बुधवार को किशनगंज के बहादुरगंज प्रखंड स्थित कटहलबाड़ी हाट में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का ‘कारवां-ए-इत्तेहाद व भाईचारा यात्रा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ज़मा खान और बिहार विधान परिषद के सदस्य खालिद अनवर शरीक हुए। मंच पर जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा पूर्व विधायक मुजाहिद आलम, बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद इरशादुल्लाह, पूर्व मंत्री नौशाद आलम और बहादुरगंज के विधायक अंजार नईमी भी मौजूद रहे।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने प्रेस वार्ता कर भारतीय जनता पार्टी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति करने वालों को जनता 2024 के लोकसभा चुनाव में सबक सिखाएगी और मोदी जी को झोला उठा कर चलने पर मजबूर कर देगी।
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“2024 में वह (नरेंद्र मोदी) नहीं आएंगे। वह बोले थे कि हम झोला लेकर आए हैं झोला लेकर चले जाएंगे। हमलोग झोला रखवा कर उनको भेज देंगे। झोला लेकर नहीं जाने देंगे, झोला रखवा लेंगे और कहेंगे जाइए। हो गया उनका, जितना ठगना था ठग लिए देश को। आप काम की बात करो, काम से वोट लो। जाति धर्म की राजनीति का कोई मतलब है? इस देश को आज़ादी दिलाने के लिए सभी समाज के लोगों ने फांसी के फंदे को चूम लिया था। 25 से 30 साल के जवान फांसी के फंदे को चूम लिये थे। करोड़ों लोग कुर्बान हो गए, गोलियां खा गए, किसके लिए? इन लोगों का कोई अता-पता था उधर। जाति धर्म का क्या मतलब है राजनीति में? जो जिस जाति धर्म का है माने अपना,” उन्होंने कहा।
प्रेस वार्ता के दौरान जब एक पत्रकार ने पूछा कि अगर मोदी जी झोला उठाकर चल देंगे तो प्रधानमंत्री कौन बनेगा? इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि देश के नौजवान चाहते हैं कि नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बनें, बाकी निर्णय बड़े लोगों के हाथ में है।
“जदयू सरकार में बढ़ा अल्पसंख्यक विभाग का बजट”
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ज़मा खान ने अपने भाषण में नीतीश सरकार की उपलब्धियों तथा ‘कारवां-ए- इत्तेहाद व भाईचारा यात्रा’ के उद्देश्यों को बताया। उन्होंने नीतीश सरकार के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के बजट में बढ़ोतरी की तारीफ की और कहा कि जब जदयू की सरकार नहीं थी, तब अल्पसंख्यक विभाग का बजट 3 करोड़ 45 लाख रुपये था, लेकिन अब हमारी सरकार में यह बजट 1,760 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा विकास के साथ-साथ भाईचारा व इत्तेहाद की बात की है, और उनकी सरकार में जो भी उन्माद फैलाएगा, उसको सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
‘किशनगंज के नौजवानों को आगे आना होगा’
मंत्री ज़मा खान ने कहा कि आज मुल्क संकट में है। देश में अमन, चैन, भाईचारा और सौहार्द बना रहे, इसके लिए किशनगंज के नौजवानों को आगे आना होगा। खान ने अपने भाषण में इशारों में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की जमकर आलोचना की और इसे किशनगंज समेत पूरे बिहार के लिए खतरा बताया। हालांकि मंत्री ने खुले तौर पर असदुद्दीन ओवैसी या एआईएमआईएम का नाम नहीं लिया।
“ऐसे लोग जो बाहर से चलकर आते हैं, वो आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में मेहनत नहीं करते हैं। बल्कि बिहार, उत्तर प्रदेश में अलायंस चाहते हैं, ताकि उन्माद फैलाएं और बीजेपी को फायदा पहुंचे। सामने 2024 का चुनाव है, आप होशियार हो जाइए और बहकावे में नहीं आइए। इस समय मुल्क संकट में है, इसलिए ऐसे लोगों को जवाब देना है कि आप आंध्रा चले जाओ। यहां हमें भाईचारा मोहब्बत की बात करने दो। आज हम हिंदू–मुसलमान करने नहीं आए हैं। हम लोग एकता, मानवता की बात करने आए हैं और भाईचारे का मैसेज देने आपके बीच आए हैं,” उन्होंने कहा
क्या है ‘कारवां-ए- इत्तेहाद व भाईचारा’?
बिहार में सत्तारूढ़ जदयू द्वारा एक अगस्त से छह सितंबर के बीच ‘कारवां-ए- इत्तेहाद व भाईचारा’ यात्रा निकाली जा रही है। राज्य के 26 ऐसे ज़िले जहां पर मुस्लिम मतादाताओं की तादाद ज्यादा है, वहां से यह यात्रा गुज़रेगी। यात्रा का नेतृत्व जदयू के विधान पार्षद खालिद अनवर कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस यात्रा का मकसद मुस्लिम वोटरों को जदयू से जोड़ना है। यात्रा के दौरान प्रत्येक जिले में लोगों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम और देश की मौजूदा स्थितियों के बारे में बताया जा रहा है।
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