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अमौर में सड़क अधूरा छोड़ दिया, राहगीर होते हैं परेशान

पूर्णिया जिले के अमौर प्रखंड स्थित हरिपुर पंचायत का फ़रसा डांगी गांव विकासशील भारत से विकसित भारत के सफर में कहीं पीछे छूट गया है। इस गांव में पक्की सड़क नहीं है।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
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पूर्णिया जिले के अमौर प्रखंड स्थित हरिपुर पंचायत का फ़रसा डांगी गांव विकासशील भारत से विकसित भारत के सफर में कहीं पीछे छूट गया है। इस गांव में पक्की सड़क नहीं है। करीब एक वर्ष पहले गांव के लिए सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया था, जो बीच में ही रोक दिया गया।

जनता हाट से बैलगाछी को जोड़ने वाली इस सड़क के बीच में फ़रसा डांगी गांव पड़ता है जहां सड़क कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है।

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गांव निवासी इज़हारुल हक़ पैदल ही पास के जनता हाट जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सड़क इतनी खराब है कि सवारी गाड़ी भी जल्दी नहीं मिलती। उन्होंने आगे बताया कि साल भर पहले सड़क पर गिट्टी इत्यादि डाली गई थी, लेकिन उसके बाद सड़क निर्माण का कोई काम शुरू नहीं किया गया।


स्थानीय मोहम्मद इज़हार ने बताया कि बरसात के दौरान गांव में जहां जहां ज़्यादा कीचड़ जमा होता था वहां पिछले वर्ष मिटटी और गिट्टी डालकर कामचलाव काम किया गया था, लेकिन गांव में अब तक पक्की सड़क का नामोनिशान नहीं है।

मोहम्मद शहीम पहली कक्षा का छात्र है। वह रोज़ाना पैदल ही जनता हाट के एक स्कूल में पढ़ने जाता है। शहीम ने बताया कि बरसात के दिनों में सबसे अधिक परेशानी होती है। स्कूल जाते समय गिर जाने से अक्सर चोट लगती रहती है, कपड़े गंदे हो जाते हैं। स्कूली छात्रों के अलावा गांव की महिलाओं को भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सड़क न होने से गांव में सार्वजनिक परिवहन ज़्यादा सक्रिय नहीं है। स्थानीय ई-रिक्शा चालाक दिलख़ुश उन दर्जनों चालकों में से एक हैं जो ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर रोज़ाना जोखिम मोल लेकर सवारियों को उनके मंज़िल तक पहुंचाते हैं।

इस मामले में ‘मैं मीडिया’ ने हरिपुर पंचायत के मुखिया ख़्वाजा तौक़ीर से फ़ोन पर बात की। उन्होंने बताया कि फ़रसा डांगी गांव में आने वाली सड़क का काम अभी तक रुका हुआ है। हालांकि विधायक अख्तरुल ईमान से बात हुई है और जल्द ही गांव की छूटी हुई सड़क को दोबारा मुख्य मार्ग से जोड़ दिया जाएगा। उनके अनुसार कुछ विभागीय कारणों से सड़क निर्माण का काम बीच में रोक दिया गया था, लेकिन पिछले दिनों सड़क निर्माण का शिलान्यास भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आशा है कि जल्द ही सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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