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Purnea Lok Sabha Seat: जदयू के संतोष कुशवाहा, राजद की बीमा भारती या निर्दलीय पप्पू यादव?

2020 के विधानसभा चुनाव में पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक वोट एनडीए गठबंधन को मिले थे। वहीं, महागठबंधन दूसरे और लोक जनशक्ति पार्टी तीसरे नंबर पर रही। यहां से एनडीए को 4,81,073, महागठबंधन को 3,89,972 और लोक जनशक्ति पार्टी को 1,14,574 वोट प्राप्त हुए थे।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :
triangular contest on purnea lok sabha seat

2024 लोकसभा चुनाव में बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट पर जदयू के संतोष कुशवाहा, राजद की बीमा भारती और निर्दलीय उम्मीदवार राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के बीच भिड़ंत होगी। पिछले दो आम चुनावों में संतोष कुशवाहा ने इस सीट पर जीत दर्ज की है।


पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें पूर्णिया, बनमनखी, धमदाहा, रुपौली, कसबा और कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

कोढ़ा विधानसभा कटिहार ज़िले में आता है। इसी तरह पूर्णिया जिले के दो विधानसभा क्षेत्र अमौर और बायसी को किशनगंज लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है।


पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में तक़रीबन 19 लाख वोटर हैं। पुरुष वोटरों की संख्या करीब पौने दस लाख और महिला वोटरों की संख्या 9 लाख है।

01.01.2024 को प्रस्तावित फाइनल रोल में वोटरों की संख्या
No. Assembly Name Male Female Third Gender Total Voters
58 Kasba 152423 140876 15 293314
59 Banmankhi (SC) 164279 154379 7 318665
60 Rupauli 161415 151174 16 312605
61 Dhamdaha 167956 158450 11 326417
62 Purnia 171666 158227 10 329903
69 Korha (SC) 153337 147040 12 300389
पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटर 1881293

2020 विधानसभा चुनाव में मिले वोट

2020 के विधानसभा चुनाव में पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक वोट एनडीए गठबंधन को मिले थे। वहीं, महागठबंधन दूसरे और लोक जनशक्ति पार्टी तीसरे नंबर पर रही। यहां से एनडीए को 4,81,073, महागठबंधन को 3,89,972 और लोक जनशक्ति पार्टी को 1,14,574 वोट प्राप्त हुए थे।

Constituency RJD+ JDU+ LJP
Kasba 77410 23716 60132
Banmankhi 65851 93594
Rupauli 41963 64324 44994
Dhamdaha 63463 97057 9448
Purnea 65603 97757
Korha 75682 104625
Total 389972 481073 114574

पूर्णिया लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों की बात करें तो तीन (पूर्णिया, बनमनखी और कोढ़ा) भाजपा के पास है, दो (धमदाहा और रुपौली) जदयू और एक कांग्रेस (कसबा) के पास है।

लोकसभा चुनाव-2019 में पार्टियों की स्थिति

पूर्णिया सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू के संतोष कुशवाहा सांसद बने। उन्होंने कांग्रेस के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को 2,63,461 वोटों से हराया। संतोष कुशवाहा को 6,32,924 और उदय सिंह को 3,69,463 वोट हासिल हुए थे। निर्दलीय सुभाष कुमार ठाकुर 31,795 लाकर तीसरे स्थान पर रहे।

विधानसभा वार मिले वोटों की संख्या

2019 के चुनाव में पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले सभी छह विधानसभा में जदयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा को सबसे अधिक वोट प्राप्त हुए और कांग्रेस उम्मीदवार उदय सिंह दूसरे नंबर पर रहे।

कसबा विधानसभा में जदयू को 89,129 और कांग्रेस को 83,200 वोट प्राप्त हुए। बनमनखी में जदयू को 1,05,608, कांग्रेस को 48,911, रुपौली में जदयू को 1,17,803, कांग्रेस को 44,242 वोट हासिल हुए।

वहीं, धमदाहा में जदयू 1,17,317, कांग्रेस 58,836, पूर्णिया में जदयू 1,05,291 और कांग्रेस 66,519 वोट लाने में सफल रही। कोढ़ा में जदयू को 97,287 और कांग्रेस को 67,570 मिले।

जदयू प्रत्याशी संतोष कुशवाहा

पिछले दो लोकसभा चुनावों से पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा कर रहे हैं।

संतोष कुशवाहा ने अपने राजनीति की शुरुआत कसबा विधानसभा से की थी। वह फरवरी 2005 में लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर कसबा से पहली बार चुनाव लड़े, जिसमें वह तीसरे नंबर पर रहे। वहीं, अक्टूबर 2005 का चुनाव वह भाजपा के टिकट पर बायसी से लड़े, जिसमें उनकी हार हुई।

वह पहली बार 2010 में भाजपा के टिकट पर बायसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये। लेकिन, 2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने जदयू का दामन थाम लिया।

जब 2014 में लोकसभा चुनाव हुआ तो जदयू ने पूर्णिया से संतोष कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया। चुनाव में कुशवाहा ने भाजपा के उम्मीदवार उदय सिंह को 1,16,669 वोटों से हराया।

