कटिहार जिले के कदवा प्रखंड में मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना के तहत बनाई गई सड़क नेकुला नया टोला से दरियापुर गांव के समीप बारसोई रेलवे ओवरब्रिज तक जाती है। लगभग साढ़े पांच किलोमीटर लंबी यह सड़क कदवा प्रखंड के विभिन्न गांवों को बारसोई अनुमंडल से जोड़ती है।
यह सड़क मई 2015 में बनकर तैयार हुई थी। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो निर्माण के एक वर्ष में ही सड़क टूट गयी। कदवा प्रखंड के अधिकतर लोग इसी जर्जर सड़क से होकर बारसोई रजिस्ट्री ऑफिस आते जाते हैं। अनुमंडल मुख्यालय, बारसोई बाजार और बारसोई जंक्शन पहुँचने के लिए निस्ता पंचायत के ज्यादातर लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं।
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आसपास के बच्चे भी इसी सड़क से होते हुए बारसोई के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। करीब 7 सालों से जर्जर पड़ी इस सड़क के लिए स्थानीय ग्रामीण ठेकेदार को ज़िम्मेदार मानते हैं। उनके अनुसार ठेकेदार ने सड़क बनाते समय खराब मैटेरियल का इस्तेमाल किया, परिणाम स्वरूप एक साल के भीतर ही सड़क ख़राब हो गई।
स्थानीय निवासी मोबिन अशरफ़ ने बताया कि इस सड़क का प्रयोग बिहार से पश्चिम बंगाल जाने के लिए भी किया जाता है। नदी के उस पार आईटीआई कॉलेज और बारसोई रेलवे स्टेशन है, लेकिन खराब सड़क होने के कारण आवागमन में काफी असुविधा होती है।
दरियापुर गांव के स्थानीय वार्ड सदस्य मोहम्मद नजमुल हक़ कहते हैं कि आये दिन इस सड़क पर दुर्घटना होती रहती है। स्थिति ऐसी होती है कि दुर्घटना के बाद घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचा पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। स्थानीय विधायक और अनुमंडल पदाधिकारी को कई बार आवेदन दिया गया लेकिन इस पर कोई काम नहीं हुआ।
जिगिन गांव निवासी पवन कुमार साह ने बताया कि उनकी मां एक आशा कर्मी हैं, गांव में किसी मरीज या गर्भवती महिला को इमरजेंसी में अस्पताल ले जाना हो तो काफ़ी दिक्कत होती है। जर्जर सड़क की वजह से समय पर एम्बुलेंस भी नहीं पहुंच पाता है। कई बार इसकी शिकायत स्थानीय विधायक और सांसद से की गई लेकिन अब तक सड़क निर्माण तो दूर इसकी मरम्मत तक नहीं की गई।
दरियापुर निवासी मोहम्मद नजरुल हक़ बताते हैं कि इस सड़क का इस्तेमाल बलिया बेलौन क्षेत्र के ज्यादातर लोग बारसोई जाने के लिए करते हैं। निस्ता पंचायत के लोगों के लिए अनुमंडल जाने का एक यही रास्ता है लेकिन सालों से यह ऐसे ही खराब पड़ा है। टूटी हुई यह सड़क कदवा प्रखंड के बिल्कुल आखिरी छोर पर है इसलिए शायद नेताओं का ध्यान यहां कम पड़ता है।
बारसोई से अपने घर जाते एक स्कूटी सवार मोहम्मद सहरोज़ ने कहा कि एक वर्ष पहले उन्होंने नया स्कूटर लिया था लेकिन सड़क इतनी खराब है कि बार-बार गाड़ी की सर्विसिंग करवानी पड़ती है। गांव के सभी दोपहिया वाहन चालक भी इस परेशानी से जूझते हैं।
इस मामले को लेकर हमने ग्रामीण कार्य विभाग बारसोई के एसडीओ से फोन पर बात की। उन्होंने बताया कि सड़क का डीपीआर तैयार कर के भेज दिया गया है, जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति अबतक नहीं मिली है। स्वीकृति मिलते ही सड़क का पुनः निर्माण किया जाएगा।
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