बिहार के किशनगंज लोकसभा सीट पर 2019 की तरह इस बार भी त्रिकोणीय मुक़ाबला होने जा रहा है। इस सीट पर कांग्रेस के डॉक्टर मो. जावेद, जदयू के मास्टर मुजाहिद आलम और AIMIM के अख़्तरुल ईमान के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।
यह पहला मौक़ा नहीं है जब किशनगंज सीट पर त्रिकोणीय मुक़ाबला हो रहा है। इससे पहले 1998, 1999 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी तीन उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली है।
1998 के आम चुनाव में राजद के तस्लीमुद्दीन, समाजवादी पार्टी के असरारुल हक कासमी और भाजपा के सैयद शाहनवाज हुसैन के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ था। तस्लीमुद्दीन ने मात्र 6,488 वोटों से असरारुल हक कासमी को शिकस्त दी।
इस चुनाव में एडीए की सरकार बनी थी और अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन 1999 में एक गठबंधन पार्टी ने समर्थन वापस ले लिया था, जिससे सरकार गिर गई थी। लिहाज, 1999 में दोबारा आम चुनाव हुए।
इस चुनाव में भी इन्हीं तीनों उम्मीदवारों के बीच टक्कर देखने को मिली। लेकिन, इस बार भाजपा के सैयद शाहनवाज हुसैन ने बाजी मारी थी। शाहनवाज हुसैन ने राजद उम्मीदवार तस्लीमुद्दीन को मात्र 8,648 वोटों के अंतर से हराया।
इसी प्रकार, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। मुकाबला कांग्रेस के डॉ. मोहम्मद जावेद आज़ाद, AIMIM के अख्तरुल ईमान और जदयू उम्मीदवार सैयद महमूद अशरफ के दरमियान हुआ।
इस त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस के डॉ. जावेद आज़ाद जीतने में कामयाब हुए। उन्होंने जदयू उम्मीदवार महमूद अशरफ को 34,446 मतों से हराया। चुनाव में कांग्रेस को 3,67,017, जदयू को 3,32,551 और AIMIM को 2,95,029 मत हासिल हुए।
2019 में कहां मिले कितने वोट
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 3 विधानसभा क्षेत्र किशनगंज, अमौर तथा बायसी में कांग्रेस के उम्मीदवार मो. जावेद को सबसे अधिक वोट मिले। वहीं, बहादुरगंज तथा कोचाधामन में AIMIM उम्मीदवार अख़्तरुल ईमान को और ठाकुरगंज में जदयू के सैयद महमूद अशरफ को सबसे ज्यादा वोट हासिल हुए।
अमौर में कांग्रेस को 73,269, AIMIM को 51,384 तथा जदयू को 47,742 वोट मिले। बायसी में कांग्रेस 73,917, जदयू 61,235, AIMIM 29,286 वोट लाने में सफल रहे।
वहीं, किशनगंज विधानसभा में कांग्रेस को 68,875, जदयू को 60,832 तथा AIMIM को 40,616 और कोचाधामन में AIMIM को 68,242, जदयू को 38,721 तथा कांग्रेस को 36,984 वोट हासिल हुए।
इसी प्रकार, ठाकुरगंज में जदयू 71,309, कांग्रेस 69,283, AIMIM 37,706 वोट लाई। बहादुरगंज में AIMIM को 67,625, जदयू को 52,486 और कांग्रेस को 44,492 वोट मिले।
पिछले तीन चुनाव से कांग्रेस का दबदबा
पिछले तीन लोकसभा चुनावों में किशनगंज सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। 2009, 2014 और 2019 में कांग्रेस इस सीट से जीतने में कामयाब रही।
2019 के आम चुनाव में पूरे देश में मोदी लहर होने के बावजूद कांग्रेस यह सीट बचाने में सफल रही। किशनगंज बिहार की इकलौती सीट थी, जिस पर विपक्षी गठबंधन की जीत हुई थी।
किशनगंज लोकसभा सीट के बारे में
किशनगंज लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र हैं – किशनगंज, बहादुरगंज, कोचाधामन, ठाकुरगंज, अमौर और बायसी। अमौर और बायसी विधानसभा क्षेत्र पूर्णिया जिले का हिस्सा है।
