी अधूरा पड़ा है। वहीं, साल 2017 की बाढ़ ने इस पूल के साइड एप्रोच को भी तहस नहस कर दिया।

इस पुल के नहीं बनने से तुरकेलि, ग़ैरकी, भैंसिया, उदा, महलगांव के आसपास के गांव के लोगों को जिला मुख्यालय जाने के लिए बारह से पंद्रह किलोमीटर की दूरी ज्यादा तय करनी पड़ती है। शिलान्यास के साथ ही इस पुल का निर्माण कार्य तेजी से शुरू हुआ था। इस कार्य से जुड़े संवेदक तमन्ना शमशाद ने किस कारण इस पूल को अधूरा छोड़ा, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। इसकी जानकारी न तो विभागीय अधिकारी ही देने को तैयार हैं और न ही जनप्रतिनिधि।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनने वाला यह पुल डुमरा कुंड से सुरजापुर होते हुए एनएच 327 ई को सीधा जोड़ेगा। फिलहाल पुल के दोनों ओर सड़क चौड़ीकरण का कार्य तेजी से पूरा कर दिया गया है। सुरजापुर के मो.सिद्दीक, मो.नय्यर के साथ तुरकेलि के मो.मुर्तुज़ा और भगवानपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अफरोज आलम ने बताया कि नदी सूखी होने से लोग खेतों से होकर सड़क तक जाते हैं। बारिश के मौसम में यहां पानी अधिक होने की वजह से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। चुनाव के समय सभी नेताओं ने इस पुल को बनवाने के वादे किए लेकिन इस पर कोई कार्य नहीं हुआ पूल जस का तस पड़ा है।
जोकीहाट के धनगामा का अधूरा पुल
जोकीहाट का दूसरा पुल है दर्जनों पंचायत को जोड़ने वाला डोहरी धार का पुल। इस पुल का काम आठ वर्षों से अधूरा पड़ा है। इस पुल के नहीं बनने के कारण हजारों लोगों को रोजाना मुश्किल भरे रास्ते से गुजरना पड़ता है।
दरअसल, जोकीहाट प्रखंड की चिरह पंचायत स्थित धनगामा के इस पुल का शिलान्यास तत्कालीन सांसद मरहूम तस्लीमुद्दीन ने 2015 में किया था। पुल के शिलान्यास के बाद स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी थी कि भंसिया, प्रसाद पुर डुमरिया, चिरह के साथ कई पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से सीधा संपर्क हो जाएगा। साथ ही बारिश के दिनों में जो परेशानी झेलनी पड़ती है, उससे निजात मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
डोहरी धार पर 2 करोड़ 97 लाख रुपए की लागत से निर्माण कार्य तेजी से शुरू हुआ। लेकिन किस परिस्थिति में कार्य अधूरा रह गया इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को नहीं है। धनगामा पूर्व प्रमुख टोला के ऐजाज खान के साथ कई लोगों ने बताया कि डोहरी धार पर पुल का निर्माण शुरू होने पर ग्रामीणों में काफी उत्साह था। उम्मीद जगी थी कि अब लोगों के आवागमन की बड़ी मुसीबत खत्म हो जाएगी। और बारिश के दिनों में भी प्रखंड तक जाना आसान हो जाएगा। लेकिन अचानक पुल के निर्माण कार्य बंद हो गया।
ऐजाज खान ने बताया, “बंद कार्य की जानकारी के लिए कई बार अधिकारियों से पूछा गया लेकिन कहीं से भी ठोस जवाब नहीं मिला। उन्होंने बताया कि काफी समय बीत गया है, आज भी ये पुल अधूरा पड़ा है। आज तक कोई भी पदाधिकारी इस ओर झांकने तक नहीं आया।”
हालांकि अधूरे पुल के दोनों ओर सड़क बना हुआ है। इसलिए हजारों लोगों को डोहरी धार के किनारे किनारे कीचड़युक्त रास्तों से गुजरना पड़ता है। उन्होंने बताया कि पूरे ज़िले में पिछले दो वर्षों में कई पुल पुलिया के निर्माण हुआ है। लेकिन धनगामा के इस पुल को पूरा करने की किसी ने जहमत नहीं उठाई। यही वजह है कि इस क्षेत्र की बड़ी आबादी को पूरे वर्ष आवागमन के लिए मुसीबत उठानी पड़ती है।
अररिया प्रखंड के कुसियरगांव में अधूरा पुल
अररिया प्रखंड स्थित कोसी धार का अधूरा पुल विकास के तमाम दावों को धता बता रहा है। कुसियरगांव स्थित एनएच 57 की बाई तरफ कोसी धार में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बन रहे गोदाई चौक से मोगरा जाने वाले सड़क पर इस पुल की योजना जब बनी थी, तो इसकी लागत 2,56 29,560 बताई गई थी।

