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चमड़े के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन, 311 करोड़ रुपये की स्वीकृति 

राज्य में कपड़ा और चमड़े के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद द्वारा 59 इकाइयों को प्रथम चरण के लिए 311.63 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :
textile and leather promotion

राज्य में कपड़ा और चमड़े के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद द्वारा 59 इकाइयों को प्रथम चरण के लिए 311.63 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। सरकार ने चमड़े के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने के लिए पिछले साल ही ‘बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन(वस्त्र व चर्म) नीति-2022’ लागू किया था।


इस नीति के लागू होने के बाद मुज़फ्फरपूर बैग कलस्टर प्रारंभ हुआ था। इसमें 1100 से अधिक सिलाई मशीनों पर टेक्सटाइल बैग बनाया जा रहा है। पटना और मुज़फ्फरपुर जिलों में 1000 से अधिक स्टिचिंग मशीनों के साथ बैग बनाने की इकाइयां स्थापित की गई हैं। मुज़फ्फरपुर ज़िले में ही आरएससीएस इंटरनेशनल और वी-2 कंपनियों के द्वारा कपड़ा निर्माण इकाइयों की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा मधुबनी में सावी लेदर कंपनी द्वारा चमड़ा क्षेत्र में सौ करोड़ से अधिक लागत से परियोजना लगाई जा रही है।

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विदेशों से एमबीबीएस कर रहे छात्रों को इंटर्नशिप का मौका

विदेशों से एमबीबीएस कर रहे बिहार के छात्रों को देश में एमबीबीएस कर रहे छात्रों की तरह ही इंटर्नशिप करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह फैसला मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देश के आलोक में लिया गया है। इसके तहत इन छात्रों को भी राज्य के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाएगा।


उल्लेखनीय है कि कोविड-19 और रूस-युक्रेन युद्ध के कारण आकस्मिक परिस्थितियों की वजह से विदेशों से एमबीबीएस कर रहे सैंकड़ों छात्रों को भारत वापस आना पड़ा था। इस कारण उन छात्रों की पढ़ाई और इंटर्नशिप प्रभावित हो गई थी।

इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में बिहार राज्य भवन निर्माण निगम, पटना के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के कुल पांच पदों को सृजित तथा आशुलिपिक(शार्ट हैंड) के ‘अनावश्यक’ 53 पदों को विलोपित करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही बिहार वास्तुविद (ऑर्किटेक्ट) सेवा नियमावली-2014 में संशोधन किया गया है। अब संविदा नियोजित कर्मियों को नियमित नियुक्ति में तरजीह दी जाएगी।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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