तीन करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक

48 वर्षीय संतोष कुशवाहा क़रीब एक करोड़ रुपये की चल संपत्ति के मालिक हैं। उनकी अचल संपत्ति की अनुमानित क़ीमत क़रीब 2 करोड़ 70 लाख रुपये है। उन्होंने बैंक से क़रीब 98 लाख रुपये का कर्ज़ ले रखा है।

उनकी पत्नी के पास 1 करोड़ 81 लाख से अधिक रुपये की चल संपत्ति और क़रीब तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। उन्होंने बैंक से तक़रीबन 66 लाख रुपये का लोन ले रखा है।

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संतोष कुशवाहा ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है। उनके ऊपर कोई भी आपराधिक मुक़दमा दर्ज नहीं है।

राजद उम्मीदवार बीमा भारती

पूर्णिया सीट पर राजद ने 49 वर्षीय बीमा भारती को अपना उम्मीदवार बनाया है। वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।

बीमा भारती पहली बार वर्ष 2000 में रुपौली सीट से निर्दलीय विधायक चुनी गई। बाद में उन्होंने राजद का दामन थाम लिया।

फरवरी 2005 के चुनाव में रुपौली सीट से बीमा भारती की हार हुई। हालांकि, अक्टूबर 2005 का चुनाव उन्होंने जीत लिया था।

2010 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने जदयू का दामन थाम लिया। रुपौली सीट पर 2010, 2015 और 2020 का विधानसभा चुनाव उन्होंने जदयू के टिकट पर ही जीता।

2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह एक बार फिर अपनी पुरानी पार्टी राजद में शामिल हो गईं।

भारती के नाम पर दर्ज संपत्ति

बीमा भारती के पास 2 करोड़ 55 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति है। उनके ऊपर 16 लाख 56 हज़ार रुपये का बैंक क़र्ज़ है। वहीं, उनके पति के पास 1 करोड़ 36 लाख रुपये की कुल संपत्ति है।

बीमा भारती के खिलाफ रुपौली, भवानीपुर और पूर्णिया पुलिस स्टेशन में तीन मुक़दमे दर्ज हैं। उन्होंने मैट्रिक तक पढ़ाई की है।

निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव

पप्पू यादव तीन बार पूर्णिया के सांसद रह चुके हैं। 1991, 1996 और 1999 का लोकसभा चुनाव पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट से जीता। हालांकि, 1998 और 2004 के चुनाव में पप्पू यादव को पूर्णिया से हार का सामना करना पड़ा।

जब पूर्णिया सीट पर चार साल बाद आया रिज़ल्ट

1991 में चुनाव परिणाम के लिये पप्पू यादव को चार साल का इंतजार करना पड़ा। दरअसल, मतदान के दिन सभी प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग से चुनाव के दौरान बूथों को लूटने और बड़े पैमाने पर धांधली की शिकायत की।

इस शिकायत पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने पूर्णिया सीट के नतीजे पर रोक लगा दी थी। चार साल बाद मार्च 1995 में चुनाव आयोग ने निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव को विजेता घोषित किया।

मधेपुरा से शुरू हुआ सियासी सफर

पप्पू यादव ने पूर्णिया के अलावा मधेपुरा लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ा है। वह मधेपुरा सीट पर हुए 2004 के उपचुनाव और 2014 के आम चुनाव में सांसद चुने गये।

2019 में पप्पू यादव ने अपनी खुद की जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) से मधेपुरा सीट पर चुनाव में खड़े हुए, लेकिन वह तीसरे नंबर पर आए।

पप्पू यादव 1990 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मधेपुरा के सिंहेश्वर से पहली बार विधायक बने। वह 1995 में सिंहेश्वर और 2020 में मधेपुरा से विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन दोनों चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे।

पप्पू यादव की चल-अचल संपत्ति

56 वर्षीय पप्पू यादव के पास पौने दो करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। वहीं, उनकी पत्नी और राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन के नाम पर कुल 8 करोड़ 34 लाख रुपये की संपत्ति है।

पप्पू यादव ने मधेपुरा के भूपेंद्र नारायण मंडल यूनिवर्सिटी से स्नातक (ग्रेजुएशन) किया है।

कुल 41 मुक़दमे हैं दर्ज

पप्पू यादव के ख़िलाफ़ पूर्णिया के बनमनखी, क़स्बा, रुपौली, जानकीनगर, ख़जांची हाट समेत पटना के विभिन्न थानों में कुल 41 मुक़दमे दर्ज हैं। इनमें ज़्यादातर मामले पटना जिले के हैं। सभी मुक़दमों का डिटेल पप्पू यादव ने अपने चुनावी हलफनामे (election affidavit) में दिया है।

हलफनामे के अनुसार, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149 यानी हथियार से लैस होकर दंगा करना, धारा 395 यानी डकैती, धारा 307 यानी हत्या का प्रयास, धारा 365 यानी अपहरण, धारा 456 यानी चोरी-छुपे किसी के घर में घुसना या घर में सेंध लगाना, आर्म्स एक्ट की धारा 27 और महामारी एक्ट की विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज हैं।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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