कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड स्थित पस्तिया टोला के कथित सामुहिक बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मृतका के परिजनों व अन्य लोगों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है।
सालमारी ओ.पी. में दर्ज एफआईआर में 53 नामजद सहित 300-400 अज्ञात के खिलाफ इंडियन पीनल कोड की संगीन धाराएं लगाई गई हैं। FIR में मृत लड़की के मां, बाप, भाई और मामा समेत स्थानीय जिला परिषद, जन क्रांति के नेता, एक शिक्षक नेता, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, सीमांचल संघर्ष मोर्चा के नेता आदि के नाम शामिल हैं।
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एफआईआर में आरोपितों पर इंडियन पीनल कोड की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 147, 148, 149 (दंगा भड़काना), 341 व 342 (कार्य में बाधा डालना), 323 (जान-बूझकर चोट पहुँचाना), 332 (सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालना), 333 (सरकारी कर्मचारी पर हमला करना या जानबूझकर चोट पहुँचाना), 352 व 353 (हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 427 (सरकारी सम्पत्ति को नुक़सान पहुँचाना) और 188 (महामारी क़ानून का उल्लंघन) लगाई गई है।
क्या हुआ था प्रदर्शन के दिन
गौरतलब हो कि बीते 27 मई को कटिहार जिले के सालमारी कॉलेज चौक में 16 वर्षीय नाबालिक लड़की की लाश को सड़क पर रखकर परिजनों और स्थानीय नेताओं ने दोबारा पोस्टमार्टम करवाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था और आवागमन को बाधित किया था। सड़क जाम और प्रदर्शन दिन लगभग 8 घंटे तक चला था। परिजनों का कहना था कि वह कटिहार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं इसलिए नाबालिग लड़की की लाश को दोबारा पोस्टमार्टम करवाने के लिए भागलपुर भेजा जाए। प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना था कि जब तक कटिहार पुलिस अधीक्षक या जिलाधिकारी प्रदर्शन स्थल पर नहीं पहुंचते और हमें भागलपुर में पोस्टमार्टम करवाने का आश्वासन नहीं देते तब तक हम लोग प्रदर्शन करते रहेंगे।
समय बीतने के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती गई और आवागमन पूरी तरह से बाधित कर दिया गया। स्थानीय थाना और पुलिस वालों की बातों को सुनने के लिए प्रदर्शनकारी बिल्कुल भी तैयार नहीं थे। धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती जा रही थी। पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी शुरू हो चुकी थी। प्रदर्शन शुरू होने के बाद धीरे धीरे इलाके के नेताओं का भी आना शुरू हो गया और वे भी दोबारा पोस्टमार्टम करवाने की मांग करने वालों में शामिल हो गए। प्रदर्शनकारियों में महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा थी और महिलाएं पुलिस से काफी नाराज थीं। उन्होंने प्रदर्शन में पुलिस के खिलाफ नाराजगी भी जाहिर की।
वक्त बीतने के साथ-साथ शाम हो गई और अंधेरा होता गया लेकिन सड़क जाम और और प्रदर्शन यथावत रहा। फिर काफी समय बीतने के बाद डीएसपी प्रेमनाथ पहुंचे और उन्होंने भीड़ को समझाया और दोबारा पोस्टमार्टम करवाने का आश्वासन दिया। प्रदर्शनकारी इस पर सहमत हो गए और प्रदर्शन को समाप्त कर दिया। लेकिन इसी बीच कुछ उग्र लड़कों की टोली सालमारी ओ.पी. की तरफ बढ़ी और वहां तोड़फोड़ की। ओ.पी. के सामने रखी पुलिस की गाड़ियों पर हमला किया और गाड़ी के शीशे तोड़ दिए।
जो मौके पर नहीं थे उन्हें भी बनाया आरोपित
FIR की कॉपी सोशल मीडिया पर और व्हाट्सएप पर वायरल है, लेकिन जब से एफआईआर की कॉपी वायरल हुई है, तब से स्थानीय नेता और बाकी लोग सोशल मीडिया और अखबार के माध्यम से प्रशासन की जमकर आलोचना कर रहे हैं। क्योंकि प्राथमिकी में कुछ ऐसे लोगों के भी नाम दर्ज हैं, जो प्रदर्शन के दिन सालमारी में मौजूद नहीं थे।
FIR में 14 नंबर पर वाहिद रजा का नाम है, लेकिन उनके परिचित स्थानीय कांग्रेस नेता आफताब आलम ने बताया कि वाहिद रजा उर्फ मुन्ना उस दिन उनके साथ बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुब्हानी के कार्यालय में मांग पत्र देने पटना गए हुए थे। इस बारे में पूछने पर आफताब आलम ने बताया कि निर्दोष लोगों को फसाया जा रहा है। अगर पुलिस निर्दोष लोगों के नाम नहीं हटाती है तो फिर न्याय के लिए मजबूरन हमें न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
प्राथमिकी में दूसरे नंबर पर शाह फैसल का नाम है इस मामले में उन्होंने बताया कि जब प्रशासन से भीड़ कंट्रोल नहीं हुई, तो सालमारी ओ पी अध्यक्ष ने हमें दो बार फोन किया और धरनास्थल पर आने के लिए कहा। ओपी अध्यक्ष ने फोन पर कहा था कि भीड़ कंट्रोल नहीं हो रही है इसीलिए आप लोग भी आइए। लेकिन अब पुलिस ने हम लोगों पर गंभीर धाराओं के साथ एफआईआर दर्ज किया है।
दोबारा पोस्टमार्टम की मांग के लिए धरना प्रदर्शन में बलरामपुर विधानसभा के विधायक महबूब आलम भी मौजूद थे। इस मामले में विधायक महबूब आलम का कहना है कि पुलिस सालमारी ओ.पी. के आसपास के CCTV फुटेज से हमलावरों की पहचान कर कार्रवाई करे और कॉलेज चौक में बैठे प्रदर्शनकारियों का नाम एफआईआर से हटाया जाए।
क्या कहती है Police?
इस मामले की जानकारी के लिए जब हमने सालमारी ओ.पी. के प्रभारी विजय कुमार यादव को फोन लगाया और पूछा कि क्या FIR में उन लोगों के भी नाम हैं जो उस दिन यहां मौजूद नहीं थे तो उनका कहना था की ऐसी कोई बात नहीं है, लोग अपने हिसाब से तरह-तरह की बातें करते हैं, हर किसी का फोटो मौजूद है।
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