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किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में कुल 18,20,318 वोटर हैं, जिनमें पुरुष वोटरों की तादाद 9,40,471, महिला वोटरों की तादाद 8,79,780 और थर्ड जेंडर वोटर की संख्या 67 है। इसमें एक बड़ी आबादी सुरजापुरी मुस्लिम मतदाताओं की है। इस बार तीनों ही मुख्य उम्मीदवार सुरजापुरी मुस्लिम हैं।
01.01.2024 को प्रस्तावित फाइनल रोल में वोटरों की संख्या | |||||
No. | Assembly Name | Male | Female | Third Gender | Total Voters |
52 | Bahadurganj | 158638 | 148496 | 14 | 307148 |
53 | Thakurganj | 162635 | 151428 | 6 | 314069 |
54 | Kishanganj | 161190 | 155659 | 18 | 316867 |
55 | Kochadhaman | 139657 | 128980 | 11 | 268648 |
56 | Amour | 168179 | 156384 | 13 | 324576 |
57 | Baisi | 150172 | 138833 | 5 | 289010 |
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटर | 1820318 |
किसने कब जीता चुनाव
1951 – मो. इस्लामुद्दीन, कांग्रेस (उस समय सीट का नाम पूर्णिया नॉर्थ ईस्ट था)
1957 – मो. ताहिर, कांग्रेस
1962 – मो. ताहिर, कांग्रेस
1967 – लखनलाल कपूर, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1971 – जमीलुर रहमान, कांग्रेस
1977 – हलीमुद्दीन अहमद, भारतीय लोक दल
1980 – जमीलुर रहमान, कांंग्रेस (आई)
1984 – जमीलुर रहमान, कांग्रेस
1985* – सैयद शहाबुद्दीन, जनता दल
1989 – एम जे अकबर, कांग्रेस
1991 – सैयद शहाबुद्दीन, जनता दल
1996 – मो. तस्लीमुद्दीन, जनता दल
1998 – मो. तस्लीमुद्दीन, राष्ट्रीय जनता दल
1999 – सैयद शाहनवाज हुसैन, भारतीय जनता पार्टी
2004 – मो. तस्लीमुद्दीन, राष्ट्रीय जनता दल
2009 – मो. असरारुल हक, कांग्रेस
2014 – मो. असरारुल हक, कांग्रेस
2019 – डॉ. मो. जावेद, कांग्रेस़़
2020 विधानसभा चुनाव में पार्टियों को मिले वोट
2020 विधानसभा चुनाव में किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के अंदर सबसे ज्यादा वोट AIMIM को मिले थे। वहीं, वोटों के मामले में दूसरे नंबर पर महागठबंधन और तीसरे नंबर पर एनडीए गठबंधन रहा। AIMIM को 3,89,452, महागठबंधन को 2,67,442 और एनडीए को 2,60,156 वोट प्राप्त हुए।
Vidhan Sabha | AIMIM | Congress+ | JDU+ |
Bahadurganj | 85855 | 30204 | 40640 |
Thakurganj | 18925 | 79909 | 22082 |
Kishanganj | 41904 | 61078 | 59697 |
Kochadhaman | 79893 | 26134 | 43750 |
Amour | 94459 | 31863 | 41944 |
Baisi | 68416 | 38254 | 52043 |
Total | 389452 | 267442 | 260156 |
2020 के चुनाव में 4 सीटों पर AIMIM ने जीत दर्ज की थी। एक-एक सीट राजद और कांग्रेस ने जीती थी। हालांकि बाद में अख्तरुल ईमान के अलावा बाकी सभी AIMIM विधायक राजद में चले गए।
वर्तमान में ठाकुरगंज से राजद के सऊद आलम, बहादुरगंज से राजद के मो. अन्जार नईमी, बायसी से राजद के सैयद रुकनुद्दीन, कोचाधामन से राजद के इजहार अस्फी, किशनगंज से कांग्रेस के इजहारुल हुसैन तथा अमौर से AIMIM के अख्तरुल ईमान विधायक हैं।
कांग्रेस उम्मीदवार मो. जावेद
कांग्रेस ने किशनगंज सीट पर एक बार फिर मो. जावेद पर भरोसा जताया है। मो. जावेद पेशे से एक डॉक्टर हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई की है।
चुनाव आयोग में जमा किये हलफनामे के मुताबिक, उनके ऊपर कोई मुक़दमा दर्ज नहीं है।
10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति
मो. जावेद के पास कुल 10 करोड़ रुपये से अधिक की चल और अचल संपत्ति है। चल संपत्ति करीब 4 करोड़ रुपये की है, जिसमें नगद, विभिन्न बैंकों में जमा रुपये, शेयर और इन्वेस्टमेंट, लाइफ इंश्योरेंस, एक मारूति सियाज़ कार, एक मारुति कार तथा 470 ग्राम की हीरे और सोने की ज्वेलरी शामिल हैं।