इस का निर्माण कार्य 16 जून 2015 में शुरू हुआ था, जिसका समापन 16 जून 2016 को होना था। लेकिन बीच में ही संवेदक ने पुल को अधूरा छोड़ दिया। इसके बाद से यह पुल आज भी अधूरा है। इस पुल के बन जाने से पूर्णिया जिले के रौटा और जोकीहाट के दक्षिणी एरिया की सभी पंचायतों का सीधा संपर्क एनएच 57 से जुड़ जाता और कुसियरगांव रेलवे स्टेशन आने में सुविधा होती। लेकिन, विभागीय उदासीनता के कारण यह पुल आज तक अधूरा है।
लाखों लोगों की लाइफ लाइन बनेगा यह पुल
कुसियरगांव पंचायत के मुखिया मानिकचंद सिंह ने बताया कि इस पुल का निर्माण कार्य बड़े तामझाम से शुरू हुआ था। कुसियरगांव पंचायत के लोगों में खुशी थी कि एनएच सड़क के कारण पंचायत दो हिस्सों में बांटा था, जो पुल बन जाने से जुड़ जाता। इस पुल से लाखों लोगों का आवागमन कुसियरगांव रेलवे स्टेशन और बायोडायवर्सिटी पार्क तकरिभाइज से हो पाता। पुल नहीं बनने से कुसियरगांव रेल स्टेशन जाने के लिए 15 किलोमीटर ज्यादा चक्कर लगाना पड़ता है।
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने इसकी शिकायत पूर्व सांसद वर्तमान सांसद और विधायक तक से की कि इस पुल का काम शुरू कराया जाए। लेकिन आज तक इस पर कोई कार्य शुरू नहीं हो पाया।” मुखिया ने बताया 2017 की बाढ़ ने इस पुल के दोनों ओर के एप्रोच को भी लगभग पूरा क्षतिग्रस्त कर दिया है। दोनों ओर सड़क बना हुआ है, सिर्फ पुल बनने की जरूरत है।
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
जोकीहाट विधायक शाहनवाज आलम ने बताया, “हमारे प्रखंड में तीन पुल अधूरे पड़े हैं। इन पुलों का शिलान्यास एक साथ 2015 में किया गया था। लेकिन बीच में बाढ़ के कारण इसके निर्माण कार्य में बाधा आई और इन पुलों का कार्य रुक गया।”

उन्होंने आगे कहा, “इसके बाद मेटेरियल की कीमत ज्यादा हो जाने के कारण संवेदक कार्य छोड़कर चले गए। अब डोहरी धार पुल के साथ तीनों की एस्टीमेट दोबारा करने के लिए विभाग को आवेदन भेजा गया है।”
संवेदकों पर हो एफआईआर: सांसद
अधूरे पड़े पुल मामले में अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने तीखी प्रक्रिया दी और कहा कि जिन संवेदकों द्वारा इस तरह पुल को अधूरा छोड़ दिया गया है, उन पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। उन पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

“विकास कार्य में बाधा डालने वाले अपराधी की श्रेणी में आते हैं। क्योंकि मामला जनहित से जुड़ा हुआ है।” उन्होंने बताया, “मेरे संज्ञान में है ऐसे कई पुल, जो जोकीहाट अररिया में अधूरे पड़े हैं। उन सभी पर दोबारा काम शुरू करने की प्रक्रिया की जाएगी ताकि लाखों लोगों को पुल का लाभ मिल सके।”
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