Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

अररिया के लाल सुब्रत रॉय ने बनाया अद्भुत साम्राज्य, फिर हुई अरबों रुपये की गड़बड़ी

उत्तर प्रदेश और बंगाल के ज़मींदारों ने कैसे बसाया कटिहार का रसूलपुर एस्टेट?

भोला पासवान शास्त्री: बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तीन बार बैठने वाला पूर्णिया का लाल

Virasat की अन्य ख़बरें

134 वर्ष पुराने अररिया उच्च विद्यालय का क्या है इतिहास

गुलाम देश में अंग्रेजों ने 1889 ईसवी में एचई स्कूल की स्थापना की थी। एचई का अर्थ है हायर इंग्लिश स्कूल। इस नाम को बहुत कम ही लोग जानते हैं कि क्यों ऐसा नाम अंग्रेजों ने रखा था। लेकिन, 134 वर्ष के बाद भी लोग इसे एचई स्कूल ही कहते हैं। जबकि अभी बोर्ड पर लिखा है अररिया उच्च विद्यालय।

रामलाल मंडल: कैसे बापू का चहेता बना अररिया का यह स्वतंत्रता सेनानी

अररिया जिले के नरपतगंज प्रखंड स्थित नवाबगंज पंचायत के एक छोटे से गांव भोड़हर के रहने वाले रामलाल मंडल अररिया के चंद सबसे प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। सन् 1883 में जन्मे रामलाल मंडल करीब 104 वर्षों तक जीवित रहे।

पनासी एस्टेट: समय के चक्र में खो गया इन भव्य इमारतों का इतिहास

किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड स्थित पनासी एस्टेट का इतिहास करीब 2 सदी पुराना है। पनासी के ज़मींदार सैकड़ों एकड़ में फैले एस्टेट की जागीरदारी संभालते थे।

सुपौल: आध्यात्मिक व पर्यटन स्थल के रूप में पहचान के लिए संघर्ष कर रहा परसरमा गांव

18वीं शताब्दी में तत्कालीन भागलपुर जिला और वर्तमान सुपौल जिला के परसरमा गांव में बाबा जी का जन्म पंडित बच्चा झा के पुत्र के रूप में हुआ था।

Bihar Diwas 2023: हिन्दू-मुस्लिम एकता और बेहतरीन पत्रकारिता के बल पर बना था बिहार

12 दिसंबर 1911 को ब्रिटेन के राजा जॉर्ज वी ने दिल्ली दरबार में बिहार-ओड़िसा को 'लेफ्टिनेंट-गवर्नर इन कॉउंसिल' के तहत नए राज्य का दर्जा देने का एलान कर दिया।

क्या है इस ऑस्कर विजेता अभिनेत्री का किशनगंज कनेक्शन?

जुलाई 2018 में ऑस्कर विजेता अभिनेत्री ओलिविया कोलमन भारत आईं थीं और किशनगंज का दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने बीबीसी के एक डाक्यूमेंट्री 'हु डु यू थिंक यू आर' के लिए शूटिंग की थी।

जर्जर हो चुकी है किशनगंज की ऐतिहासिक बज़्म ए अदब उर्दू लाइब्रेरी

किशनगंज नगर क्षेत्र के चूड़ीपट्टी स्थित बज़्म ए अदब उर्दू लाइब्रेरी, जिले के सबसे पुरानी सार्वजनिक पुस्तकालयों में से एक है। इस पुस्तकालय की नींव स्वतंत्रता से भी पहले रखी गई थी।

कौमी एकता का प्रतीक है बाबा मलंग शाह की मजार

अररिया के फारबिसगंज में केसरी टोला स्थित बाबा मलंग शाह का मजार मुस्लिम हिन्दू समुदाय की एकता का प्रतीक है। इस मजार पर सभी धर्म के लोग माथा टेकने आते हैं।

अलता एस्टेट: सूफ़ी शिक्षण केंद्र और धार्मिक सद्भाव का मिसाल हुआ करता था किशनगंज का यह एस्टेट

मुज़फ्फर कमाल सबा के अनुसार, 1790 में अलता एस्टेट की प्राचीन मस्जिद की बुनियाद रखी गई थी, जो 1800 के दशक में मस्जिद की शक्ल में तैयार हुई।

‘मिनी पंजाब’ लगता है अररिया का यह गांव

फारबिसगंज अनुमंडल की हलहलिया पंचायत के इस गांव का नाम भी लोगों ने सरदार टोला रख दिया है। दरअसल, इस गांव में अभी 300 के करीब सिख धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं।

सुभाष चंद्र बोस जयंती विशेष: दार्जिलिंग की पहाड़ियों में नेता जी ने बनाई थी ‘द ग्रेट एस्केप’ की योजना!

ब्रिटिश हुकूमत से भारत की आजादी के लिए नेता जी की जर्मनी से मदद की चाहत व गतिविधियों को अंग्रेज सरकार भी भांप गई थी, इसलिए उन्हें आए दिन गिरफ्तार किया जाता था।

सुपौल: क्यों कम हो रहा पिपरा के खाजा का क्रेज

आजादी से पहले पिपरा में खाजा बनाने की शुरुआत की गई थी। स्वर्गीय गौनी शाह ने यहां खाजा के कारोबार की शुरुआत की थी।

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज में हाईवे बना मुसीबत, MP MLA के पास भी हल नहीं

कम मजदूरी, भुगतान में देरी – मजदूरों के काम नहीं आ रही मनरेगा स्कीम, कर रहे पलायन

शराब की गंध से सराबोर बिहार का भूत मेला: “आदमी गेल चांद पर, आ गांव में डायन है”

‘मखाना का मारा हैं, हमलोग को होश थोड़े होगा’ – बिहार के किसानों का छलका दर्द

बिहार रेल हादसे में मरा अबू ज़ैद घर का एकलौता बेटा था, घर पर अब सिर्फ मां-बहन हैं