चार एकड़ में चाय की खेती
मो. जावेद के नाम पर 6 करोड़ 70 लाख रुपये की अचल संपत्ति दर्ज है। उनके पास 14.5 एकड़ से अधिक खेती करने योग्य जमीन है। ज्यादातर जमीन विरासत में मिली है।
वह चार एकड़ ज़मीन में चाय की खेती करते हैं। 3.31 एकड़ ज़मीन में एक बाग़ीचा है। इसके अलावा गैर कृषि भूमि में एक जगह 5.75 एकड़ जमीन और दूसरी जगह 25 कठ्ठा जमीन उनके नाम पर है।
मो. जावेद के नाम पर पटना के पाटलिपुत्र इंडस्ट्रियल एरिया स्थित पीएम शॉपिंग मॉल में एक फूड कोर्ट और किशनगंज के छतरगाछ में एक कमर्शियल बिल्डिंग है। इसके अतिरिक्त किशनगंज के लाइन में एक आवासीय बिल्डिंग है।
उनके ऊपर 85 लाख 40 हज़ार रुपये का क़र्ज है। इसमें 82 लाख 10 हज़ार रुपये का क़र्ज उन्होंने अपनी मां से ले रखा है। बाक़ी क़र्ज़ शॉपिंग मॉल की दुकान के एडवांस के रूप में दर्ज है।
पत्नी के पास 5 करोड़ की संपत्ति
मो. जावेद की पत्नी के पास 5 करोड़ से अधिक रुपये की चल और अचल संपत्ति है। चल संपत्ति के रूप में उनकी पत्नी के पास 3 करोड़ 38 लाख से अधिक रुपये है, जिसमें नगद, विभिन्न बैंकों में जमा रुपये, शेयर व इन्वेस्टमेंट, लाइफ इंश्योरेंस, एक महिंद्रा स्कॉर्पियो और 1 किलो 250 ग्राम सोना शामिल हैं।
अचल संपत्ति में उनकी पत्नी के नाम पर 13 एकड़ से अधिक खेती करने योग्य भूमि है, जिसमें 6.67 एकड़ में चाय की खेती होती है, और 2 एकड़ में एक बाग़ीचा है। इसके अलावा उनके नाम पर नोएडा में तीन कमरों का एक फ्लैट भी है।
मो. जावेद की पत्नी के ऊपर 80 लाख 22 हज़ार रुपये का क़र्ज़ है। उन्होंने बैंक से 1 लाख 22 हज़ार रुपये का एक कार लोन रखा है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने पति (मो. जावेद) से 31 लाख 50 हज़ार रुपये का लोन और अपने बेटे से 47 लाख 50 हज़ार रुपये का लोन ले रखा है।
मो. जावेद का सियासी सफर
किशनगंज के सांसद बनने से पहले मो. जावेद किशनगंज और ठाकुरगंज विधानसभा सीटों से विधायक रह चुके हैं। वह 2000 और फरवरी 2005 में ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक बने। 1995 में भी वह ठाकुरगंज से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे, जिसमें उनकी हार हुई थी।
2010 के परिसीमन में जब उनका गृह प्रखंड पोठिया किशनगंज विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा हो गया, तब वह 2010 और 2015 में किशनगंज सदर के विधायक रहे। मो. जावेद 2000-2004 के बीच बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
उनके पिता स्वर्गीय मोहम्मद हुसैन आजाद 1967 से 1990 के बीच कुल पांच बार विधायक रहे। इस दौरान, वह बिहार सरकार में मंत्री भी बने।
सांसद डॉ. जावेद की माँ सईदा बानो 2019 के किशनगंज विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार थीं, लेकिन, इस चुनाव में उनकी ज़मानत जब्त हो गयी थी।
जदयू उम्मीदवार मुजाहिद आलम
मुजाहिद आलम किशनगंज से एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार हैं। वह जदयू के टिकट पर यह चुनाव लड़ रहे हैं। मुजाहिद का यह पहला लोकसभा चुनाव है। 2014 से 2020 के बीच मुजाहिद आलम कोचाधामन के विधायक रहे हैं।
मुजाहिद आलम के खिलाफ बहादुरगंज थाने में मारपीट से संबंधित एक मामला दर्ज है। उन्होंने पटना कॉलेज से बीए (ऑनर्स) किया है।
संपत्तियों का ब्यौरा
उनके पास 60 लाख 64 हजार से अधिक रुपये की चल संपत्ति है, जिनमें नकद, बैंक में जमा, सोना, इंश्योरेंस, एक महिन्द्रा स्कॉर्पियो और एक रैनो कैप्चर कार शामिल हैं।
