अररिया में एनएच 327ई के बेलवा पुल के कमजोर और क्षतिग्रस्त होने से 11 मई से पुल पर भारी वाहनों के आवाजाही बंद है। प्रशासन के इस फैसले से आसपास के प्रखंडों में कंस्ट्रक्शन मटेरियल के साथ ही दैनिक इस्तेमाल के सामान और खाने-पीने की चीजों की कीमत में इजाफा हो गया है।
इसके पीछे वजह यह है कि पुल बंद होने से भारी वाहनों को दूसरा रूट लेना पड़ता है जिससे डीजल की अधिक खपत होती है। थोक में सामान मंगाने वाले व्यापारियों का कहना है कि अधिक डीजल खपत होने के कारण वे इस खर्च को सामान की कीमत में जोड़ते हैं।
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त्रिसूलिया घाट वाली सड़क पर स्टोन चिप्स लदे ट्रक के पलट जाने की घटना को लेकर क्ट्रक के ड्राइवर ने बताया कि बेलवा पुल बंद होने के कारण इस रास्ते से जा रहा था। ड्राइवर के मुताबिक, इस रूट से जाने पर अतिरिक्त दस किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इससे ट्रक के डीजल का खर्च भी बढ़ जाता है। पांच लीटर डीज़ल अधिक खर्च होता है जो माल के ऊपर ही जोड़ा जाता है। इससे सामान की कीमत बढ़ जाती है।
लम्बी दूरी तय करने के चलते जोकीहाट, टेढ़ागाछ, पलासी, सिकटी प्रखंडों में घरेलू सामान के साथ बिल्डिंग मैटेरियल की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। जोकीहाट के बिल्डिंग मैटेरियल्स के थोक विक्रेताओं ने बताया कि बेलवा पुल पर ट्रकों का परिचालन बंद होने से अब किशनगंज के रास्ते ट्रक चरघरिया पुल के उस पार तक ही आ पाता है।
उसके बाद वहां से ट्रैक्टर के माध्यम से माल जोकीहाट लाया जाता है। इस कारण ट्रक को गुलाबबाग से तकरीबन 120 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। जबकि अररिया होकर आने से सिर्फ 60 किलोमीटर ही दूरी होती है। इससे एक ट्रक में तीस लीटर अधिक डीज़ल खपत हो रही है। चरघरिया से माल ढुलाई के लिए ट्रैक्टर और अतिरिक्त मजदूर लगाना पड़ता है, तो इसका खर्च भी सामान की कीमत में ही जोड़ना पड़ता है। इससे कंस्ट्रक्शन मटेरियल के साथ ही खाने पीने के सामानों की कीमत बढ़ गई है।
लिंक रोड से गुजरता है ट्रक
एनएच 327ई पर ज़ीरो माईल के करीब हाइट बेरियर लगाकर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इस वजह से मालवाहक वाहन लिंक रोड होकर गुजरते हैं और जोकीहाट से वापस एनएच 327ई पकड़ लेते हैं और पुल से होते हुए गुजरते हैं। एनएचएआई ने पुल को बचाने के लिए हाइट बैरियर लगाया था, लेकिन वह उद्देश्य पूरा होता नहीं दिख रहा है।
बेलवा पुल की मरम्मत जरूरी
बेलवा पुल पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने पर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया कि और कहा कि केवल वाहनों की आवाजाही रोकने की जगह पुल की मरम्मत होनी चाहिए। छह दिन बीत जाने के बाद भी पुल के टूटे स्लैब को बदला नहीं गया है। इसके अलावा पुल के बीचों-बीच बने गड्ढों की मरम्मत और टूटे रेलिंग को बनाना भी जरूरी है क्योंकि अभी भी बेलवा पुल से छोटे वाहनों की आवाजाही जारी है। पुल की मरम्मत नहीं कराने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
समीक्षा करने के बाद होगी कार्रवाई : अररिया डीएम इनायत खान
सिकटी विधायक विजय कुमार मंडल ने बताया कि वह संबंधित अधिकारियों से बात कर जल्द पुल की मरम्मत करवाने को कहेंगे। उन्होंने कहा कि रूट बंद होने से सामान की कीमतों में वृद्धि हुई है। भारी वाहनों के लिए बेलवा पुल बंद होने से इसका असर क्षेत्र के लोगों पर पड़ रहा है। जल्द पुल की मरम्मत कराने से लोगों को राहत मिलेगी।
अररिया डीएम इनायत खान ने बताया कि वह इस मामले की समीक्षा करेंगी और समीक्षा के बाद संबंधित अधिकारी को पुल मरम्मती का निर्देश दिया जाएगा।
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