मुजाहिद के नाम पर 4.52 एकड़ खेती करने योग्य ज़मीन है, जिसकी अनुमानित क़ीमत तीन लाख रुपये, और 49.4 डिसमिल गैर कृषि भूमि है, जिसकी क़ीमत 16 लाख रुपये है। इसके अलावा उनके नाम पर 8 कमरों का एक दो मंज़िला मकान है, जिसका मूल्य तीस लाख रुपये है। उन्होंने बैंक से 12 लाख रुपये का एक कार लोन ले रखा है।
मुजाहिद आलम की पत्नी के पास 1 करोड़ 34 लाख से अधिक रूपये की चल और अचल संपत्ति है, जिसमें नगद, बैंक में जमा, सोना-चांदी, 35 डिसमिल कृषि योग्य भूमि, 64.8 डिस्मिल गैर कृषि भूमि और एक बिल्डिंग शामिल हैं।
मुजाहिद का सियासी सफर
मुजाहिद आलम ने 2010 में पहली बार किशनगंज के कोचाधामन विधानसभा सीट से जदयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा। उनके सामने राजद के अख्तरुल ईमान थे। चुनाव में मुजाहिद आलम की हार हुई।
2014 लोकसभा चुनाव अख्तरुल ईमान ने जदयू टिकट पर लड़ा। इस वजह से 2014 में कोचाधामन विधानसभा उपचुनाव हुआ, इस चुनाव में मुजाहिद आलम जीतने में कामयाब रहे।
2015 में दोबारा कोचाधामन सीट पर मुजाहिद आलम और अख्तरुल ईमान आमने-सामने हुए। ईमान यह चुनाव AIMIM के टिकट पर लड़ रहे थे। जदयू-राजद महागठबंधन के उम्मीदवार मुजाहिद ने इस चुनाव में जीत दर्ज की।
2020 में एक बार फिर मुजाहिद आलम जदयू के टिकट पर कोचाधामन से चुनावी मैदान में आए। इस चुनाव में उनका मुक़ाबला AIMIM के इज़हार असफी से हुआ। चुनाव में मुजाहिद आलम की हार हुई।
AIMIM उम्मीदवार अख़्तरुल ईमान
किशनगंज लोकसभा सीट से अख़्तरुल ईमान, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन से चुनाव लड़ रहे हैं। वह वर्तमान में अमौर विधानसभा सीट से विधायक और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने फरवरी 2005 में राजद के टिकट पर किशनगंज-कोचाधामन विधानसभा सीट पर पहली बार चुनाव लड़ा था। चुनाव में उनकी जीत हुई। अक्टूबर 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में भी वह किशनगंज-कोचाधामन सीट से जीते।
2010 में उन्होंने कोचाधामन से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस चुनाव में उन्होंने जदयू के मुजाहिद आलम को हराया।
दो बार लड़े लोकसभा चुनाव
अख़्तरुल ईमान अब तक दो बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने जदयू के टिकट पर और 2019 का लोकसभा चुनाव AIMIM के टिकट पर लड़ा। हालांकि 2014 में वोटिंग से पहले ही उन्होंने कांग्रेस के मौलाना असरारुल हक़ को अपना समर्थन दे दिया था। 2019 में 2,95,029 के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
अख़्तरुल ईमान ने मगध यूनिवर्सिटी से एमए तक की पढ़ाई की है। उनके खिलाफ अमौर, बायसी और ठाकुरगंज थानों में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के 4 मामले दर्ज हैं।
1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति
अख्तरुल ईमान के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की चल और अचल संपत्ति है। चल संपत्ति करीब 29 लाख रुपये है, जिसमें नगद, बैंकों में जमा रुपये और एक महिन्द्रा स्कॉर्पियो शामिल हैं।
उनके पास 77 लाख रुपये की अचल संपत्ति है। इसमें 7.6 एकड़ खेती करने लायक़ ज़मीन, 3,369 वर्ग फीट गैर कृषि भूमि और एक आवासीय बिल्डिंग शामिल हैं। उन्होंने बैंक से 10 लाख रुपये का क़र्ज़ ले रखा है।
अख्तरुल ईमान की पत्नी के पास करीब 23 लाख रुपये की संपत्ति है, जिसमें नगदी, बैंक में जमा रुपये, 300 ग्राम सोना और 1 किलोग्राम चांदी के ज़ेवरात शामिल हैं।
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